भानुप्रतापपुर सीट पर कांग्रेस का कब्जा, सावित्री मंडावी ने ब्रह्मानंद नेताम को हराया
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भानुप्रतापपुर सीट पर कांग्रेस का कब्जा, सावित्री मंडावी ने ब्रह्मानंद नेताम को हराया

 सावित्री मंडावी के लिए सीएम भूपेश बघेल ने जमकर चुनाव प्रचार किया. ऐसा माना जा रहा है कि कांग्रेस सरकार के कामकाज के अलावा सावित्री मंडावी को पति के निधन के बाद मतदाताओं का सहानुभूति वोट भी मिला.

भानुप्रतापपुर सीट पर कांग्रेस का कब्जा, सावित्री मंडावी ने ब्रह्मानंद नेताम को हराया

रायपुरः छत्तीसगढ़ की भानुप्रतापपुर विधानसभा के उपचुनाव नतीजे जारी हो गए हैं. नतीजों के अनुसार, कांग्रेस की सावित्री मंडावी ने जीत दर्ज की है. सावित्री मंडावी ने बीजेपी के ब्रह्मानंद नेताम को 21,171 वोटों से हरा दिया है. छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव से पहले भानुप्रतापपुर उपचुनाव को बीजेपी और कांग्रेस, दोनों के लिए ही अहम माना जा रहा था. ऐसे में उपचुनाव में जीत से कांग्रेस को फायदा मिल सकता है. 

सरकारी नौकरी छोड़कर लड़ा चुनाव
कांग्रेस नेता मनोज मंडावी के निधन से भानुप्रतापपुर सीट खाली हुई थी. जिसके बाद यहां हुए उपचुनाव में कांग्रेस ने मनोज मंडावी की पत्नी सावित्री मंडावी को चुनाव मैदान में उतारा. सावित्री मंडावी राजनीति में आने से पहले सरकारी स्कूल में टीचर थीं. चुनाव के ऐलान के बाद उन्होंने सरकारी नौकरी से इस्तीफा दिया. सावित्री मंडावी के लिए सीएम भूपेश बघेल ने जमकर चुनाव प्रचार किया. ऐसा माना जा रहा है कि कांग्रेस सरकार के कामकाज के अलावा सावित्री मंडावी को पति के निधन के बाद मतदाताओं का सहानुभूति वोट भी मिला. सावित्री मंडावी को 65327 वोट मिले. वहीं बीजेपी उम्मीदवार ब्रह्मानंद नेताम को 44229 वोट मिले. 

बीजेपी को झटका
भानुप्रतापपुर उपचुनाव में ब्रह्मानंद नेताम की हार को बीजेपी के लिए झटका माना जा रहा है. ब्रह्मानंद नेताम आदिवासी वर्ग के बड़े नेता माने जाते हैं. यही वजह है कि आगामी चुनाव के लिहाज से बीजेपी के लिए यह हार बड़ी है. बता दें कि चुनाव के दौरान ही झारखंड में एक नाबालिग के साथ कथित दुष्कर्म और मानव तस्करी के मामले में ब्रह्मानंद नेताम का नाम सामने आया था. इसे लेकर झारखंड पुलिस ब्रह्मानंद नेताम को गिरफ्तार करने भानुप्रतापपुर भी पहुंची थी. हालांकि ब्रह्मानंद नेताम ने इसे राजनीतिक साजिश बताया था. बाद में झारखंड हाईकोर्ट ने ब्रह्मानंद नेताम को राहत देते हुए उनकी गिरफ्तारी पर रोक लगा दी थी. माना जा रहा है कि ब्रह्मानंद नेताम को इसका नुकसान उठाना पड़ा. 

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