अभिषेक मिश्रा हत्याकांड में बिलासपुर हाईकोर्ट का बड़ा फैसला, दो आरोपी बरी, लाश के ऊपर उगाई थी सब्जी!
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अभिषेक मिश्रा हत्याकांड में बिलासपुर हाईकोर्ट का बड़ा फैसला, दो आरोपी बरी, लाश के ऊपर उगाई थी सब्जी!

Chhattisgarh High Court: छत्तीसगढ़ के बहुचर्चित अभिषेक मिश्रा हत्याकांड मामले में हाईकोर्ट ने दो दोषियों को बरी कर दिया है. बताया जा रहा है कि अभियोजन पक्ष सुनवाई के दौरान घटना की कड़ियों को जोड़ नहीं पाया, जिसका पूरा लाभ आरोपितों को मिला.

अभिषेक मिश्रा हत्याकांड में बिलासपुर हाईकोर्ट का बड़ा फैसला, दो आरोपी बरी, लाश के ऊपर उगाई थी सब्जी!

बिलासपुर:  बहुचर्चित अभिषेक मिश्रा हत्याकांड मामले में छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने दो दोषियों को बरी कर दिया है. इससे पहले जिला न्यायालय ने तीन में से 2 आरोपियों विकास जैन और अजीत सिंह को उम्र कैद की सजा सुनाई थी. सजा के बाद दुर्ग जिला न्यायालय के फैसले को दोनों दोषियों विकास जैन और अजीत सिंह ने हाईकोर्ट में चुनौती दी थी. ये पूरा मामला अजय देवगन की फिल्म दृश्यम से काफी मेल खाता है.

पहले जानिए पूरा मामला
दरअसल शंकराचार्य ग्रुप ऑफ कॉलेज जुनवानी के डायरेक्टर 9 नवंबर 2015 को अचानक गायब हो गए. परिजनों ने बताया कि वो जब से घर से निकले वापस ही नहीं लौटे. 10 नवंबर को 2015 को अभिषेक मिश्रा की गुमशुदगी रिपोर्ट की शिकायत दुर्ग के जेवरा चौकी में दर्ज हुई. 22 दिसंबर 2015 को पुलिस ने संदेह के आधार पर विकास जैन, उसके चाचा अजीत सिंह को हिरासत में लिया.फिर पुलिस ने स्मृति नगर से 23 दिसंबर को अजीत सिंह के मकान से अभिषेक का शव बरामद हुआ. इस मामले में 24 दिसंबर 2015 को विकास की पत्नी किम्सी जैन को भी पुलिस ने गिरफ्तार किया. हालांकि जिला कोर्ट ने किम्सी जैन को बरी कर दिया था.

बता दें कि अभिषेक मिश्रा के पिता आईपी मिश्रा ने तीसरी आरोपी किम्सी जैन को बरी करने के जिला न्यायालय के फैसले को हाईकोर्ट में चुनौती दी थी. जिस पर हाईकोर्ट ने जिला न्यायालय के फैसले को सही ठहराते हुए आईपी मिश्रा की याचिका को खारिज कर दिया.

शव के ऊपर उगा दी थी सब्जी
जानकारी के मुताबिक फिल्म दृश्यम के तर्ज पर अभिषेक मिश्रा को दफनाया गया था और उसके ऊपर सब्जी-भाजी उगा दी गई थी. इस मामले में पुलिस ने 24 दिसंबर 2015 को विकास की पत्नी किम्सी जैन को भी गिरफ्तार किया था. 6 साल तक चले इस मामले में कोर्ट ने 10 मई 2021 को विकास जैन और अजीत सिंह को दोषी ठहराते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी. वहीं विकास जैन की पत्नी किम्सी जैन को बरी कर दिया था.

दोषियों ने हाईकोर्ट में दी चुनौती
वहीं जिला कोर्ट के उम्रकैद वाले फैसले को विकास जैन और अजीत सिंह ने छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट में चुनौती दी थी. इस मामले में सुनवाई करते हुए, सोमवार को आरोपितों की पैरवी करने वाली वकील उमा भारती साहू ने बताया कि ये पूरा मामला परिस्थितिजन्य साक्ष्य पर टिका था. अभियोजन पक्ष सुनवाई के दौरान घटना की कड़ियों को जोड़ नहीं पाया. वहीं पूरे मामले में कोई प्रत्यक्षदर्शी पुलिस की विवेचना में नहीं है. 

पुलिस ने ये भी कहा था कि लाश के ऊपर सब्जियां उगा दी थी और 100 किलो से ज्यादा नमक डालकर ऐसा किया गया, ताकि बदबू न आ सके. तब बचाव पक्ष ने कहा कि अगर 45 दिनों तक लाश पड़ी रही तो और नमक का उपयोग किया होता तो वह घुल जाता, जबकि नमक ठोस अवस्था में मिला था. मृतक की पोस्टमार्टम रिपोर्ट में शरीर पर वार का उल्लेख नहीं है.

रिपोर्ट -  शैलेंद्र सिंह ठाकुर

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