नई शिक्षा नीति का हरियाणा में होगी क्या असर, कवंरपाल गुर्जर ने किया खुलासा
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नई शिक्षा नीति का हरियाणा में होगी क्या असर, कवंरपाल गुर्जर ने किया खुलासा

नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति पर हरियाणा के स्कूल शिक्षा मंत्री कवंरपाल गुर्जर ने अपनी प्रतिक्रिया देते हुए इसे  बेहतर बताया. उन्होंने कहा कि नई शिक्षा नीति लाखों लोगों से पूछने के बाद और बड़े ही गहनता से किए गए अध्ययन के बाद बनाई गई है.

नई शिक्षा नीति का हरियाणा में होगी क्या असर, कवंरपाल गुर्जर ने किया खुलासा

New Education Policy 2023: नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति पर हरियाणा के स्कूल शिक्षा मंत्री कवंरपाल गुर्जर ने अपनी प्रतिक्रिया देते हुए इसे  बेहतर बताया. उन्होंने कहा कि नई शिक्षा नीति लाखों लोगों से पूछने के बाद और बड़े ही गहनता से किए गए अध्ययन के बाद बनाई गई है. मुझे नहीं लगता कि आज तक इससे पहले किसी पॉलिसी के लिए इतने बड़े स्तर पर  चर्चा की गई हो.  हर प्रकार के विशेषज्ञ शिक्षाविद, चाहे वो राजनीतिक लोग थे. आम जनता हर वर्ग के साथ बात करने के बाद यह शिक्षा नीति बनी.

उन्होंने कहा कि बड़े लंबे समय के बाद इसके आने से बहुत बड़ा परिवर्तन होगा. देश में रोजगार बढ़ेगा. इसमें काफी जोर इस बात पर दिया गया जो छात्र शिक्षा ग्रहण करने के बाद बाहर आएगा वह स्वयं रोजगार करने की स्थिति में होगा.  मांगने वाले की बजाय देने वाला व्यक्ति बनना चाहिए. वोकेशनल एजुकेशन (Vocational education) पर काफी जोर दिया गया है. पहले हम 10वीं से शुरू करते थे अब इसमें हरियाणा पहला ऐसा राज्य है जिसकी शुरुआत छठी से है.

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उन्होंने आगे कहा कि हमने 90 हजार से ज्यादा विद्यार्थी छठी क्लास में हमारे पास है. पहले नोवी क्लास में है हमारे पास एक लाख 96 हजार विद्यार्थी जो वोकेशनल एजुकेशन ले रहे हैं. हम किट देने वाले भी पहले ऐसा राज्य है, जो किट दे रहे ताकि बच्चे पूरा ट्रेंड होकर बाहर जाए. जैसे पहले इंग्लिश भाषा पर काफी जोर दिया जाता था, लेकिन अब  मातृ भाषा और जहां की जो भाषा है. लोकल लैंग्वेज पर भी जोर दिया जाएगा. दुनिया का तजुर्बा यही है जिन राज्य ने अपनी भाषा अपनाई वहां के नतीजे अच्छे हैं, जिन लोगों ने दूसरी भाषा पर जोर दिया वहां के नतीजे अच्छे नहीं.

उन्होंने अपने बयान में आगे कहा कि हमारे यहां भी बड़ी संख्या में ऐसे विद्यार्थी हैं. केवल और केवल इसी वजह से उन्होंने पढ़ाई को बीच में इसलिए छोड़ दी कि उनकी इंग्लिश अच्छी नहीं थी. उनके पास योग्यता थी, लेकिन इसकी वजह अब शिक्षा नीति में परिवर्तन किया गया. इस प्रकार की छूट दी गई कि उदाहरण के तौर पर कोई साइंस विषय का बच्चा है, लेकिन उसकी महारत संगीत में है, लेकिन वो बीएससी कर रहा है अब वह संगीत में नहीं जा सकता.

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उन्होंने आगे कहा कि नई शिक्षा नीति के अनुसार अब इस प्रकार की छूट दी गई है कि वह अगर कोई और विषय लेना चाहता है तो ले सकता है. अगर कोई 1 साल का कोर्स करेगा तो उसे भी सर्टिफिकेट मिलेगा. 2 साल पर उसे डिप्लोमा मिलेगा 3 साल पूरे होने पर डिग्री मिलेगी अगर कोई 1 साल ही केवल पढ़ पाता है तो ऐसा नहीं कि उसका 1 साल खराब जाएगा. उससे भी सर्टिफिकेट दिया जाएगा.

उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री द्वारा कहा गया है कि पूरे देश में 2030 तक नई शिक्षा नीति लागू कर दी जाएगी और हरियाणा में हम 2025 तक हम इसको लागू कर देंगे. हमने इसमें काफी काम कर लिया है. 4 हजार प्ले स्कूल हम खोल चुके हैं. 4 हजार और खोले जाएंगे. नई शिक्षा नीति युवाओं के भविष्य निर्माण में बेहतर साबित होगी.

(इनपुटः कुलवंत सिंह)

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