Faridabad: लोगों ने महेश के शव को घर के बाहर रख, पुलिस के खिलाफ जमकर की नारेबाजी
Advertisement
trendingNow0/india/delhi-ncr-haryana/delhiharyana2051368

Faridabad: लोगों ने महेश के शव को घर के बाहर रख, पुलिस के खिलाफ जमकर की नारेबाजी

गुस्साए लोगों ने आज महेश के शव को घर के बाहर रखकर जमकर पुलिस के खिलाफ नारेबाजी की और सोहना रोड को जाम कर दिया, लेकिन पुलिस और प्रशासन के अधिकारियों को समझने के बाद लोगों ने जाम को खोल दिया. इस बीच लोगों ने प्रशासन के सामने पांच मांगे रखी.

Faridabad: लोगों ने महेश के शव को घर के बाहर रख, पुलिस के खिलाफ जमकर की नारेबाजी

Bittu Bajrangi Brother Died: फरीदाबाद के प्रवृत्ति कॉलोनी में महेश नाम के शख्स की मौत के बाद उसके शव को घर के बाहर लोगों ने जमकर हंगामा काटा और पुलिस के खिलाफ नारेबाजी की. दरअसल 13 दिसंबर को रात करीब 11:30 बजे महेश के ऊपर कुछ व्यक्तियों ने जानलेवा हमला किया और जलन पदार्थ डालकर उसके शरीर को जलाने की कोशिश की थी,  जिसमें महेश बुरी तरह से झुलस गया था.  घायल अवस्था में उसे एम्स अस्पताल में भर्ती कराया गया जहां उसका इलाज चल रहा था, लेकिन सोमवार इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई.

बिट्टू का 31 जुलाई को धार्मिक यात्रा के दौरान एक भड़काऊ वीडियो सोशल मीडया पर तेजी से वायरल हुआ था, जिसके बाद बिट्टू काफी चर्चा में आए थे. इसके बाद नूंह में हिंस्सा भी भड़की थी. महेश, बिट्टू बजरंगी का भाई है. वहीं परिवार का आरोप है कि कुछ विशेष समूह के लोगों ने उसे जान से मारने की कोशिश की. इसकी शिकायत पहले भी कई दफा पुलिस को की गई थी कि उसके परिवार को कुछ लोगों से खतरा है, लेकिन इसके बावजूद भी किसी तरह से कोई सुरक्षा नहीं दी गई. परिवार का आरोप है कि पुलिस की लापरवाही के चलते महेश की जान गई है.

ये भी पढ़ें: Kl Rahul: राहुल को नहीं दिया गया अफगानिस्तान के खिलाफ टी20 सीरीज में मौका, वजह आई सामने

इसी से गुस्साए लोगों ने आज महेश के शव को घर के बाहर रखकर जमकर पुलिस के खिलाफ नारेबाजी की और सोहना रोड को जाम कर दिया, लेकिन पुलिस और प्रशासन के अधिकारियों को समझने के बाद लोगों ने जाम को खोल दिया. इस बीच लोगों ने प्रशासन के सामने पांच मांगे रखी, जिसमें महेश के हत्या आरोपियों को तुरंत से गिरफ्तार किया जाए. महेश की पत्नी को सरकारी नौकरी दी जाए और 50 लाख रुपए की राहत राशि दी जाए. इसके अलावा महेश के भाई बिट्टू बजरंगी को आर्म्स लाइसेंस दिया जाए. इसके अलावा जब तक आर्म लाइसेंस नहीं मिलता तब तक एक सुरक्षा कर्मी भी परिवार को दिया जाए. इन सभी मांगों को प्रशासन ने मान लिया और उसके बाद ही परिवार वालों ने महेश का अंतिम संस्कार किया.