कोलकाता में आरजीकर मेडिकल कॉलेज की ट्रेनी डॉक्टर के रेप और हत्या ने पूरे देश में निर्भया कांड की यादें ताजा कर दी है.
AISA, SFI समेत कई छात्र संघ, संस्थाओं, डाक्टरों और स्वास्थ्य कर्मियों ने एम्स के गेट के सामने कैंडल जलाकर नारेबाजी शुरू कर दी. प्रदर्शनकारियों ने इंकलाब जिंदाबाद, महिलाएं जब तक तक तंग रहेंगी, जंग रहेगी.. जंग रहेगी, हक की दावेदारी है, ये सारी रात हमारी है जैसे नारे लगाए.
प्रदर्शन कर रहे लोगों ने भारत में महिला सुरक्षा को लेकर कड़े कानून बनाने की मांग करते हुए कहा कि अगर वर्किंग प्लेस में अगर कोई महिला सुरक्षित नहीं है तो उसके सुरक्षा की जिम्मेदारी कौन लेगा? इस दौरान एम्स अस्पताल का गेट नंबर 2 को बंद रखा गया. दिल्ली पुलिस के आला अधिकारियों के साथ-साथ पैरा मिलिट्री फोर्स भी तैनात रही.
जेएनयू की पूर्व छात्र अध्यक्ष आयिशी घोष ने सीधे-सीधे बंगाल सरकार को दोषी ठहरा दिया. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी खुद एक महिला है, इसके बावजूद सरकार और अस्पताल प्रशासन पूरे मामले को दबाने और किसी को बचाने की कोशिश कर रहा है.
आयिषी घोष का कहना है कि आरजीकर अस्पताल में कुछ तो गलत हो रहा है, जिसका पर्दाफाश ट्रेनी डॉक्टर करना चाहती होगी और उसका मुंह बंद करने के लिए हत्या कर दी गई. पोस्टमार्टम रिपोर्ट में संभावना जताई गई है कि महिला डॉक्टर की हत्या में एक से ज्यादा लोग हो सकते हैं.
आयिषी घोष ने बंगाल की सरकार पर गंभीर आरोप लगाते हुए बंगाल की सीएम ममता बनर्जी के इस्तीफे की मांग की और यह भी कहा कि जब तक इस दूसरी निर्भय को इंसाफ नहीं मिल जाता जेएनयू उसे इंसाफ दिलाने के लिए लगातार सड़कों पर अपना प्रदर्शन जारी रखेगा