Rohtak Mahapanchayat On Wrestlers Protest: आज रोहतक के ऐतिहासिक चबूतरे पर सर्वखाप महापंचायत का आयोजन किया जाएगा, जिसमें धरने पर बैठे पहलवानों को लेकर कोई बड़ा फैसला लिया जा सकता है.
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Rohtak Mahapanchayat On Wrestlers Protest: भारतीय कुश्ती महासंघ (WFI) के अध्यक्ष और BJP सांसद की गिरफ्तारी की मांग को लेकर पहलवान लगभग एक महीने से दिल्ली के जतंर-मंतर पर प्रदर्शन कर रहे हैं. 07 मई को पहलवानों के समर्थन में जतंर-मंतर पर खाप और किसान संगठनों की महापंचायत का आयोजन किया गया था, जिसमें सरकार को 15 दिन का अल्टीमेटम दिया गया था.आज अल्टीमेटम खत्म होने के बाद एक बार फिर रोहतक में महापंचायत का अयोजन होगा.
रोहतक में खाप महापंचायत
आज रोहतक के ऐतिहासिक चबूतरे पर सर्वखाप महापंचायत का आयोजन किया जाएगा, जिसकी अध्यक्षता महम चौबीसी सर्वखाप पंचायत के प्रधान मेहर सिंह नंबरदार करेंगे. इस महापंचायत में प्रदर्शन पर बैठी देश की बेटियों को न्याय दिलाने के लिए देशभर के खाप प्रतिनिधि एकत्र होंगे. खाप प्रतिनिधियों का कहना है कि यह मामला सीधा बेटियों से जुड़ा है, इसमें आरोपी बृजभूषण सिंह की गिरफ्तारी से कम कुछ भी मंजूर नहीं है. यह सरकार को करना पड़ेगा, इसके लिए संघर्ष लंबा जरूर हो सकता है. आज महापंचायत में खाप प्रतिनिधियों द्वारा कोई बड़ा फैसला भी लिया जा सकता है.
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धरने पर बैठे पहलवान होंगे शामिल
रोहतक में आयजित खाप महापंचायत में शामिल होने साक्षी मलिक, बजरंग पुनिया और विनेश फोगाट में से कोई एक पहलवान आज रोहतक जाएगा. महापंचायत की शुरुआत सुबह 11 बजे से होगी, जिसके बाद पत्रकारों से चर्चा की जाएगी.
पहलवानों का कैंडल मार्च
23 मई को पहलवानों के धरने के एक महीने पूरे हो जाएंगे. हाल ही में विनेश ने पत्रकारों से चर्चा के दौरान कहा कि जो मुद्दा महज एक मिनट में हल हो सकता था, उसके लिए हम एक महीने से प्रदर्शन कर रहे हैं. इस दौरान 21 मई के बाद होने वाले आंदोलन के भी बारे में बात की गई. विनेश का कहना था कि 21 मई को हमारे बुजुर्ग जो भी फैसला लेंगे वो देश हित में नहीं होगा. पहलवान 23 मई को धरने के 1 महीने पूरे होने पर पहलवानों की दर्दशा का हाल बताने इंडिया गेट पर कैंडल मार्च भी निकालेंगे.
दिल्ली में फिर होगा बड़ा आंदोलन?
एक साल से ज्यादा समय तक किसान अपनी मांग को लेकर प्रदर्शन करते रहे, कई लोगों की जान भी गईं और आखिरी में सरकार को झुकना पड़ा. अब पहलवानों के मुद्दे पर भी किसान संगठनों और खाप पंचाययतों की एंट्री से एक बार फिर सरकार की टेंशन बढ़ गई है. अगर ये प्रदर्शन भी किसान आंदोलन का रूप लेता है तो यो देश और पहलवान दोनों के हित में नहीं होगा. फिलहाल खाप पंचायतें सरकार के साथ आर-पार के मूड में नजर आ रही हैं.