Bhiwani News: महाराष्ट्र के पुणे में आयोजित हुई चौथी नेशनल मास्टर्स एथलेटिक्स चैंपियनशिप में तीन प्रतिस्पर्धाओं में भिवानी के 82 साल के सूबेदार राजपाल कलकल ने स्वर्ण पदक जीता है.
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Bhiwani News: खेल नगरी के नाम से मशहूर हरियाणा के भिवानी जिले के युवा खिलाडिय़ों की प्रतिभा से दुनिया वाफिक है. लेकिन यहां के युवाओं के साथ ही बुजुर्ग खिलाड़ी भी खेल के क्षेत्र में किसी से भी पीछे नहीं हैं. बुजुर्ग खिलाड़ी राष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिताओं में भी अपने शानदार खेल का प्रदर्शन करते हुए युवाओं को कड़ी टक्कर दे रहे हैं. इसी कड़ी में विद्या नगर निवासी सूबेदार राजपाल कलकल ने हाल ही में महाराष्ट्र के पुणे में आयोजित हुई चौथी नेशनल मास्टर्स एथलेटिक्स चैंपियनशिप में तीन प्रतिस्पर्धाओं में स्वर्ण पदक जीतकर राष्ट्रीय स्तर पर भिवानी का नाम रोशन किया है.
ऐसा कहा जाता है कि मन में कुछ करने का जज्बा हो तो उम्र मायने नहीं रखती. विद्या नगर निवासी सूबेदार राजपाल कलकल ने इन पंक्तियों को सही करके दिखाया है. 13 से 17 फरवरी तक महाराष्ट्र के पुणे में आयोजित चौथी नेशनल मास्टर्स एथलेटिक्स चैंपियनशिप में सूबेदार राजपाल सिंह ने 3 स्वर्ण पदक अपने नाम किए हैं. उन्होंने 80 वर्ष आयु वर्ग की 400 मीटर, 800 मीटर व 1500 मीटर दौड़ में हिस्सा लेते हुए तीनों ही प्रतिस्पर्धाओं में स्वर्ण पदक हासिल किया है. सूबेदार राजपाल ने प्रदेश के साथ भिवानी जिले का भी नाम रोशन किया है. इसके साथ ही वो आस-पास के लोगों के लिए प्रेरणा भी बन गए हैं.
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वहीं इस बारे में पदक विजेता सूबेदार राजपाल कलकल ने बताया कि वे पहले भी कई राष्ट्रीय स्तरीय प्रतियोगिताओं में पदक जीत चुके हैं. उन्होंने कहा कि खेलों में उम्र की कोई सीमा नहीं होती. खेल को अपनाकर व्यक्ति तंदुरुस्त व बीमारियों से दूर रह सकता है. जिसका सबसे बड़ा उदाहरण वे स्वयं है. उन्होंने बताया कि उनकी उम्र 82 वर्ष है, लेकिन खेल अपनाने के कारण वे आज तक किसी भी बीमारी का शिकार नहीं हुए है. इस दौरान उन्होंने युवाओं से आह्वान किया कि वे खेलों में अधिक से अधिक भागीदारी करें, ताकि राष्ट्र को स्वस्थ बनाया जा सकें.
वहीं अपनी दिनचर्या व डाइट के बारे में बताते हुए सूबेदार राजपाल ने बताया कि उन्होंने हमेशा से ही देशी खान-पान को महत्व दिया है. इसके साथ ही वे नशे के भी विरोधी हैं. उन्होंने बताया कि वे रोज सुबह खाली पेट करीबन डेढ़ घंटे तक व्यायाम करते है, जिसके बाद घर आकर भुने हुए चने व गुड़ का सेवन करते हैं. इसके बाद करीबन 12 बजे आधा लीटर दूध व कॉर्न फ्लेक्स का नाश्ता करते है. इसके बाद करीब साढ़े 3 बजे दो रोटी, सब्जी व सलाद का सेवन करते हैं. शाम 6 बजे फिर व्यायाम के लिए निकलते हैं और करीब साढ़े 7 बजे वापस लौटकर फलों का सेवन करते हैं. इसके बाद रात 9 बजे दो रोटी, सब्जी व सलाद खाते हैं. उन्होंने बताया कि इसके बाद वे सोते समय आधा लीटर दूध व बॉर्नविटा पीते हैं.
Input- Naveen Sharma