Sanjay Singh IN Delhi Liquor Scam: आबकारी नीति मामले में आप नेता संजय सिंह के खिलाफ दायर ईडी की चार्जशीट पर राउज एवेन्यु कोर्ट ने संज्ञान लिया है. जिसमें कोर्ट ने 21 दिसंबर को संजय सिंह को पेशी के लिए वारंट जारी किया है.
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Delhi Liquor Scam News: आबकारी नीति मामले में आप नेता संजय सिंह और उनके सहयोगी सर्वेश मिश्रा के खिलाफ दायर ईडी की चार्जशीट पर राउज एवेन्यु कोर्ट ने संज्ञान लिया है. कोर्ट ने चार्जशीट पर संज्ञान लेते हुए 21 दिसंबर को संजय सिंह को पेशी के लिए वारंट जारी किया है. संजय सिंह 4 अक्टूबर को ED द्वारा गिरफ्तार होने के बाद अभी न्यायिक हिरासत में है.
ED ने 2 दिसंबर को आबकारी नीति से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में संजय सिंह और उनके सहयोगी सर्वेश मिश्रा के खिलाफ सप्लीमेंट्री चार्जशीट दाखिल की थी. इस केस में ED की ओर से दाखिल ये पांचवी सप्लीमेंट्री चार्जशीट थी.
ED का कहना है कि सजंय सिंह इस घोटाले के मुख्य साजिशकर्ताओं में से एक है. वो नई शराब नीति के एवज में कुछ चुनिंदा कंपनियों को फायदा पहुंचकर उनसे रिश्वत हासिल करने की साजिश में शामिल रहे हैं. ED ने आरोप लगाया है कि सजंय सिंह को 2 करोड़ की रिश्वत मिली है. ये दो करोड़ की रकम उनके घर पर दो बार अलग-अलग पहुंचाई गई. ED का कहना है कि दिनेश अरोड़ा ने जो 3 करोड़ की रिश्वत समीर महेंद्रू से वसूली, उनमें से 1 करोड़ की रकम विजय नायर के कहने पर संजय सिंह के आदमी सर्वेश मिश्रा को मिली. दिनेश अरोड़ा के आदमी ने ये रकम संजय सिंह के घर पर दी.
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इसके अलावा दिनेश अरोड़ा ने जो 4 करोड़ अभिषेक बोइनपल्ली से हासिल किए. इनमें से भी 1 करोड़ की रकम दिनेश अरोड़ा के कर्मचारी ने संजय सिंह के घर पर सर्वेश मिश्रा को दी. ED का कहना है कि दिनेश अरोड़ा के साथ संजय सिंह के नजदीकी संबंध है. कॉल रिकॉर्ड और दिनेश अरोड़ा के बयान से इसकी पुष्टि होती है. वहीं दूसरी ओर संजय सिंह और उनके वकील ED का कार्रवाई को राजनीति से प्रेरित बताते रहे हैं.
संजय सिंह ने राउज एवेन्यु कोर्ट में जमानत याचिका भी दायर की है, जिस पर कोर्ट 21 दिसंबर को आदेश सुनाएगा. जमानत याचिका पर सुनवाई के दौरान संजय सिंह की ओर से पेश वकील ने कहा कि इस मामले में उनकी गिरफ्तारी राजनीति से प्रेरित है. 4 अक्टूबर को उनकी गिरफ्तारी से पहले ED ने कभी उनसे पूछताछ नहीं की. यही नहीं इससे पहले दाखिल चार्जशीट में कहीं भी उनकी कोई भूमिका का जिक्र जांच एजेंसी ने नहीं किया था.
वकील ने दलील दी कि सरकारी गवाह बने जिस दिनेश अरोड़ा के बयान को उनकी गिरफ्तारी का आधार बताया जा रहा है, उसकी विश्वसनीयता खुद सवालों के घेरे में है. उसके बयान इस केस में बाकी गवाहों से मेल नहीं खाते. वहीं दूसरी ओर ED ने संजय सिंह की जमानत अर्जी का ये कहते हुए विरोध किया है कि इस मामले में जांच अभी भी जारी है और अगर संजय सिंह को जमानत मिलती है तो ऐसी सूरत में वह गवाहों को प्रभावित कर सकते हैं, सबूतों के साथ छेड़छाड़ कर सकते हैं.