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Bhiwani News: कांग्रेस के घोषणा पत्र को लेकर भाजपा ने कोहराम मचा दिया है. कांग्रेस के घोषणा पत्र पर उठाए गए मोदी को सवालों को सही ठहराने के लिए पूरे देश में भाजपा के मंत्रियों ने मोर्चा खोल दिया है. हालांकि कांग्रेस ने इसे गलत बताया और चुनाव आयोग का दरवाजा खटखटाया है. इधर भिवानी पहुंचे हरियाणा के वित्त मंत्री जेपी दलाल ने विरासत टैक्स को लेकर कांग्रेस पर हमला बोला है. जेपी दलाल कहा कि कांग्रेस चुपके-चुपके एक वर्ग विशेष को लेकर नीतियां बनाती है और अब भी उसी को लेकर घोषणा पत्र बनाया है.
उन्होंने कहा कि अमेरिका के कुछ राज्यों में विरासत टैक्स वसूलने की व्यवस्था है, जो कांग्रेस भारत में लागू करना चाहती है. उन्होंने कहा कि कांग्रेस के समय 50 साल तक हर चुनाव में शाही इमाम का फतवा जारी होता था. कांग्रेस अब भी उसे बरकरार रखना चाहती है. उन्होंने आरोप लगाया कि कांग्रेस के घोषणा पत्र में देश की सारी संपत्ति व जेवर का सर्वे करवाने की बात है और उसमें घुमा फिराकर लिखा है कि वो संपत्ति व जेवर एक वर्ग विशेष को दिए जाएंगे. जेपी दलाल ने कहा कि बीजेपी देश को विकास की राह पर लाई. देश की GDP बढ़ी और दुनिया में देश की साख बढ़ी, लेकिन कांग्रेस जाति के आधार पर देश को टुकड़ों में बांटना चाहती है.
इसके बाद जेपी दलाल ने मोदी सरकार के 10 साल के काम गिनवाए. उन्होंने कहा कि कांग्रेस और भाजपा सरकार की तुलना करते हुए कहा कि पहले देश मे 74 हवाई अड्डे थे जो अब 150 हो गए हैं. इसी प्रकार मेट्रो को 5 से बढ़ाकर 20 शहरों में चलाई, मेडिकल कॉलेज 380 से 700 बनाए, IIM 16 से 23 किए, 7 IAMS को बढ़ाकर 24 किए, यूनिवर्सिटी 700 से 1100 तक बढाई, नेशन हाइवे 96 हजार किलोमीटर से बढ़ाकर सवा लाख किलोमीटर किए, ग्रामीण सड़कों का विस्तार 3 लाख 20 हजार किलोमीटर से बढ़ाकर 6 लाख 75 हजार किलोमीटर किया, वंदे भारत ट्रेन चलाई और आम ट्रेनों का विद्ध्युतीकरण 20 हजार से 41 हजार किलोमीटर तक किया, कृषि बजट तीन गुणा बढ़ाया और फसलों की सरकारी खरीद जो पहले साढे 5 लाख करोड़ रुपये की थी उसे बढ़ा कर 10 लाख 40 हजार करोड़ रुपये किया.
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कांग्रेस के घोषणा पत्र को लेकर भाजपा की तरफ से कोहराम मचा है. जिसे कांग्रेस झूठी प्रचार बताते हुए चुनाव आयोग के पास पहुंच चुकी है. ऐसे में देखना होगा कि चुनाव आयोग क्या फैसला लेता है और इस कोहराम के बीच जनता कांग्रेस के घोषणा पत्र को पढ़कर फैसला लेती है या भाजपा की बाते सच मानकर अपना मत देती है.
वहीं सियासी उबाल के बीच विरासत कर जयराम रमेश ने कहा कि घोषणा पत्रा में इसका कही भी जिक्र नहीं है. सच तो यह है कि राजीव गांधी ने ही इस टैक्स को खत्म कर दिया था.
क्या होता है विरासत टैक्स?
विरासत कर को इन्हेरिटेंस टैक्स कहा जाता है. किसी की मृत्यु के बाद जब उसकी संपत्ति परिजनों को ट्रांसफर होती है तब यह टैक्स लगाया जाता है. अमेरिका और जापान समेत कई देशों में इसे वसूला जाता है. सरकार रेवेन्यू बढ़ाने के लिए यह टैक्स लेती है. भारत में 1948 से 1952 तक चले भूदान आंदोलन के दौरान लोगों ने स्वेच्छा से अपनी जमीनें दान कर दी थी. विरासत कर की व्यवस्था 1985 तक देश में थी, जिसे राजीव गांधी की सरकार ने तत्कालीन परिस्थितियों को देखते हुए खत्म कर दिया था.
INPUT: NAVEEN SHARMA