Balrampur News: खतरे में बलरामपुर रिजर्व फारेस्ट! अवैध उत्खनन को प्रशासन की मौन सहमति, ग्रामीणों को मारने की धमकी
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Balrampur News: खतरे में बलरामपुर रिजर्व फारेस्ट! अवैध उत्खनन को प्रशासन की मौन सहमति, ग्रामीणों को मारने की धमकी

Balrampur News: बलरामपुर जिले में NGT के निर्देश के बाद भी प्रशासन की मौन सहमति से रिजर्व फारेस्ट एरिया से रेत का अवैध उत्खनन और भंडारण हो रहा है. इतना ही नहीं रेत माफिया के गुर्गे ग्रामीणों को धमकी भी देते हैं. वहीं जिम्मेदार वाहन की कमी से कार्रवाई नहीं करने की बात कर रहे हैं.

Balrampur News: खतरे में बलरामपुर रिजर्व फारेस्ट! अवैध उत्खनन को प्रशासन की मौन सहमति, ग्रामीणों को मारने की धमकी

Balrampur News: बलरामपुर। छत्तीसगढ़ में इन दिनों NGT के निर्देश लागू हैं और इस समय नदियों से रेत का उत्खनन पुर्णतः वर्जित है. ताकि, जलीय जीवजंतुओं को कोई नुकसान न पहुंच सके. लेकिन, बलरामपुर जिले में वाड्रफनगर विकासखंड के तोरफा गांव से बहने वाली मोरन नदी में इन दिनों तेजी से रेत उत्खनन हो रहा है. बता दें मोरन नदी सूरजपुर और बलरामपुर की सीमा को तय करती है और यह क्षेत्र रिजर्व फारेस्ट के अंतर्गत आता है. जहां पर कानून के मुताबिक एक पत्ता भी तोड़ना अपराध की है.

वन विभाग, पुलिस और प्रशासन की मौन सहमती
प्रतिबंध के बाद भी लगातार हो रहे उत्खनन के कारण के रेत माफिया को फारेस्ट, पुलिस और जिला प्रशासन की मौन सहमति के आरोप लग रहे है. ऐसा इसलिए की रेत माफिया इन दिनों नदी से ट्रैक्टर के माध्यम से रेत का अवैध उत्खनन करवा कर गांव में ही उसका भंडारण करवा रहा है. लेकिन, ग्रामीण जब रेत उत्खनन का विरोध करते हैं तो रेत माफिया के गुर्गों द्वारा जान से मारने की धमकी भी दी जाती है जिससे ग्रामीण भी डरे हुए है.

गांव में अवैध भंडारण से ग्रामीण परेशान
गांव के सरपंच ने बताया है कि रेत माफिया प्रशासन की सह पर मनमानी कर रहा है और सभी नियमों को ताक पर रखते हुए रेत का अवैध भंडारण कर रहा है. लेकिन, उसपर अभी तक कोई कार्रवाई नहीं हो सकी है. ग्रामीणों ने बताया कि रेत परिवहन से गांव की सड़क भी टूट रही है जिससे गांव तक एम्बुलेंस भी पहुंचने में दिक्कत होगी. इतना ही नहीं इससे सरकार को भी लाखों का नुकसान हो रहा है.

माफियाओं को राजनीतिक संरक्षण
ग्रामीणों का दावा है कि रेत माफिया द्वारा फिलहाल अवैध तरीके से गांव में रेत का भंडारण करवाया जा रहा है और आने वाले कुछ दिनों बाद रेत को अवैध तरीके से उत्तरप्रदेश में बेचा जाएगा. जिला प्रशासन पूरे मामले में तमाशबीन बना रहेगा. क्योंकि रेत माफिया को कहीं न कहीं राजनीतिक संरक्षण प्राप्त है और यही वजह है कि अधिकारी भी उसके गलत काम को रोकने में हस्तक्षेप नहीं कर रहे हैं.

इस लिए कर्मचारी नहीं कर रहे कार्रवाई
मामले की जानकारी फारेस्ट विभाग के साथ-साथ पुलिस प्रशासन और जिला प्रशासन को भी है. लेकिन, अभी तक किसी प्रकार की कोई कार्रवाई नहीं की गई जिससे ग्रामीणों ने नाराजगी भी देखने को मिल रही है. इस मामले में खनिज इंस्पेक्टर से बात की गई तो उनके द्वारा कह दिया गया कि हमारे विभाग में फिलहाल कोई शासकीय वाहन ही नहीं है. इसलिए हम कार्रवाई करने नहीं जा पर रहे हैं. वाहन उपलब्ध होगा तब जाएंगे. ऐसे में आप अंदाजा लगा सकते हैं विभागीय कर्मचारी किस तरह से लापरवाह हैं.

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