Advertisement
trendingPhotos/india/delhi-ncr-haryana/delhiharyana2363956
photoDetails0hindi

Chanakya Niti: चाणक्य के अनुसार वो कौन-सी चीज है, जिसके बिना राजा भी है भिखारी

Chanakya Niti: आचार्य चाणक्य, जिन्हें कौटिल्य और विष्णुगुप्त के नाम से भी जाना जाता है, एक प्राचीन भारतीय दार्शनिक, अर्थशास्त्री और सलाहकार थे. उनकी शिक्षाएं आज भी प्रभावशाली हैं. उनके बताए सिद्धांतों का पालन करके कोई भी व्यक्ति अपनी सभी आकांक्षाएं प्राप्त कर सकता है. आचार्य चाणक्य ने शिक्षा के साथ-साथ आत्मविश्वास और अनुशासन पर भी काफी जोर दिया. ऐसे में आज हम ऐसी ही कुछ आचार्य चाणक्य द्वारा बताई गई नीतियों के बारे में बताने वाले हैं.

 

शत्रु के साथ न करें मित्रता

1/9
शत्रु के साथ न करें मित्रता

आचार्य चाणक्य के अनुसार आप इस बात का गांठ बांध लें कि शत्रु के साथ कभी भी मित्रता न करें. यदि आप उसके साथ मित्रता करेंगे, तो आपका पतन निश्चित है.  चाणक्य के अनुसार, एक सच्चे मित्र का चुनाव सोच-समझकर करना चाहिए ताकि वह विपत्ति के समय साथ दे सके.

धन का महत्व

2/9
धन का महत्व

धन ही सब कुछ नहीं है, लेकिन इसका अभाव भी दुखदायी होता है. चाणक्य बताते हैं कि धन की आवश्यकता जीवन में संतुलन बनाए रखने के लिए होती है, लेकिन इसका लालच विनाशकारी हो सकता है.

 

सपनों की शक्ति

3/9
सपनों की शक्ति

आपके सपने ही आपके जीवन का लक्ष्य निर्धारित करते हैं. उन्हें हमेशा बड़ा और ऊंचा रखें. चाणक्य कहते हैं कि अपने सपनों को ऊंचा रखने से ही व्यक्ति उच्च स्थान प्राप्त कर सकता है.

स्वास्थ्य का महत्व

4/9
स्वास्थ्य का महत्व

स्वास्थ्य सबसे बड़ा धन है. स्वस्थ शरीर में ही स्वस्थ मन का वास होता है. चाणक्य के अनुसार, स्वास्थ्य का ध्यान रखना सबसे महत्वपूर्ण है क्योंकि स्वस्थ व्यक्ति ही अपने लक्ष्यों को प्राप्त कर सकता है. ऐसे में अगर इंसान के पास अच्छा स्वास्थ्य न हो तो राजा भी भिखारी समान ही है.

समय की कीमत

5/9
समय की कीमत

समय बहुत कीमती है. इसे व्यर्थ न गवाएं. चाणक्य समय की कीमत बताते हुए कहते हैं कि जो व्यक्ति समय का सदुपयोग करता है, वही जीवन में सफल होता है.

परिश्रम का महत्व

6/9
 परिश्रम का महत्व

परिश्रम ही सफलता की कुंजी है. बिना परिश्रम के कोई भी बड़ा कार्य नहीं किया जा सकता. चाणक्य परिश्रम के महत्व को बताते हुए कहते हैं कि निरंतर प्रयास और मेहनत से ही व्यक्ति अपने लक्ष्यों को प्राप्त कर सकता है.

 

शत्रु की पहचान

7/9
शत्रु की पहचान

अपने शत्रु की शक्ति और कमजोरी को जानना बहुत महत्वपूर्ण है. चाणक्य कहते हैं कि अपने शत्रु को जानने से ही उसे पराजित किया जा सकता है और उसकी योजनाओं को विफल किया जा सकता है.

दूसरों की गलतियों से सीखें

8/9
दूसरों की गलतियों से सीखें

चाणक्य कहते हैं कि आपको गलतियों से सीखना चाहिए. आप खुद गलतियां करके उनसे सीखने का इंतजार नहीं कर सकते. ऐसे में आपको दूसरों की गलतियों से सीखना चाहिए.

 

कृपया ध्यान दें

9/9
कृपया ध्यान दें

कृपया ध्यान दें, ये खबर इंटरनेट मीडिया पर आधारित है. Zee Media किसी भी दावे की पुष्टि नहीं करता है. किसी भी क्षेत्र में अधिक जानकारी के लिए विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें.