WHO ने मंकीपॉक्स वायरस के संक्रमण के खतरे को देखते हुए इसे ग्लोबल हेल्थ इमरजेंसी घोषित कर दिया है. भारत में भी अब तक इस वायरस से संक्रमण के 3 मामले सामने आ चुके हैं.
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नई दिल्ली: विश्व के 80 देशों में अब तक 17 हजार से ज्यादा मंकीपॉक्स के मामले सामने आ चुके हैं, तो वहीं भारत में भी तीसरे व्यक्ति में इस संक्रमण की पुष्टि हो चुकी है. इस बीच WHO ने मंकीपॉक्स वायरस के संक्रमण के खतरे को देखते हुए इसे ग्लोबल हेल्थ इमरजेंसी घोषित कर दिया है.
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ग्लोबल हेल्थ इमरजेंसी घोषित करने की प्रकिया
किसी भी बीमारी को इमरजेंसी घोषित करने के लिए विश्व स्वास्थ्य संगठन की एक कमेटी फैसला लेती है और अगर कमेटी ने सहमति नहीं बने तो निदेशक को फैसला लेने का अधिकार होता है. WHO के महानिदेशक टेड्रोस ए. घेब्रेयसस ने वैश्विक स्वास्थ्य संगठन की इमरजेंसी कमेटी के सदस्यों के बीच आम सहमति नहीं बन पाने के बाद भी यह घोषणा की है.
तेजी से फैल रहा संक्रमण
मंकीपॉक्स वायरस का संक्रमण जून महीने से जुलाई तक में लगभग 80% ज्यादा फैल गया है. अगर आकड़ों पर नजर डालें तो इस बीमारी के सबसे ज्यादा प्रभावित यूरोप है विश्व भर के कुल संक्रमण के 80% मामले यहां हैं.
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भारत में तीनों मामले केरल से
भारत में यूएई से वापस लौटे व्यक्ति में मंकीपॉक्स के लक्षण दिखे दे, जिसके बाद डॉक्टरों ने संक्रमण की पुष्टि की. देश में मंकीपॉक्स का दूसरा और तीसरा मामला भी केरल से ही सामने आया है.
मंकीपॉक्स वायरस के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए दिल्ली के लोकनायक अस्पताल को मंकीपॉक्स का नोडल सेंटर बनाया गया है, जिससे कोई भी केस सामने आने पर मरीज को तुरंत आइसोलेट किया जा सके.
80 देशों में अब तक 17 हजार से ज्यादा मामले
Monkeypoxmeter.com पर मौजूद डेटा के अनुसार, अब तक विश्व के 80 देशों में 17,092 मंकीपॉक्स के मरीजों की पुष्टि हो चुकी है. वहीं इस बीमारी से 5 लोगों की मौत हुई है.
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