Chhattisgarh News: छत्तीसगढ़ में डॉक्टरों की सुरक्षा पर साय सरकार ने भी बड़ा फैसला लिया है. अस्पतालों में बंदूकधारी सुरक्षाकर्मियों की नियुक्तियां की जाएगी.
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कोलकाता में जूनियर महिला डॉक्टर से रेप और हत्या के बाद से डॉक्टरों की सुरक्षा का मुद्दा देशभर में छाया है. हर राज्य में कोलकाता की घटना को लेकर विरोध भी हो रहा है. इस बीच छत्तीसगढ़ की साय सरकार ने भी डॉक्टरों और अस्पतालों की सुरक्षा बढ़ाने के लिए अहम फैसला लिया है. मेकाहारा अस्पताल का जायजा लेने पहुंचे स्वास्थ्य मंत्री श्यामबिहारी जायसवाल ने बड़ा बयान दिया है. उन्होंने बताया कि छत्तीसगढ़ के अस्पतालों में बंदूकधारी सुरक्षा कर्मियों की नियुक्तियां की जाएगी, जबकि अस्पतालों की सुरक्षा व्यवस्था भी और चौकस की जाएगी.
छत्तीसगढ़ सरकार का बड़ा फैसला
दरअसल, कोलकाता की घटना के बाद डॉक्टरों की सुरक्षा को लेकर कानून बनाने की मांग चल रही है. वहीं राज्य सरकारें इस घटना के बाद अपने-अपने स्तर पर डॉक्टरों की सुरक्षा को लेकर फैसले ले रही हैं. छत्तीसगढ़ के स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल का कहना है कि डॉक्टरों और अस्पतालों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए अस्पतालों में बंदूकधारी सुरक्षा कर्मियों की नियुक्तियां की जाएंगी. इस काम के लिए सेना से रिटायर्ड जवानों को प्राथमिकता दी जाएगी. उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य विभाग के सीनियर अधिकारियों के साथ भी बैठक हो रही है. जिसमें कई अहम मुद्दों पर बातचीत करके आगे के फैसले लिए जाएंगे.
CCTV कैमरे बढ़ेंगे
मंत्री का कहना है कि अस्पतालों में डॉक्टरों के साथ-साथ मरीज के परिजनों को भी सभी सुविधाएं मिले इस बात का पूरा ध्यान रखने के निर्देश अधिकारियों को दिए गए हैं. इसके अलावा अस्पताल में तैनात स्टाफ की सुरक्षा उनकी प्राथमिकता है, इसलिए सभी अस्पतालों में सीसीटीवी कैमरे भी और ज्यादा बढ़ाए जाएंगें. जिन अस्पतालों में सीसीटीवी नहीं लगे हैं वहां कैमरे लगाने के निर्देश तुरंत जारी कर दिए गए हैं.
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वहीं मंत्री ने कहा कि समय-समय पर अस्पतालों में सफाई, सुरक्षा और मरीजों की सुविधाओं का जायजा भी लिया जाएगा. इसके अलावा अस्पतालों में जितने भी स्टाफ तैनात हैं, उनकी ड्यूटी टाइमिंग की जानकारी भी रखी जाएगी. इन सभी सुविधाओं को बढ़ाने के लिए अधिकारियों को निर्देशित किया गया है.
बता दें कि कोलकाता की घटना के बाद छत्तीसगढ़ में भी लगातार जूनियर डॉक्टरों ने हड़ताल की थी. इसके अलावा दूसरे सभी डॉक्टर्स और अन्य संगठन भी इस घटना के विरोध में सड़कों पर उतरे थे. कोलकाता की घटना के बाद से ही देशभर में डॉक्टरों की सुरक्षा को लेकर सख्त कानून बनाने की मांग शुरू हो गई है.
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