राज्यसभा चुनाव की शुरुआत कब हुई? वोटिंग कैसे होती है, कैसे चुने जाते हैं सांसद?
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राज्यसभा चुनाव की शुरुआत कब हुई? वोटिंग कैसे होती है, कैसे चुने जाते हैं सांसद?

15 राज्यों की 57 राज्यसभा सीटों पर चुनाव होने जा रहे हैं. इन सीटों पर 10 जून को वोटिंग होगी. माना जा रहा है कि कांग्रेस 9 से 10 सीट जीत सकती है. वहीं, बीजेपी को 22 सीट मिलने के आसार हैं. जबकि, बाकी सीटें अन्य पार्टियों के पास जा सकती हैं.

राज्यसभा चुनाव की शुरुआत कब हुई? वोटिंग कैसे होती है, कैसे चुने जाते हैं सांसद?

नीरज यादव/ नई दिल्ली: 15 राज्यों की 57 राज्यसभा सीटों पर चुनाव होने जा रहे हैं. इन सीटों पर 10 जून को वोटिंग होगी. माना जा रहा है कि कांग्रेस 9 से 10 सीट जीत सकती है. वहीं, बीजेपी को 22 सीट मिलने के आसार हैं. जबकि, बाकी सीटें अन्य पार्टियों के पास जा सकती हैं. राज्यसभा चुनाव को लेकर सभी पार्टियां तैयारियों में जुट गईं हैं. भारतीय जनता पार्टी ने अब तक कई राज्यों के उम्मीदवारों की लिस्ट भी जारी कर दी है. ऐसे में आइए जानते हैं कि राज्यसभा चुनाव की शुरुआत कब हुई? कैसे किसी भी उम्मीदवार को राज्यसभा का सदस्य बनाया जाता है......

सबसे पहले जानते हैं इस वक्त किस राज्य में हैं कितनी सीटें
राज्यसभा की सबसे ज्यादा सीटें उत्तर प्रदेश में हैं. यहां पर कुल  11 सीट हैं, महाराष्ट्र और तमिलनाडु में 6-6, बिहार में 5, कर्नाटक, आंध्र और राजस्थान में 4-4, ओडिशा और मध्य प्रदेश में 3-3, झारखंड, छत्तीसगढ़, तेलंगाना, पंजाब और हरियाणा में 2-2, जबकि उत्तराखंड में एक सीट है. 

राज्यसभा का इतिहास
राज्यसभा का इतिहास 1919 से मिलता है. क्योंकि ब्रिटिश इंडिया में उस समय एक ऊपरी सदन बनाया गया था. तब इसे काउंसिल ऑफ स्टेट कहा जाता था. आजादी के बाद 3 अप्रैल 1952 को राज्यसभा का गठन किया गया. 23 अगस्त 1954 को इसका नाम काउंसिल ऑफ स्टेट से बदलकर राज्यसभा कर दिया गया. राज्यसभा कभी भंग नहीं होती. वहीं, इन सदस्यों का कार्यकाल 6 वर्ष के लिए होता है. इसके एक तिहाई सदस्यों हर दो साल में रिटायर हो जाते हैं. इसलिए हर दो साल में चुनाव होते हैं. 

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राज्यसभा मे होते हैं कुल इतने सदस्य
राज्यसभा में कुल 250 सदस्य होते हैं. इनमें से 238 सदस्य चुने जाते हैं, जबकि बाकी 12 सदस्यों को राष्ट्रपति नामित करते हैं. राष्ट्रपति जिन 12 सदस्यों को नामित करते हैं, वो खेल, साहित्य, कला, व्यापार सहित अन्य क्षेत्रों में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले होते हैं. किस राज्य से कितने राज्यसभा सदस्य होंगे, ये वहां की आबादी के आधार पर तय होता है. जैसे सबसे ज्यादा आबादी उत्तर प्रदेश की है, तो यहां 31 सीटें हैं. वहीं, 18 सीटें तमिलनाडु में हैं. जबकि, कई छोटे राज्य ऐसे हैं जहां एक-एक ही सीट है. 

ऐसे होता है चुनाव
राज्यसभा के चुनाव में सभी राज्यों की विधानसभाओं के विधायक हिस्सा लेते हैं. इसमें विधान परिषद के सदस्य वोट नहीं डालते. राज्यसभा चुनाव के लिए वोटिंग का फॉर्मूला होता है कि किसी राज्य में कितनी राज्यसभा सीटें खाली हैं, उसमें 1 जोड़ा जाता है, फिर उसे कुल विधानसभा सीटों की संख्या से भाग दिया जाता है. इससे जो संख्या आती है, उसमें फिर 1 जोड़ दिया जाता है.

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जैसे उत्तर प्रदेश में इस वक्त 11 राज्यसभा सीटों के लिए वोटिंग होनी है. इसमें 1 जोड़ा तो हो गया 12. यूपी में विधानसभा सीटों की संख्या 403 है. अब 12 को 403 से भाग दिया तो संख्या आई 33.58. जिसको 33 माना जाएगा. अब 33 में 1 को जोड़ा तो आया 34. यानी, राज्यसभा की एक सीट जीतने के लिए 34 वोटों की जरूरत होगी. 

सभी सीटों के लिए विधायक नहीं कर सकते हैं वोटिंग
राज्यसभा चुनाव में विधायक सभी सीटों के लिए वोट नहीं करते हैं. एक विधायक एक ही बार वोट दे सकता है. विधायक प्राथमिकता के आधार पर वोट देते हैं. उनको बताना होता है कि उनकी पहली पसंद कौन है और दूसरी कौन. पहली पसंद के वोट जिसे मिलेंगे, उसे जीता माना जाता है.

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