Advertisement
trendingPhotos/india/delhi-ncr-haryana/delhiharyana2580813
photoDetails0hindi

Surajkund Mela 2025: सूरजकुंड मेले में कर सकेंगे जगन्नाथपुरी मंदिर के दर्शन, जानें कब से कब तक लगेगा मेला

अंतरराष्ट्रीय सूरजकुंड मेले के थीम राज्य की घोषणा के बाद, सोमवार से इसकी तैयारियों में तेजी आ जाएगी. इस बार ओडिशा की समृद्ध संस्कृति और परंपराओं को दर्शाने का अवसर मिलेगा.

ओडिशा की धार्मिक संस्कृति

1/5
ओडिशा की धार्मिक संस्कृति

इस मेले में पर्यटकों को ओडिशा की धार्मिक संस्कृति से भी परिचित होने का अवसर मिलेगा. विशेष रूप से, पुरी जगन्नाथ मंदिर की प्रतिकृति का दर्शन करने का मौका मिलेगा, जो ओडिशा की धार्मिक आस्था का प्रतीक है. यह मेले का आयोजन 7 से 23 फरवरी तक किया जाएगा.

2/5

 इस बार मेले में ओडिशा के 200 से अधिक कलाकार और 80 हस्तशिल्पी शामिल होंगे. मुख्य चौपाल पर ओडिशा के सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया जाएगा, जिसमें स्थानीय कला और संगीत का प्रदर्शन होगा. इसी प्रकार इस बार पुरी के जगन्नाथ मंदिर, सूर्य मंदिर, लिंगराज मंदिर और ब्रह्मेश्वर मंदिर की प्रतिकृति देखने का भी लोगों को मौका मिलेगा.

फैशन शो और सांस्कृतिक कार्यक्रम

3/5
फैशन शो और सांस्कृतिक कार्यक्रम

इस बार थीम राज्य का फैशन शो भी आयोजित किया जाएगा, जिसमें ओडिशा के पारंपरिक परिधान प्रदर्शित होंगे. पर्यटन निगम जल्द ही फैशन डिजाइनर के नाम की घोषणा करेगा. शाम को मुख्य चौपाल पर ओडिशा के कलाकार अपनी आवाज का जादू बिखेरेंगे. पिछले वर्ष, सूरजकुंड मेले का थीम राज्य गुजरात था, जिसमें सोमनाथ मंदिर की प्रतिकृति रखी गई थी. यह पर्यटकों को गुजरात की धार्मिक संस्कृति से अवगत कराने का एक बेहतरीन अवसर था. इस बार भी ओडिशा के धार्मिक स्थलों की प्रतिकृतियां देखने को मिलेंगी.

 

ओडिशा की वस्त्र संस्कृति

4/5
ओडिशा की वस्त्र संस्कृति

पर्यटक ओडिशा के पारंपरिक धोती-कुर्ता और गमछा की संस्कृति से भी परिचित हो सकेंगे. इसके अलावा, महिला पर्यटकों के लिए संबलपुरी साड़ियां भी उपलब्ध होंगी. सूरजकुंड मेला परिसर में दिल्ली गेट की तरफ कमज्ञाम भुवनेश्वर मंदिर के प्रवेश द्वार की प्रतिकृति भी बनाई जाएगी, जो विशेष आकर्षण का केंद्र होगी. इसका निर्माण मेले के शुरू होने से 15 दिन पहले शुरू होगा.

 

सहयोगी देश और सांस्कृतिक पार्टनर

5/5
सहयोगी देश और सांस्कृतिक पार्टनर

इस बार बिम्सटेक देशों को सहयोगी देश बनाया गया है, जिसमें बांग्लादेश, भूटान, नेपाल, श्रीलंका, म्यांमार और थाईलैंड शामिल हैं। इसके अलावा, पूर्वोत्तर राज्यों को सांस्कृतिक पार्टनर बनाया गया है, जिसमें अरुणाचल प्रदेश, असम, मणिपुर, मेघालय, मिजोरम, नागालैंड, सिक्किम, त्रिपुरा शामिल हैं.