Bhanupratappur by-election: सावित्री मंडावी v/s ब्रह्मानंद; जानें कांग्रेस और BJP ने क्यों चले गए ये दांव?
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Bhanupratappur by-election: सावित्री मंडावी v/s ब्रह्मानंद; जानें कांग्रेस और BJP ने क्यों चले गए ये दांव?

Bhanupratappur by-election: बीजेपी के बाद अब भानुप्रतापपुर के लिए छत्तीसगढ़ कांग्रेस ने भी अपना प्रत्याशी मैदान में उतार दिया है. सावित्री मंडावी के VRS लेने के बाद उनके चुनाव लड़ने की अटकलें अब सही सिद्ध हो गई हैं.

Bhanupratappur by-election: सावित्री मंडावी v/s ब्रह्मानंद; जानें कांग्रेस और BJP ने क्यों चले गए ये दांव?

Bhanupratappur by-election: रायपुर। छत्तीसगढ़ में भानुप्रतापपुर उपचुनाव का बिगुल बजने के बाद कांग्रेस ने भी अपना प्रत्याशी मैदान में उतार दिया है. कांग्रेस ने स्वर्गीय मनोज मंडावी की पत्नी सावित्री मंडावी को अपना प्रत्याशी बनाया है. इससे पहले बीजेपी ने पूर्व विधायक ब्रह्मानंद नेताम को अपना उम्मीदवार बनाने का ऐलान किया था. अब ये क्लियर हो गया है कि भानुप्रतापपुर की जंग सावित्री मंडावी और ब्रह्मानंद नेताम के बीच होना हैं.

14 लोगों में हुआ सावित्री मंडावी का चयन
छत्तीसगढ़ कांग्रेस कमेटी ने भानुप्रतापपुर विधानसभा उप चुनाव क लिए तीन नामों को शॉर्टलिस्ट किया था. इन नामों का को हाईकमान के पास भेजा गया था, जिसमें सावित्री मंडावी के नाम पर मुहर लगी और AICC की ओर से प्रेस रिलीज कर उनके आधिकारि प्रत्याशी होने का ऐलान कर दिया गया. बता दें तीन नाम शॉर्टलिस्ट करने से पहले प्रदेश कांग्रेस के बैठक में 14 नेताओं से टिकट के लिए दावा पेश किया था.

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पहले से मजबूत था दावा
सावित्री मंडावी का दावा पहले से ही मजबूत बताया जा रहा था. वो दो दिन पहले ही नामांकन पत्र ले चुकीं थी, इस कारण माना जा रहा था कि उनका टिकट फाइन है. सायद इसी कारण उन्होंने उपचुनाव के ऐलान के साथ ही अपने नौकरी से VRS ले लिया था.

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सावित्री पर दांव क्यों?
कांग्रेस को सावित्री मंडावी के मैदान में उतरने से सहानुभूति के वोट मिलने की उम्मीद है. इसके अवाला दिवंगत विधायक मनोज मंडावी की पत्नी हैं, इसका असर क्षेत्र में पड़ सकता है. कांग्रेस जानकारों का कहना है, सावित्री को समाज की सहानुभूति मिलेगी. दूसरी ओर उनकी छवि एक भद्र महिला की है, इससे विपक्षी उम्मीदवारों को उनपर सीधा हमला करने का कोई तरीका नहीं मिलेगा.

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बीजेपी से ब्रम्हानंद नेताम क्यों?
उपचुनाव में आरक्षण पर छाया रहेगा. ऐसे में पार्टियां ऐसा प्रत्याशी उतार रही हैं जो इस समय सीट जीत सके. बीजेपी के फैसले से भी कुछ ऐसा ही लगता है. ब्रम्हानंद नेताम 2008 मनोज मंडावी को एक बार हरा चुके हैं. इनका नाम इलाके से चर्चा में रहता है. आदिवासी संगठनों के बीच नेताम की अच्छी पैठ मानी जाती है. बीजेपी को उम्मीद है कि नेताम की पैठ का फायदा भाजपा को मिलेगा.

ये है चुनाव का पूरा शेड्यूल
- 10 से 17 नवंबर तक होगा नामांकन
- 18 नवंबर नामांकन की जांच
- 21 नवंबर तक नाम वापसी की आखिरी डेट
- 5 दिसंबर को मतदान
- 8 दिसंबर को आएंगे नतीजे

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क्यों कराए जा रहे हैं उपचुनाव
16 अक्टूबर को भानुप्रतापपुर से कांग्रेस विधायक मनोज सिंह मंडावी का निधन हो गया था. वे धमतरी के सर्किट हाउस में रुके हुए थे, जहां उन्हें दिल का दौरा पड़ गया था. इसके बाद उन्होंने धमतरी अस्पताल पहुंचने से पहले ही दम तोड़ दिया था. उनके निधन के बाद ये सीट खाली हो गई, जिस कारण यहां उपचुनाव कराए जा रहे हैं.

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