Rewa Elections: स्ट्रांग रुम की 'तीसरी नजर' पर कांग्रेस को शक, LED बंद होते ही भड़क गया मामला
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Rewa Elections: स्ट्रांग रुम की 'तीसरी नजर' पर कांग्रेस को शक, LED बंद होते ही भड़क गया मामला

Rewa Elections: रीवा जिले में बने स्ट्रांग रूम के बाहर लगी LED स्क्रीन बंद होने के बाद से कांग्रेस प्रत्याशियों ने हंगामा खड़ा कर दिया. कांग्रेस ने यहां एलईडी बंद होने पर बड़ा आरोप लगाया है. 

Rewa Elections: स्ट्रांग रुम की 'तीसरी नजर' पर कांग्रेस को शक, LED बंद होते ही भड़क गया मामला

Rewa Elections: मतदान के बाद यूं तो मध्य प्रदेश के सभी जिलों में बने स्ट्रांग रूमों में ईवीएम मशीनें कड़ी सुरक्षा के बीच रखी हैं, जहां सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम हैं. 3 दिसंबर को मतगणना के दिन ही इन मशीनों को खोला जाएगा. लेकिन मशीनों की सुरक्षा के लिए बीजेपी और कांग्रेस ने भी स्ट्रांग रूम के बाहर अपने कार्यकर्ताओं को तैनात करके रखा है. लेकिन रीवा जिले में बने स्ट्रांग रूम के बाहर कुछ ऐसा हुआ जिससे कांग्रेस और बीजेपी के कार्यकर्ता आमने-सामने आ गए. 

LED स्क्रीन आधे घंटे रही बंद 

दरअसल, रीवा जिले के स्ट्रॉग रूम में मतगणना की तारीख नजदीक आते-आते आरोप-प्रत्यारोप का दौर भी शुरू हो गया हैं. रीवा में स्ट्रांग रूम के बाहर लगी  LED स्क्रीन बंद हो गई जिसके बाद कांग्रेस प्रत्याशी ने प्रशासन पर भाजपा का एजेंट होने का आरोप लगा दिया. मामला इतना बड़ा कि कांग्रेस और बीजेपी के कार्यकर्ता आमने-सामने आ गए. ऐसे में प्रशासन को बीच में आना पड़ा. 

इंजीनियरिंग कॉलेज में रखी गईं EVM

17 नवंबर को मतदान प्रक्रिया समाप्त होने के बाद मऊगंज की दो, रीवा जिले की 6 विधानसभा सीटों की EVM मशीनों को रीवा के इंजीनियरिंग कॉलेज में बनाए गए स्ट्रांग रुम में कड़े पहरे के बीच CCTV कैमरों से लैस चार दिवारी के बीच रखा गया है. इस सब के बीच अब कई प्रत्याशियों के समर्थक इंजिनियरिंग कॉलेज परिसर में दिन रात अपना डेरा जमाए हुए बैठे हैं, ताकि मतगणना से पहले किसी भी तरह की गड़बड़ी न की जा सके. 

दो बार LED बंद होने पर सवाल

स्ट्रांग रुम के बाहर लगे LED में EVM को 24 घंटे देखा जा सकता है. लेकिन, टेक्निकल खराबी या फिर कोई अन्य कारण से LED स्क्रीन तकरीबन आधे घंटे के लिए बंद हो गई. जिसके बाद हड़कंप की स्थिती बन गई. स्ट्रांग रूम के बाहर मौजूद कांग्रेस कार्यकर्ताओ ने हंगामा करना शुरु कर दिया. हालांकि, प्रशासन की सफाई और समझाने के बाद मामला शांत हुआ.

कलेक्टर ने बताई मामले की वजह 

इस मामले पर जिला कलेक्टर व निर्वाचन अधिकारी प्रतिभा पाल ने पूरा मामला समझाया. उनका कहना है की पहले दिन जब LED स्क्रीन बंद हुई तब टेक्निकल फाल्ट हुआ था. दूसरे दिन कॉलेज के प्राचार्य अपने चेंबर में गए गलती से गए और उन्होंने अपने चेंबर में लगीं हुए विद्युत स्विच को बंद कर दिया था, जिससे LED स्क्रीन का कनेक्शन चला गया था. दरअसल,  LED बंद होने से उतनी देर की रिकॉर्डिंग सीसीटीवी में नहीं देखी जा पाएगी. ऐसे में कांग्रेस ने हंगामा किया है. 

कांग्रेस का आरोप-अधिकारी बने एजेंट

इस घटना के बाद अब कांग्रेस और बीजेपी के बीच आरोप प्रत्यारोप का दौर शुरु हो चुका है. रीवा विधान सभा सीट से कांग्रेस प्रत्याशी इंजीनियर राजेंद्र शर्मा ने कई गंभीर आरोप लगाए हैं. उन्होंने कहा कि हमारे यहां कर्मचारियों की मानसिकता सरकार विरोध में थी. कर्मचारी सरकार के पक्ष में नहीं थे, पर उच्च पदों पर बैठे सरकार के कुछ कर्मचारी सरकार की ओर से परिश्रय मिला हुआ था. वह सारे के सारे अधिकारी BJP के कार्यकर्ता बनकर काम कर रहे थे. भाजपा ने छोटे कर्मचारियों के साथ बहुत अत्याचार किया इसलिए उनसे डरी हुई है. जो भी कर्मचारी भाजपा के पक्ष में काम कर रहे हैं, कांग्रेस उनकी सूची बना रही है.

बीजेपी का पलटवार

वहीं कांग्रेस के आरोपों पर बीजेपी ने भी पलटवार किया. भाजपा जिला अध्यक्ष अजय सिंह का कहना है 'इनकी सरकार तो बन नहीं रही है. इनको मुंगेरीलाल के सपने देखने की आदत हो गई है. सपने देखने का अधिकार सबको है इनको सपने देखने दीजिए. दूसरा एक कांग्रेस का चरित्र है, पिछली बार जब जनता ने 15 महीने का जो मौका दिया था तो यह वल्लभ भवन को ट्रांसफर उद्योग बना कर बैठे थे. कांग्रेस के लोग चुनाव हार चुके है इस लिए वह इस तरह के अनर्गल आरोप लगा रहे है. 3 को भारी बहुमत के साथ बीजेपी की सरकार बनने जा रही है.'

1359 पुलिस कर्मी नहीं कर पाए मतदान

रीवा जिला इस बार मतदान के बाद से ही चर्चा में हैं. एलईडी बंद होने के बाद से पहले जिले के 1359 पुलिस कर्मी मतदान करने से वंचित रह गए, जिसके बाद से चुनावी ड्यूटी पर तैनात प्रशासनिक अफसरों पर सवालियां निशान खड़े होने लगे. वहीं कलेक्टर ने मतदान देने से वंचित रह गए 1359 पुलिस कर्मियो कों लेकर कहा की ड्यूटी में तैनात जितने भी अधिकारी, कर्मचारी है उनके लिए मतदान की व्यवस्था की गई थी. अब जो लोग इससे वंचित रह गए है या तो वह इक्षुक नहीं थे या फिर उन्होने फार्म नंबर 12 को जमा नही किया होगा.

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