chhattisgarh news: नवरात्रि के इस शुभ अवसर पर पढ़िए धमतरी स्थित मां विंध्यवासिनी के इस मंदिर की महिमा, जहां मोदी-योगी के नाम पर जलाई गई है ज्योत.
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Dhamtari News: नवरात्रि के इस पावन मौके पर हर तरफ लोग माता की भक्ति में लीन हैं, लेकिन धमतरी के विंध्यवासिनी माता के इस मंदिर का नजारा कुछ अलग ही है. बिलाई माता के नाम से प्रसिद्ध माता के इस दरबार में पिछले करीब 600 वर्षों से आस्था की ज्योति जल रही है और भक्त कई बार यहां के चमत्कारों से रूबरू हो चुके हैं.
मोदी-योगी की ज्योत
इस बार मां विंध्यवासिनी के दरबार में पीएम मोदी, गृह मंत्री अमित शाह, यूपी सीएम योगी आदित्यनाथ के नाम पर ज्योति कलश जलाए गए हैं. इतना ही नहीं यहां विदेशी श्रद्धालुओं के ज्योति कलश भी प्रज्ज्वलित किए गए हैं. दरअसल, मनोकामना पूर्ति के लिए दोनों नवरात्रि में देवी मां के दरबार में ज्योति कलश जलाने की परंपरा सदियों से चली आ रही है. इसी क्रम में इस बार 1441 कलश जलाए जाएंगे.
मां विंध्यवासिनी मंदिर का इतिहास
मां विंध्यवासिनी मंदिर के इतिहास के बारे में यह माना जाता है कि जब कांकेर के राजा नरहरदेव शिकार के लिए जा रहे थे तो उन्हें धाघोर जंगल में देवी मां के दर्शन हुए और उसके बाद उन्होंने मां विंध्यवासिनी की पूजा की. तब से लेकर आज तक वह इसी शक्ति स्थली में मां शक्ति की आराधना होती हैं. भक्तों का यह भी मानना है कि प्राचीन काल से ही देवी दुर्गा अगांरमोती, रिसाई मां दंतेशरी माता के रूप में इस क्षेत्र की रक्षा करती आ रही हैं. धमतरी के रामबाग में मौजूद यह धाम उसी मां का दरबार है जो प्राचीन काल में गंगरेल की बीहड़ घाटियों में निवास करती थी. मां विंध्यवासिनी की यह मूर्ति स्वयं लगभग 500-600 वर्ष पूर्व प्रकट हुई थी. ऐसा माना जाता है कि बिलाई माता, मां विंध्यवासिनी, जंगलों के बीच धरती से प्रकट हुई थीं. तभी से मां यहां भक्तों की मनोकामनाएं पूरी करती आ रही हैं.
बिल्लियों का डेरा
पुजारी राजा तिवारी ने बताया कि जब माता पहली बार प्रकट हुईं तो उनके पाषाण स्वरूप के दोनों ओर दो काली बिल्लियां थीं, जो मंदिर बनने के बाद गायब हो गईं. पुजारी ने ये भी बताया कि इस मंदिर में आने वाला कोई भी व्यक्ति खाली हाथ नहीं लौटता, बल्कि यहां आने वाले भक्त को अपार सुख की अनुभूति होती है. माता के इस दरबार की कृपा हर वर्ग और समुदाय पर समान रूप से है. वहीं माता के दरबार के भक्तों का कहना है कि वन देवियों की बड़ी बहन मानी जाने वाली ये मां विध्यंवासिनी धमतरी के उत्तर दिशा में वास करती रही हैं और भक्तों के दुख दूर करती रही हैं. बिलाई माता की कृपा आज भी उनके दर पर आने वालों पर बरसती रहती है.