सार्वजनिक शौचालयों में महिलाओं की सुरक्षा को लेकर DCW ने उठाए सवाल, समन जारी
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सार्वजनिक शौचालयों में महिलाओं की सुरक्षा को लेकर DCW ने उठाए सवाल, समन जारी

शौचालयों में दरवाजे नहीं थे और महिलाओं और लड़कियों को खुले में शौच करने के लिए मजबूर होना पड़ रहा था- DCW 

  • - दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष ने नगर निगम और डूसिब शौचालयों का निरीक्षण किया, वरिष्ठ अधिकारियों को समन जारी किया.
  • - गोकुलपुरी में नगर निगम के शौचालय के भवन परिसर में शौचालय के अंदर और बाहर चारों ओर मानव मल पड़ा हुआ था.
  • - निरीक्षण किए गए लगभग सभी शौचालयों में शौचालय के दरवाजे या तो गायब थे या टूटे हुए थे.
  • - अधिकांश शौचालयों में सफाई कर्मचारी मौजूद नहीं है.
  • - डीसीडब्ल्यू प्रमुख ने एमसीडी और डूसिब के अधिकारियों को तलब किया.

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सार्वजनिक शौचालयों में महिलाओं की सुरक्षा को लेकर DCW ने उठाए सवाल, समन जारी

नई दिल्लीः दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष स्वाति मालीवाल (Swati Maliwal) ने सदस्य फिरदौस खान और सदस्य वंदना सिंह के साथ 5 अप्रैल, 2023 को आयोग की एक टीम और स्थानीय निवासियों की एक टीम के साथ कुछ शौचालयों का निरीक्षण किया. लगभग 9 बजे आयोग की टीम गोकुलपुरी में संजय कॉलोनी झुग्गी में एमसीडी (MCD) शौचालय पहुंची और शौचालय की गंदी और दयनीय स्थिति को देखकर अचंभित रह गईं.

शौचालय में गंदगी देखने के बाद स्वाति मालीवाल बोलीं कि शौचालय की देखभाल करने वाला कोई नहीं था और मानव मल परिसर में शौचालय के अंदर और बाहर चारों तरफ पड़ा हुआ था. वह जगह इतनी गंदी थी कि कोई भी शौचालय की इमारत के अंदर नहीं जा सकता था, लेकिन फिर भी फर्श पर हर जगह मलमूत्र और हजारों मक्खियां भिनभिनाती हुई देखी जा सकती थीं. शौचालयों की अस्वच्छ स्थिति के कारण कई महिलाओं और लड़कियों को खुले में शौच करने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है क्योंकि शौचालय परिसर में मलमूत्र पड़ा हुआ था.

उन्होंने आगे कहा कि परिसर में दुर्गंध की वजह से उल्टी आ रही थी और टीम के कुछ सदस्यों को उल्टी आ गई. क्षेत्र के निवासियों ने आयोग को सूचित किया कि बार-बार शिकायत करने के बावजूद शौचालय परिसर को साफ करने के लिए कोई कार्रवाई नहीं की गई है जो कि इलाके में बीमारी और परेशानी का अड्डा बन गया है. उन्होंने यह भी कहा कि असामाजिक तत्व रात के समय शौचालय के पास इकट्ठा हो जाते हैं, जिससे महिलाओं और लड़कियों के लिए जगह असुरक्षित हो जाती है.

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आयोग ने देखा कि शौचालय की दीवार पर एक बोर्ड पेंट किया गया था जिसमें शौचालय को साफ रखने के लिए जिम्मेदार 3 सफाई कर्मचारियों के नाम सूचीबद्ध थे. हालांकि, आयोग को उनमें से एक भी मौके पर नहीं मिला. आयोग ने सुनिश्चित किया कि शौचालय की मौके पर ही सफाई की जाए. पास के एक DUSIB (Delhi Urban Shelter Improvement Board) शौचालय में, आयोग ने देखा कि पुरुष केयरटेकर महिला शौचालय क्षेत्र के अंदर था, जबकि कई शौचालयों में दरवाजे नहीं थे और महिलाओं और लड़कियों को खुले में शौच करने के लिए मजबूर होना पड़ रहा था.

आयोग ने दिल्ली के इन दो जगहों का किया दौरा

इसके बाद आयोग ने दिल्ली के कल्याणपुरी और त्रिलोकपुरी इलाके के शौचालयों का दौरा किया. यह देखा गया कि शौचालय परिसर दयनीय स्थिति में थे. शौचालय गंदे थे और उनमें से कई में मानव मल बिखरा हुआ था. यह भी देखा गया कि किसी भी शौचालय में दरवाजा नहीं है, जिसके कारण महिलाओं और लड़कियों को खुले में शौच करने के लिए मजबूर होना पड़ता है. परिसर घरों से घिरा हुआ था, जिसके परिणामस्वरूप कोई भी महिला या लड़की जो अंदर शौच कर रही थी, उसको शौचालय के बगल में घर की छत से आसानी से देखा जा सकता था.

उन्होंने आगे कहा कि महिला शौचालय क्षेत्र में प्रकाश की कोई व्यवस्था नहीं थी, जिससे परिसर महिलाओं और बच्चों के उपयोग के लिए और अधिक असुरक्षित हो गया. वहां रहने वालों ने बताया कि शौचालय परिसर में शाम 6 बजे के बाद बिल्कुल अंधेरा हो जाता है और असामाजिक तत्व उस पर कब्जा कर लेते हैं. इसके अलावा, यह देखा गया कि व्यक्तिगत शौचालयों में नल या पानी की आपूर्ति के लिए कोई प्रावधान नहीं था. शौचालय परिसर में एक खुला गड्ढा था जिसमें गंदा पानी जमा हो रहा था, जिसे महिलाएं और बच्चे शौचालयों में सफाई के काम में ले रहे थे.

शौचालय परिसर के केयरटेकर ने भी ऑन रिकॉर्ड स्वीकार किया कि कई बार वह शौचालय की सफाई के लिए तेजाब का इस्तेमाल करता है. हालांकि, उन्होंने कहा कि पिछले 15 दिनों से वह केवल पानी का उपयोग कर रहे हैं क्योंकि उन्हें कोई सफाई सामग्री प्रदान नहीं की गई है. आयोग ने दिल्ली के खिचड़ीपुर इलाके में शौचालयों का भी निरीक्षण किया जहां इसी तरह का मामला देखा गया. सार्वजनिक शौचालयों की गंदी और असुरक्षित स्थिति को देखकर दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष हैरान रह गईं.

उन्होंने मौके पर अधिकारियों को बुलाकर फटकार लगाई और निरीक्षण के दौरान शौचालयों की सफाई सुनिश्चित करवाई. इसके अलावा उन्होंने एमसीडी और डूसिब के वरिष्ठ अधिकारियों और सार्वजनिक शौचालयों (public toilets) में पूरी तरह से गंदी और असुरक्षित स्थितियों के लिए जिम्मेदार लोगों की जवाबदेही तय करने के लिए अफसरों को तलब किया है.

स्वाति मालीवाल ने कहा कि "मैं दिल्ली में सार्वजनिक शौचालयों की स्थिति से निराश हूं. इन शौचालयों में खुले में पड़ी गंदगी बता रही है कि इनकी महीनों से सफाई नहीं हुई है. इसके अलावा, उनमें से कई में दरवाजे और प्रकाश की व्यवस्था नहीं हैं और वे असामाजिक गतिविधियों के लिए एक केंद्र बन गए हैं जिससे महिलाओं और लड़कियों की सुरक्षा के बारे में गंभीर चिंता पैदा होती है. इसे बर्दाश्त नहीं किया जा सकता. हमने इस संबंध में वरिष्ठ अधिकारियों को समन जारी किया है और मामले में सख्त कार्रवाई सुनिश्चित करेंगे.

(इनपुट- बलराम पांडेय)

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