सड़क होती तो बच जाती जान! तड़प-तड़पकर बुजुर्ग ने तोड़ा दम
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सड़क होती तो बच जाती जान! तड़प-तड़पकर बुजुर्ग ने तोड़ा दम

छत्तीसगढ़ के कोरिया जिले के एक गांव में सड़क न होने बुजुर्ग की मौक का कारण बन गया. गांव में एंबुलेंस न पहुंचने के कारण लोग उल्टी दस्त से परेशान बुजुर्ग को खाट पर लेकर जा रहे थे. एंबुलेंस मेन रोड़ पर खड़ी हुई थी, ग्रामीण जब तक वहां पहुंच पाते बुजुर्ग ने दम तोड़ दिया.

सड़क होती तो बच जाती जान! तड़प-तड़पकर बुजुर्ग ने तोड़ा दम

सरवर अली/कोरिया: आज के विकास की चकाचौंध में किसी के लिए भरोसा करना मुस्किल होगा कि किसी गांव में सड़क न होना मौत का कारण बन सकता है, लेकिन छत्तीसगढ़ के कोरिया जिले के पाराडोल अंतर्गत आने वाले बोढ़ेबहरा में ऐसा हुआ है. यहां सड़क के आभाव में एंबुलेंस नहीं पहुंच सकी. ग्रामीणों ने अपने स्तर पर बुजुर्ग को खाट के सहारे एंबुलेंस तक पहुंचाने का प्रयास किया, लेकिन तब तक बुजुर्ग ने दम तोड़ दिया.

उल्टी दस्त और बुखार से तड़प रहा था बुजुर्ग
ग्राम पाराडोल के बोढ़ेबहरा मोहल्ला में 2 किलोमीटर सड़क नहीं होने से बुजुर्ग ने दम तोड़ दिया. उल्टी दस्त और बुखार से तड़प रहे बुजुर्ग को परिजनों ने सड़क के अभाव में खाट पर लादकर उबड़ खाबड़ रास्ते में पैदल चलकर मुख्य मार्ग में खड़ी एंबुलेंस तक लाने का प्रयास किया. एंबुलेंस तक पहुंचने से पहले ही रास्ते में मरीज विजय बड़ा ने दम तोड़ दिया.

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सड़क होती तो बच जाती जान
मृतक के पत्नी का कहना है कि गांव में सड़क नहीं होने के कारण मेरे पति की मौत हो गई. क्योंकि 108 को बुलाया गया था हम लोग पैदल चलकर ले जा रहे थे रास्ते नहीं मेरे पति की मौत हो गई. वहीं सरपंच ने बताया कि उन्होंने विधायक से सड़क व पुलिया बनाने की गुहार लगाई थी, लेकिन आज तक कोई सुनवाई नहीं हुई.

विधायक ने दी सफाई
इस घटना ने गांवो में सरकार के विकास के तमाम दावों की जमीनी हकीकत सामने ला दी है. किरकिरी होने के बाद मनेन्द्रगढ़ विधायक डॉ विनय जयसवाल सफाई दी है. उन्होंने कहा कि उस सड़क के लिए स्वीकृति दी जा चुकी है, जल्द ही सड़क बन जाएगी.

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