छत्तीसगढ़ में नक्सलवाद के मुद्दे पर एक बार फिर जमकर सियासत हो रही है. दरअसल, कल छत्तीसगढ़ दौरे पर पहुंचे केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के बयान के बाद बीजेपी और कांग्रेस के नेताओं को बीच नक्सलवाद को लेकर जमकर बयानबाजी हो रही है.
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रजनी ठाकुर/रायपुर। केंद्रीय मंत्री अमित शाह कल छत्तीसगढ़ के दौरे पर पहुंचे जहां उन्होंने पीएम मोदी पर आधारित किताब ''मोदी@20'' की लॉन्चिंग की इसके अलावा उन्होंने रायपुर में एनआईए यानी नेशनल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी के नए भवन का उद्घाटन किया. इस दौरान अमित शाह ने छत्तीसगढ़ की सबसे गंभीर समस्या नक्सलवाद पर भी बड़ा बयान दिया. अमित शाह ने छत्तीसगढ़ में जारी नक्सलवाद को लेकर कांग्रेस सरकार पर जमकर निशाना साधा, उन्होंने कहा कि ''छत्तीसगढ़ में सरकार बदलते ही नक्सलवाद खत्म हो जाएगा.'' उनके इस बयान से प्रदेश का सियासी पारा हाई हो गया. वहीं अब इस मुद्दे पर बीजेपी और कांग्रेस छत्तीसगढ़ में आमने सामने है.
नक्सलवाद खत्म हो जाएगा: अमित शाह
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि ''नक्सलवाद और माओवाद मानवता के खिलाफ है. इनका खात्मा जरूरी है. लाल आतंक को किसी भी सूरत में ठीक साबित नहीं किया जा सकता है. वामपंथी उग्रवाद का मूल नष्ट करने का काम मोदी सरकार ने किया है. पीएम मोदी अपने काम के प्रति हमेशा संकल्पित रहते हैं. वामपंथी उग्रवाद की कसकर धज्जियां उड़ाने का काम पीएम मोदी ने किया है. वामपंथी उग्रवाद की वजह से मौतों में 66 फीसदी की कमी हुई है. अमित शाह ने कहा कि छत्तीसगढ़ में सरकार बदल लो, यहां से भी वामपंथी उग्रवाद चुटकी में खत्म हो जाएगा.''
अमित शाह ने रमन सिंह की तारीफ
इस दौरान अमित शाह ने छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह की भी जमकर तारीफ की, उन्होंने मंच से कहा कि ''छत्तीसगढ़ के विकास और नक्सलवाद पर नकेल कसने में रमन सिंह ने अहम भूमिका निभाई है. वामपंथ हमें विरासत में मिला है, जवान शहीद हुए, जनहानि हुई आज नक्सलवाद पर बहुत हद तक लगाम है. छत्तीसगढ़ पुलिस और केंद्रीय एजेंसियां धन्यवाद की पात्र हैं, बहुत जल्द हम छत्तीसगढ़ से नक्सलवाद खत्म करने में सफल होंगे.''
अमित शाह के इसी बयान पर छत्तीसगढ़ में सियासत शुरू हो गई है, क्योंकि राजनीतिक गलियारों में शाह के इस बयान को 2023 में होने वाले विधानसभा चुनाव से जोड़कर देखा जा रहा है. क्योंकि माना जा रहा है अमित शाह का इशारा साफ है कि अगर आने वाले समय में बीजेपी की वापसी हुई तो प्रदेश के बस्तर में जारी नक्सलवाद पर लगाम लग जाएगी. जिस पर कांग्रेस ने भी पलटवार किया है.
कांग्रेस पलटवार
अमित शाह के बयान के बाद छत्तीसगढ़ में बीजेपी-कांग्रेस आमने-सामने है. प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि ''यह बयान छत्तीसगढ़ की जनता को मुंह चिढ़ाने वाला है अगर अमित शाह के पास ऐसा कोई फार्मूला है, जिससे नक्सलवाद खत्म हो जाएगा, तो उसे लागू क्यों नहीं किया जा रहा. छत्तीसगढ़ में भाजपा के शासनकाल में ही नक्सलवाद सबसे ज्यादा बढ़ा है, 2014-2018 तक केंद्र और राज्य में भाजपा की ही सरकार थी, उस वक़्त नक्सलवाद पर लगाम क्यों लगाम नहीं लगाया गया.''
दरअसल, नक्सलवाद छत्तीसगढ़ की बड़ी समस्या है. प्रदेश के कई जिलों में नक्सलवाद सबसे बड़ी समस्या है, जिससे प्रदेश को अब तक बहुत नुकसान पहुंचा है. ऐसे में 2023 के विधानसभा चुनाव से पहले एक बार फिर यह मुद्दा उछलता दिख रहा है.