सुनो सरकार! रेवाड़ी में पटवारियों के रिक्त पद भरने की दरकार, कर्मचारियों की गैर मौजूदगी से जनता परेशान
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सुनो सरकार! रेवाड़ी में पटवारियों के रिक्त पद भरने की दरकार, कर्मचारियों की गैर मौजूदगी से जनता परेशान

 Rewari News Today: जिले में पटवारी की 93 पोस्ट है, लेकिन 70 ही ड्यूटी कर रहे हैं. बाकी पोस्ट रिक्त हैं. लोगों का कहना है एक काम के लिए उन्हें कई बार दफ्तर के चक्कर लगाने पड़ते हैं. 

सुनो सरकार! रेवाड़ी में पटवारियों के रिक्त पद भरने की दरकार, कर्मचारियों की गैर मौजूदगी से जनता परेशान

रेवाड़ी: हरियाणा के सरकारी कार्यालयों में कर्मचारी किस कदर मनमानी कर रहे हैं, इसका अंदाजा काम कराने के लिए भटक रहे लोगों को देखकर लगाया जा सकता है. रेवाड़ी के पटवार घर में क्या पटवारी समय पर आते हैं. क्या जनता का काम समय से हो पाता है, ये देखने के लिए जब जी मीडिया की टीम पटवार घर पहुंची तो कई पटवारी ड्यूटी से गायब मिले. 

पटवारी के इंतजार में बैठे लोग एक साइन के लिए सरकारी कर्मचारियों के चक्कर लगाते दिखे. सरकारी कार्यालयों का समय सुबह 9 बजे का होता है, लेकिन यहां 9.40 बजे तक पटवारी नहीं पहुंचे थे. हालांकि जैसे ही यह बात पटवारी कपिल को पता चला कि जी मीडिया की टीम उसके कार्यालय पहुंची है तो वो तुरंत कार्यालय पहुंच गया. कपिल ने कहा कि वह तहसील में कुछ ऑनलाइन कार्य कराने के लिए गए थे, इसलिए लेट हो गए. वरना हमेशा समय पर कार्यालय आते हैं. पटवारियों के पास फील्ड वर्क ज्यादा है, इस वजह से भी परेशानियों का सामना करना पड़ता है.

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रेवाड़ी शहर के पटवार घर में करीब पटवारियों के 6 कमरे हैं, जिसमें से आधे दस बजे तक बंद मिले. जिस कमरे में पटवारी बैठे मिले, जब उनसे बात की गई  तो बताया कि किसानों की नुकसान हुई फसल का ब्योरा अपलोड करने के लिए पटवारी कार्यालय नहीं पहुंच पा रहे. 

रेवाड़ी में पटवारी की 23 पोस्ट रिक्त 
एक पटवारी के पास 10 से 15 गांव हैं और अलग-अलग तरह के कई काम हैं. जानकारी के मुताबिक जिले में पटवारी की 93 पोस्ट है, लेकिन 70 ही ड्यूटी कर रहे हैं. बाकी पोस्ट रिक्त हैं. लोगों का कहना है एक काम के लिए उन्हें कई बार दफ्तर के चक्कर लगाने पड़ते हैं. कर्मचारियों की लेटलतीफी से नाराज लोगों का कहना है कि अक्सर उन्हें इस तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ता है. 

पटवारी बोले- काम का रहता ही दबाव 
वहीं पटवारियों का कहना है उन पर भी काम का दबाव रहता है. मौसम से खराब हुई फसलों की खेत-खेत जाकर गिरदावरी करनी पड़ रही है और फिर उनके फोटो और डिटेल ई फसल क्षतिपूर्ति पोर्टल पर अपडेट करने में वह व्यस्त हैं. फसलों का मुआवजा किसानों को जल्द से जल्द मुहैया कराने के लिए ये काम जरूरी है. इसके अलावा कोर्ट-कचहरी और समन से जुड़े काम भी होते हैं. इस वजह से कई बार दफ्तर में कर्मचारी काम रहते हैं. 

इनपुट : पवन कुमार