Noida Twin Tower: ट्विन टावर को गिराए जाने के बाद बड़ी चुनौती, कैसे होगा 60 हजार टन मलबे का निस्तारण?
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Noida Twin Tower: ट्विन टावर को गिराए जाने के बाद बड़ी चुनौती, कैसे होगा 60 हजार टन मलबे का निस्तारण?

सुपरटेक एमराल्ड कोर्ट ट्विन टावर में विस्फोटक लगाने का काम 24 अगस्त तक पूरा हो जाएगा. 28 अगस्त को महज 9 सेकंड में ये दोनों टावर ध्वस्त हो जाएंगे. इसके बाद 60 हजार टन मलबे का निस्तारण एक बड़ी चुनौती होगी. 

Noida Twin Tower: ट्विन टावर को गिराए जाने के बाद बड़ी चुनौती, कैसे होगा 60 हजार टन मलबे का निस्तारण?

Noida Twin Tower: नोएडा के सेक्टर-93A सुपरटेक एमराल्ड कोर्ट ट्विन टावर को गिराने की तैयारियां काफी तेजी के साथ की जा रही है. सुप्रीम कोर्ट के डेडलाइन बढ़ाने के फैसले के बाद अब इन दोनों टावर को 28 अगस्त को गिराया जाएगा, जिसमें विस्फोटक लगाने का काम 24 अगस्त तक पूरा कर लिया जाएगा. 

ट्विन टावर की कहानी
नोएडा प्राधिकरण के द्वारा साल 2006 में सुपरटेक बिल्डर को सेक्टर-93A में 17.29 एकड़ की  जमीन  में आवंटित की थी, जिसमें एमराल्ड कोर्ट ग्रुप हाउसिंग प्रोजेक्ट के तहत 15 टावरों का निर्माण किया गया. सभी टावरों में 11 मंजिल बनाई गईं. साल 2009 में नोएडा अथॉरिटी के पास सुपरटेक बिल्डर ने एक रिवाइज्ड प्लान दिया, जिसके अनुसार एपेक्स और सियान नाम के जुड़वां टावर के लिए एफएआर खरीदा गया. बिल्डर ने दोनों टावरों के लिए 24 फ्लोर का प्लान मंजूर कराया लेकिन इस पर 40 फ्लोर के हिसाब से 857 फ्लैट बना दिए. आधे से ज्यादा फ्लैट की बुकिंग भी हो गई लेकिन बाद में खरीदारों ने इसका विरोध शुरू कर दिया. विरोध के बाद इस मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट में याचिका दाखिल कराई गई, जिसमें 11 अप्रैल 2014 को दोनो टावरों को गिराने का आदेश दिया था. इसके बाद यह मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंचा.

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32 और 29 मंजिल ऊंचे एपेक्स और सियान नाम के इन दोनों टावरों को 28 अगस्त को ध्वस्त कर दिया जाएगा. हर दिन यहां सुबह 7 बजे से शाम 7 बजे तक बारूद लगाने का काम किया जाता है. बारूद लगने के बाद महज 9 सेकंड में ये दोनों टावर ध्वस्त हो जाएंगे. ब्लास्ट के लिए विदेश से 10 इंजीनियर साइट पर बुलाए जाएंगे और 10 फ्लोर में बारूद लगाया जाएगा. 

रोज लग रहा 250 किलो विस्फोटक
नोएडा पुलिस की सुरक्षा में रोज पलवल से टावर में लगाने के लिए 250 किलो विस्फोटक लाया जाता है. दोनों टावरों को ध्वस्त करने में लगभग 3700 किलो विस्फोटक लगाया जाएगा. टावर को ध्वस्त करने के बाद लगभग 60 हजार टन मलबा निकलेगा, जिसका निस्तारण करना एक बड़ी चुनौती होगी. 

 

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