Premanand Maharaj: प्रेमानंद महाराज का कहना है कि जो व्यक्ति छोटे-छोटे अपमानों से क्रोधित होकर दूसरे का नुकसान करने की कोशिश करता है. उसका पतन वहीं से शुरू हो जाता है. एक सच्चे उपासक के लिए अपमान सहन करना अमृत के समान होता है. जो उसकी आत्मिक उन्नति का मार्ग प्रशस्त करता है.
प्रेमानंद महाराज वीडियो अक्सर सोशल मीडिया पर वायरल होते रहते हैं. वह अक्सर किसी न किसी विषय पर अपनी बात रखते हैं. या उनके अनुयायी द्वारा पुछ गए सवालों के जवाब देते हैं.
हाल ही में प्रेमानंद महाराज ने बताया कि आखिर किस कारण से इंसान सुख, शांति, वैभव और ऐश्वर्य से दूर हो जाते हैं. महाराज कहते हैं कि अगर किसी इंसान में लोभ, हिंसा, छल-कपट, व्याभिचार और चोरी करने लगे तो व्यक्ति की तरक्की तो होती है, लेकिन यह कुछ समय के लिए होती है.
महाराज कहते हैं कि इस तरह की तरक्की हाइलोजन की तरह होती है. जो तुरंत फ्यूज हो जोते हैं और जीवन को अंधकार में डाल देते हैं. यही नहीं जो लोग थोड़े अपमान से गुस्सा जाते हैं और दूसरे का नुकसान करने लगते हैं. उनके पतन की शुरुआत वहीं से होने लगती है.
जिन लोगों के मन में अकसर द्वेष वाले खयाल आते हैं. ऐसे लोगों को क्रोध और द्वेष का चिंतन लाइफ को खराब कर देता है. व्यवहार हो या परमार्थ गुस्सा दोनों ही मानसिक और शारीरिक रूप से नुकसान पहुंचाता है.
अगर कोई पशु-पक्षी या इंसान किसी से अपनी जान बचाकर आपके पास आए और आप उसको बचाने की जगह मार दें तो इससे आपकी दुर्गति होना कंफर्म है.
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