Balrampur News: बलरामपुर जिले में फारेस्ट विभाग की नर्सरी में काम करने वाली मजदूर महिलाओं को अब अपने मजदूरी के लिए भटकना पड़ रहा है, जिसको लेकर विभाग के अधिकारी ने राज्य सरकार से पैसा नहीं मिलने की बात कह रहे हैं. जानिए क्या है पूरा मामला.
क्या है पूरा मामला? पूरा मामला बलरामपुर जिला मुख्यालय से लगे हुए वन विभाग की पौधा नर्सरी से जुड़ा हुआ है. यहां पर साल भर से काम करने वाली ग्रामीण मजदूर महिलाओं ने मजदूरी का भुगतान नहीं मिलने का आरोप लगाया है.
नर्सरी में काम करने वाली करीब दो दर्जन से ज्यादा महिला मजदूरों ने बताया है कि उनके द्वारा साल भर पहले वन विभाग की नर्सरी में मनरेगा के तहत मजदूरी का कार्य किया गया था, लेकिन उनको आज तक मजदूरी का भुगतान नहीं हो पाया है.
साल भर से अटकी है मजदूरी: जब महिलाओं ने विभाग के अधिकारियों से इसे लेकर बात की तो उन्होंने खाते में पैसे भेजने की बात कहकर टाल मटोल कर दिया, लेकिन जब मजूदरों के द्वारा बैंक में जाकर अपना अकाउंट चेक किया जाता है तो उसमें मजदूरी की राशि नहीं पाई गई. इससे परेशान महिला मजदूरों ने वन विभाग पर लापरवाही का आरोप लगाया है.
अधिकारी ने सरकार को ही कटघरे में डाला: मजूदरी भुगतान को लेकर रेंजर देव कुमार यादव ने सरकार को ही कटघरे में खड़ा कर दिया है. उनका कहना है मनरेगा में 150 दिन का रोजगार मजदूरों को दिया जाता है, जिसमे 100 दिन का मजदूरी का भुगतान केंद्र सरकार से मिलता है जो कि प्राप्त हो चुका है और नर्सरी में काम करने वाले मजदूरों को भुगतान भी कर दिया गया है.
रेंजर देव कुमार यादव के अनुसार, बाकी 50 दिन का मजदूरी का भुगतान राज्य सरकार द्वारा दिया जाता है जो अभी तक नहीं मिल पाया है.
मजदूरों को हक का इंतजार: पैसे कहां अटके हैं और किस सरकार ने नहीं दिए. ये तो तमाम बाते अधिकारी और सरकारें जाने, लेकिन इन लापरवाहियों के बीच गरब मजदूरों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. अब देखना होगा कि अधिकारियों के कहे मुताबिक, राज्य सरकार से मजदूरी का पैसा कम मिलता है और मजदूरों को इसका भुगतान कब तक होता है.
ट्रेन्डिंग फोटोज़