आपको बता दें कि अगले हफ्ते से नोटिस बांटने का काम भी नोए़डा प्रशासन शुरू कर देगा. निगम ने सालाना 5 करोड़ रुपये का टैक्स वसूल करने का लक्ष्य रखा है. हालांकि अभी तक आवासीय और गैर आवासीय संपत्ति का ही टैक्स वसूला जा रहा था.
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अंकित मिश्रा/नोएडा: राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र यानी एनसीआर में घर लेना अब और महंगा हो सकता है. जिले में 8 से 20% तक सर्किल रेट बढ़ाए जा सकते हैं. मौजूदा सर्किल रेट 8 अगस्त वर्ष 2019 से लागू है. कोरोना के चलते पिछले 3 वर्ष में सर्किल रेट में बढ़ोतरी नहीं की गई थी. लेकिन अब सर्किल रेट बढ़ाने को लेकर जिलाधिकारी निबंधन विभाग के एआईजी नोएडा सदर दादरी व जेवर के सब रजिस्टार ने बैठक में इसके संकेत दिए हैं. इससे आने वाले दिनों में यहां घर लेना और उद्योग लगाना महंगा हो जाएगा. गौतम बुद्ध नगर जिला प्रशासन ढाई साल बाद संपत्ति के रेट बढ़ाने की तैयारी है.
नई सर्किल रेट दर लागू करने से पहले बिल्डर, उद्यमी किसानों को फोनरवा के साथ बैठक की जाएगी. इसके बाद प्रस्तावित सर्किल रेट को लेकर जिन संगठनों को आपत्ति है उनकी आपत्ति दाखिल कर सुनवाई की जाएगी. इसके बाद रेट बढ़ाने को लेकर फैसला किया जाएगा. सर्किल रेट बढ़ाने का प्रस्ताव 11 अगस्त बोर्ड बैठक में रखा गया था. प्रस्ताव तैयार है अब जल्द लोगों से आपत्तियां मांगी जाएगी. दावे-आपत्तियों के निस्तारण के बाद बढ़े हुए सर्किल रेट लागू हो जाएंगे.
क्या होता है सर्किल रोड, कैसे तय होती है कीमत?
सर्किल रेड जिला प्रशासन द्वारा तय किया जाता है. इसे इस तरह से समझिए कि अगर कोई 100 गज का आवासीय प्लाट ले रहा है और वहां का सर्किल रेट 50 हजार रुपये प्रति वर्गमीटर है. तो उस प्लाट की कीमत 50 लाख रुपये बैठेगी. इसी हिसाब से रजिस्ट्री का दाम भी तय होगा. खरीदार 5 फीसदी स्टांप फीस देनी होगी. स्टांप शुल्क के तौर पर 2.5 लाख रुपये बैठेंगे.
अलग-अलग टैक्स लेगा नगर निगम
आपको बता दें कि नए सर्किल रेट से नोएडा के मकानों में चल रही 35 हजार दुकानें पहली बार टैक्स के दायरे में आई हैं. अब नगर निगम मकान के साथ दुकान का अलग से टैक्स लेगा. सर्वे का काम पूरा हो गया है. टैक्स वसूलने के लिए मिश्रित संपत्ति के नोटिस भी पहली बार तैयार कराए जा रहे हैं.
186 करोड़ रुपये सालाना वसूलने का लक्ष्य
आपको बता दें कि अगले हफ्ते से नोटिस बांटने का काम भी नोए़डा प्रशासन शुरू कर देगा. नोएडा नगर निगम सालाना 5 करोड़ रुपये का टैक्स वसूल करेगा. हालांकि अभी तक आवासीय और गैर आवासीय संपत्ति का ही टैक्स वसूला जा रहा था. हर साल हाउस टैक्स के 186 करोड़ रुपये वसूलने का लक्ष्य है, लेकिन 140 करोड़ रुपये से ज्यादा की वसूली नहीं हो रही थी. काफी प्रयास के बाद भी टैक्स में वृद्धि नहीं हुई. जिसके बाद जिला प्रशासन ने नए तरीके से टैक्स वसूलने का नियम बनाया. आपको बता दें पहले 27 सितंबर 2019 को बोर्ड बैठक हुई थी. जिसमें सिर्फ आवासीय की ई-श्रेणी में संपत्ति के रेट बढ़ाए गए थे. इसके बाद साल 2020 में ए-प्लस की नई श्रेणी बनी तो कुछ सेक्टरों को इसमें शामिल किया गया. जबकि व्यावासयिक संपत्तियों की आवंटन दरों में कोई वृद्धि नहीं की गई थी.