Rajya Sabha Election 2022: छत्तीसगढ़ से राजीव शुक्ला और रंजीत रंजन का नाम फाइनल!!
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Rajya Sabha Election 2022: छत्तीसगढ़ से राजीव शुक्ला और रंजीत रंजन का नाम फाइनल!!

छत्तीसगढ़ में राज्यसभा (Rajya Sabha) की 2 सीटों के लिए कांग्रेस ने नाम फाइनल कर दिया है. कांग्रेस (Congress) ने जो दो नाम दिए हैं उसमें राजीव शुक्ला (Rajeev Shukla) और रंजीत रंजन (Ranjeet Ranjan) को राज्यसभा भेजना तय हुआ है.

Rajya Sabha Election 2022: छत्तीसगढ़ से राजीव शुक्ला और रंजीत रंजन का नाम फाइनल!!

रायपुर: छत्तीसगढ़ में राज्यसभा (Rajya Sabha) की 2 सीटों के लिए कांग्रेस ने नाम फाइनल कर दिया है. कांग्रेस (Congress) ने जो दो नाम दिए हैं उसमें राजीव शुक्ला (Rajeev Shukla) और रंजीत रंजन (Ranjeet Ranjan) को राज्यसभा भेजना तय हुआ है. बताया जा रहा है कि 31 मई तक दोनों नेता छत्तीसगढ़ विधानसभा पहुंचकर अपना नामांकन भरेंगे. छत्तीसगढ़ के कोटे से 2 राज्यसभा सीट के लिए लंबे  समय से कई नामों पर चर्चा चल रही थी, जिसमें लोकल उम्मीदवार के नाम पर सबसे ज्यादा चर्चा में थे.

लोकल नाम की जगह कांग्रेस ने दोनों बाहरी नाम पर मुहर लगाई है. कांग्रेस ने राजीव शुक्ला और रंजीत रंजन जैसे नेताओं को राज्यसभा भेजने का फैसला किया है. इसके लिए हाईकमान से भी मुहर लग चुकी है. राजीव शुक्ला को पार्टी ने फिर से राज्यसभा भेजने का फैसला किया है. दूसरी तरफ बिहार के सुपौल से लोकसभा सांसद रह चुकी रंजीत रंजन का नाम सामने आना चर्चा का विषय बन गया है. रंजीत रंजन पूर्व सांसद पप्पू यादव की पत्नी है. वो 2019 के लोकसभा चुनाव में हार गई थी. रंजीत रंजन की मुखर छवि अक्सर चर्चा में रहती है.  

2024 के लिए पार्टी को कैसे मजबूत किया जाए इसकी रणनीति पर मोहन मरकाम ने कहा कि दोनों सीटों के लिए नाम पर हाईकमान ने मुहर लगा दी है. हाईकमान का फैसला पर्टी को स्वीकार है. हाईकमान ने पहले कह दिया है अब वक्त आ गया है, कांग्रेस ने बहुत कुछ दिया अब त्याग का समय आ गया है. 2024 के लिए पार्टी को कैसे मजबूत किया जाए उसी रणनीति के तहत फैसला लिया गया है, जो निर्णय हुआ है हाईकमान की सोच से हुआ है. छत्तीसगढ़ के विकास के लिए हम सभी काम करेंगे. हाईकमान के निर्णय पर किसी को उंगली नहीं उठाना चाहिए. मरकाम ने आगे कहा कि भाजपा में छत्तीसगढ़ में कोई नेतृत्व नहीं बचा है केंद्रीय नेतृत्व के दम पर छत्तीसगढ़ में चुनाव लड़ना चाहते हैं. भाजपा के पास क्या कोई नेता नहीं बचा है जो केंद्रीय नेतृत्व के दम पर चुनाव लड़ने की तैयारी कर रही है. चाहे भाजपा हो या कांग्रेस केंद्रीय नेतृत्व के फैसले पर ही सबकुछ तय होता है.

 

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