DDA: नरेला में खेतों को उजाड़कर भूमाफिया बसा रहे थे कॉलोनी, बुलडोजर ने ढहाया अवैध निर्माण
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DDA: नरेला में खेतों को उजाड़कर भूमाफिया बसा रहे थे कॉलोनी, बुलडोजर ने ढहाया अवैध निर्माण

Delhi News: तहसीलदार दिनेश कुमार ने बताया कि एसडीएम सहित प्रशासनिक अधिकारियों का दस्ता पहुंचा और अवैध कॉलोनियों पर पीला पंजा चलाया गया. इस दौरान जेसीबी ने तमाम कॉलोनी में अवैध रूप से बनी प्लॉटिंग की बाउंड्री को ध्वस्त कर दिया. 

DDA: नरेला में खेतों को उजाड़कर भूमाफिया बसा रहे थे कॉलोनी, बुलडोजर ने ढहाया अवैध निर्माण

नई दिल्ली: नरेला इलाके में भू माफिया का आतंक जारी है. हरी-भरी फसलों को उजाड़कर भूमाफिया यहां अवैध रूप से कॉलोनी बसा रहे हैं. एक ओर दिल्ली विकास प्राधिकरण (DDA) ने 20-30 साल पुरानी कॉलोनियों को नोटिस देकर घरों को तोड़ने का आर्डर जारी किए हैं और बुलडोजर भी चलाया जा रहा है, वहीं  दूसरी ओर DDA की परवाह किए बगैर भूमाफिया बस्तियां बसाकर मोटा पैसा कमाने का प्लान बना चुके हैं. 

नरेला के स्वतंत्र नगर गोंडा रोड के किनारे खेतों में बसाई गई अवैध कॉलोनियों पर प्रशासन ने कड़ी कार्रवाई की. तहसीलदार दिनेश कुमार ने बताया कि एसडीएम सहित प्रशासनिक अधिकारियों का दस्ता पहुंचा और अवैध कॉलोनियों पर पीला पंजा चलाया गया. इस दौरान जेसीबी ने तमाम कॉलोनी में अवैध रूप से बनी प्लॉटिंग की बाउंड्री को ध्वस्त कर दिया. करीब 4 एकड़ जमीन पर कॉलोनी बसाने का काम चल रहा था. जेसीबी ने जगह-जगह लगाए पिलर को उखाड़ फेंका.

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DDA विभाग इस समय 2041 का मास्टर प्लान तैयार कर रहा है, लेकिन जिस तरह से भूमाफिया जिस तरह दिल्ली में अपनी मनमानी करने पर तुले हैं, उसे देखकर ऐसा लगता है कि जब तक दिल्ली में डीडीए का 2041 का मास्टर प्लान आएगा, तब तक अवैध रूप से काटी गई कालोनियां बस चुकी होंगी और भूमाफिया मोटा मुनाफा कमाकर अपना क्षेत्र छोड़ चुके होंगे और इसका खामियाजा गरीब जनता को भुगतना पड़ेगा. 

बता दें एलजी ने फरवरी में कुछ सुझावों के साथ मास्टर प्लान 2041 के ड्राफ्ट को मंजूरी दी थी. इसके बाद अप्रैल के तीसरे सप्ताह में दिल्ली विकास प्राधिकरण (डीडीए) ने केंद्रीय आवास और शहरी मामलों के मंत्रालय के सामने दिल्ली मास्टर प्लान का मसौदा प्रस्तुत किया था. मास्टर प्लान 2041 का लक्ष्य एक ऐसा शहर बसाना है, जो रहने के लिए सस्ता, सुरक्षित और क्वालिटी एनवायरमेंट वाला हो. पर्यावरण ऐसा होगा, जो लोगों को  हेल्दी लाइफ मुहैया कराने में सक्षम हो. साथ ही जलवायु परिवर्तन और आपदाओं के प्रभाव को झेल सके.

इनपुट : नीरज शर्मा

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