MP की अनोखी विधानसभा सीट, 46 सालों से डॉक्टर यहां के MLA, इस बार भी ऐसा ही समीकरण
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MP की अनोखी विधानसभा सीट, 46 सालों से डॉक्टर यहां के MLA, इस बार भी ऐसा ही समीकरण

MP Election: मध्य प्रदेश की एक अनोखी विधानसभा सीट है जो डॉक्टरों के नाम रही है, क्योंकि इस सीट पर पिछले 46 सालों से डॉक्टर ही विधायक बनते आ रहे हैं. 

डॉक्टर साहब यहां के विधायक

MP Election: जब भी चुनाव शुरू होते हैं तो कई अनोखे किस्से और सीटों से जुड़े मिथकों की चर्चा भी खूब होती है. कई सीटों पर एक ही परिवार की तीन-तीन पीढ़ियां चुनाव जीतती है, तो कई सीटों पर एक ही जाति के लोग चुनाव जीतते हैं. कई सीटों पर एक ही वर्ग का दबदबा रहता है. इस तरह की खबरें चुनावी समर में अक्सर सुनने और पढ़ने को मिलती है. मध्य प्रदेश में हो रहे विधानसभा चुनाव के दौरान ऐसे ही दिलचस्प किस्से सुनने को मिल रहे हैं, खास बात यह है कि प्रदेश की एक विधानसभा सीट ऐसी है जहां पिछले 46 सालों से डॉक्टर ही विधायक बन रहा है. जी हां यह संयोग बेहद दिलचस्प हैं क्योंकि यहां से चुनाव भले ही ही किसी भी पार्टी का उम्मीदवार जीते लेकिन खासियत यही हैं कि जीतने वाला प्रत्याशी डॉक्टर होता है, इस बार भी इस सीट पर कुछ ऐसा ही समीकरण है. 

डॉक्टरों की सांची  

दरअसल, रायसेन जिले में आने वाली सांची विधानसभा सीट 'डॉक्टरों की सांची' कहलाने लगी है. क्योंकि 1977 से इस सीट पर प्रोफेशनल डॉक्टर ही विधायक बनते आ रहे हैं, जबकि 2023 के विधानसभा चुनाव में भी बीजेपी और कांग्रेस ने ऐसे प्रत्याशियों को उतारा है जो प्रोफेशनल डॉक्टर हैं, यानि इस बार भी डॉक्टरों की सांची डॉक्टरों की रहेगी. इस बार इस सीट पर बीजेपी के डॉक्टर प्रभुराम चौधरी के सामने कांग्रेस के डॉक्टर जीसी गौतम हैं. 

ऐसे बने डॉक्टर वाले समीकरण 

बता दें कि बीजेपी के कद्दावर नेता डॉक्टर गौरीशंकर शेजवार ने इस सीट पर 1977 में पहला चुनाव जीतकर डॉक्टरों की पकड़ मजबूत करनी शुरू की थी. 1985 में इस सीट पर कांग्रेस के डॉक्टर प्रभुराम चौधरी ने जीत दर्ज की थी. तब से लेकर अब तक यहां यही सिलसिला चल रहा है. डॉक्टर गौरीशंकर शेजवार और प्रभुराम चौधरी ही इस सीट से विधायक बनते आ रहे हैं, दोनों ही नेता प्रोफेशनल डॉक्टर रहे हैं. 

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बीजेपी से प्रभुराम चौधरी 

बीजेपी ने इस बार भी इस सीट पर शिवराज सरकार में स्वास्थ्य मंत्री रहे डॉक्टर प्रभुराम चौधरी को प्रत्याशी बनाया है. प्रभुराम चौधरी 1985 में पहली बार विधायक बने थे, इसके बाद उन्होंने 2008 में भी जीत दर्ज की थी, जबकि 2018 के चुनाव में प्रभुराम चौधरी बीजेपी के मुदित शेजवार को हराकर विधायक बने थे. लेकिन बाद में वह ज्योतिरादित्य सिंधिया के साथ बीजेपी में चले गए और 2020 का उपचुनाव जीतकर फिर से विधायक बने थे. 

कांग्रेस की तरफ से जीसी गौतम

कांग्रेस ने इस बार रायसेन में रहने वाले डॉक्टर जीसी गौतम को प्रत्याशी बनाया है, जो प्रोफेशनल डॉक्टर हैं और लंबे समय से इसी क्षेत्र में डॉक्टरी कर रहे हैं, कांग्रेस को उपचुनाव में इस सीट पर बड़ी हार मिली थी, ऐसे में पार्टी इस बार यहां पूरी ताकत लगाती नजर आ रही है. कांग्रेस प्रत्याशी जीसी गौतम के समर्थन में कमलनाथ भी सभा कर चुके हैं. 

डॉक्टर ही बनेंगे MLA 

सांची विधानसभा सीट की खास बात यह है कि इस बार भी इस सीट को डॉक्टर विधायक ही मिलेंगे, भले ही चुनाव किसी भी पार्टी का प्रत्याशी जीते. क्योंकि यहां मुकाबला दो प्रोफेशनल डॉक्टरों के बीच है. ऐसे में 1977 से चल रहा यह मिथक 2023 में भी जारी रहने की पूरी उम्मीद है. 

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