Shyok River: 28 जून की रात भारत के लद्दाख में बहने वाली श्योक नदी में टैंक को पार करते समय एक बड़ा हादसा हो गया, जिसमें भारतीय सेना के कुछ जवान शहीद हो गए. आइए जानते हैं आखिर क्यों इस नदी को कहा जाता है ‘मौत की नदी.
भारत के लद्दाख में बहने वाली श्योक नदी में टैंक को पार करते समय एक हादसा हो गया, जिसमें टैंक चालक दल की जान चली गई. वहीं भारतीय सेना के पांच बहादुर जवान.
श्योक नदी की लंबाई 550 किलोमीटर है. यह सिंधु नदी की सहायक नदी है. यह नदी सियाचिन के रिमो ग्लेशियर से निकलते हुए उत्तरी लद्दाख से गिलगित-बाल्टिस्तान में जाती है.
इस नदी को कई लोग मौत की नदी’ मानते हैं. ऐसा इसलिए क्योंकि श्योक नदी का संबंध पश्चिमी चीन के उइगर इलाके से है और उइगर भाषा में श्योक का अर्थ मौत से होता है.
दरअसल, प्राचीन काल के समय मध्य एशियाई देश से व्यापारियों का समूह यारकंद से लेह की ओर आते थे. इस दौरान श्योक नदी को पार करते समय नदी के बहाव कई लोगों के जान गवाने का कारण बनता था. ऐसा माना जाता है कि इस नदी में कई लोगों के साथ-साथ जानवरों के झुंड भी बह गए हैं.
श्योक नदी के नाम पर एक छोटा सा गांव भी है. ये लद्दाख की नुब्रा घाटी में है. वहीं इसकी ऊंचाई 12,100 फीट है.