Chhattisgarh News: छत्तीसगढ़ विधानसभा का मानसून सत्र चल रहा है. आज विधानसभा सत्र के दौरान रेडी टू ईट फूड सप्लाई के मुद्दे पर सत्ता और विपक्ष के बीच तीखी बहस हुई. विपक्ष का आरोप है कि तीन महीने से आंगनबाड़ी में रेडी टू ईट फूड की सप्लाई नहीं हो रही है. इस पर सरकार की तरफ से जो जवाब दिया गया, उसे लेकर हंगामा हो गया.
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सत्य प्रकाश/रायपुरः छत्तीसगढ़ विधानसभा में आज रेडी टू ईट फूड सप्लाई को लेकर हंगामा हो गया. दरअसल प्रश्नकाल के दौरान बीजेपी विधायक ने यह सवाल उठाया तो विभागीय मंत्री अनिला भेड़िया ने कहा कि अप्रैल में रेडी टू ईट की सप्लाई नहीं हुई है. इस पर भाजपा विधायक अजय चंद्राकर ने मई जून में भी सप्लाई नहीं होने का आरोप लगाया. इस मुद्दे पर सदन में हंगामा हो गया और सत्ता और विपक्ष आमने-सामने आ गए. इस दौरान नेताओं के बीच तीखी नोकझोंक हुई.
क्या है मामला
दरअसल बीजेपी विधायक सौरभ सिंह ने प्रश्नकाल के दौरान सवाल उठाया कि आंगनबाड़ी केंद्रों में अप्रैल महीने में पूरे प्रदेश में रेडी टू ईट फूड की सप्लाई नहीं हुई है. इसकी वजह क्या है? इसके जवाब में मंत्री अनिला भेड़िया ने माना कि अप्रैल में सप्लाई नहीं हुई है. अनिला भेड़िया ने कहा कि हाईकोर्ट में याचिका लगी है, इस वजह से सप्लाई नहीं हो सकी. इस पर सौरभ सिंह ने पूछा कि कई जगह स्व-सहायता समूहों का अनुबंध नहीं हुआ है और उन्हें बेरोजगार कर दिया गया है.
इसके जवाब में मंत्री अनिला भेड़िया ने कहा कि कई जगह स्व-सहायता समूह काम कर रहे हैं. कई जगह अनुबंध भी हो रहे हैं. हालांकि इस पर बीजेपी विधायक अजय चंद्राकर ने कहा कि अप्रैल, मई और जून, इन तीन महीनों में रेडी टू ईट फूड की सप्लाई नहीं हुई है. इन तीन महीनों में बच्चों के लिए सरकार ने क्या व्यवस्था की? इस पर मंत्री अनिला भेड़िया ने कहा कि मई-जून में सप्लाई हुई है.
अजय चंद्राकर ने इस पूरे मामले की संसदीय समिति से जांच करवाने की मांग की. नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक ने कहा कि जबसे करोड़पतियों को कॉन्ट्रैक्ट दिए हैं, तब से रेडी टू ईट की स्थिति खराब हुई है. माफिया घुस गए हैं. इसके बाद सदन में जमकर हंगामा हुआ और सत्ता और विपक्ष के विधायकों में जमकर तीखी नोक-झोंक हुई.
क्या है रेडी टू ईट फूड सप्लाई को लेकर विवाद
बता दें कि भूपेश बघेल सरकार ने आंगनबाड़ी में बच्चों को बांटे जाने वाले खाने को रेडी टू ईट फूड के रूप में बांटने का फैसला किया था और इस काम को केंद्रीयकृत तरीके से कराने का फैसला किया था. पहले यह काम विभिन्न महिला स्व सहायता समूहों द्वारा किया जाता था. सरकार के इस फैसले के खिलाफ कई महिला स्व सहायता समूहों ने हाईकोर्ट में जनहित याचिकाएं दाखिल की हैं. जिन पर कोर्ट द्वारा सुनवाई की जा रही है. यही वजह है कि सरकार ने हाईकोर्ट में मामला विचाराधीन होने के चलते अप्रैल में रेडी टू ईट फूड की सप्लाई ना होने की बात कही है.