श्रीकांत त्यागी मामले में अब सोसाइटी के लोग फंसते नजर आ रहे हैं. त्यागी सभा की कानूनी सलाहकार और वकील शीतल त्यागी ने ग्रैंड ओमेक्स सोसाइटी के निवासियों के खिलाफ वन विभाग में शिकायत भेजी है, क्योंकि बिना अनुमति के पेड़ काटना गैर कानूनी है.
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Shrikant Tyagi Case: श्रीकांत त्यागी मामले ने एक अलग ही रुख अपना लिया है. इस मामले में अब सोसाइटी के लोग भी फंसते नजर आ रहे हैं. इस मामले में त्यागी सभा की कानूनी सलाहकार और वकील शीतल त्यागी ने ग्रैंड ओमेक्स सोसाइटी के निवासियों के खिलाफ वन विभाग को शिकायत भेज मुकदमा दर्ज करने की मांग की है, क्योंकि सोसाइटी के लोगों ने बिना अनुमति के पेड़ों को उखाड़ा है जो कि कानूनी अपराध है.
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शीतल त्यागी ने कहा कि सरकार वृक्षारोपण को बढ़ावा दे रही है. वहीं दूसरी ओर नोएडा की ग्रैंड ओमेक्स सोसाइटी में वृक्षों को काटा गया है. इसकी वीडियों भी उन्होंने उत्तर प्रदेश शासन के ऑनलाइन पोर्टल के जरिये वन विभाग को भेजी है. उनका कहना है कि अगर निवासिटों के पास पेड़ों को उखाड़ने की अनुमति नहीं थी तो उनके खिलाफ मुकदमा दर्ज कर कानूनी कार्रवाई की जाए.
इस पर शीतल त्यागी का कहना है कि क्या सोसाइटी वालों के पास पेड़ों को काटने की अनुमति थी. यदि सोसाइटी के निवासियों को पेड़ों के उखड़ने की अनुमति मिली थी तो वह उसको दिखाने की कृपा करें. वहीं अगर इन लोगों ने बिना अनुमति के पेड़ों को उखाड़ा है तो वह कानूनी अपराध है. उन्होंने कहा कि अगर बिना अनुमति के वृक्षों को उखाड़ा गया है तो अभी तक पर्यावरण विभाग ने इस मामले में क्या कार्रवाई की है.
त्यागी सभा की कानूनी सलाहकार ने एक न्यूज एजेंसी से बातचीत के दौरान बताया कि श्रीकांत त्यागी के मामले से पहले सोसायटी के निवासियों ने वहां पर लगे हुए वृक्षों को उखाड़ा था. इसका वीडियो भी सामने आया है. मैंने वन विभाग को इसका वीडियो ऑनलाइन शिकायत पोर्टल के जरिये भेजा है. उन्होंने कहा कि एक तरफ भारत की सभी सरकारें वृक्षरोपण को बढ़ावा दे रही हैं और दूसरी तरफ नोएडा की ग्रैंड ओमेक्स हाउसिंग सोसायटी में वृक्षों को काटा जा रहा है. इस मामले में निवासियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर कानूनी कार्रवाई की जाए, जिससे आने वाले समय में कोई भी व्यक्ति पेड़ों को काटने से पहले 100 बार सोचे.