Delhi Election 2025: मतदान केंद्रों के लिए नए दिशा-निर्देश, महिला कर्मचारियों के लिए विशेष प्रावधान
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Delhi Election 2025: मतदान केंद्रों के लिए नए दिशा-निर्देश, महिला कर्मचारियों के लिए विशेष प्रावधान

Delhi Election 2025: दिल्ली में कुछ मतदान केंद्र ऐसे हैं, जहां केवल महिला कर्मचारियों को तैनात किया गया है. इन केंद्रों पर सेक्टर अधिकारी सुबह ईवीएम और वीवीपैट लाकर महिला पीठासीन अधिकारियों को सौंपेंगे.

Delhi Election 2025: मतदान केंद्रों के लिए नए दिशा-निर्देश, महिला कर्मचारियों के लिए विशेष प्रावधान

नई दिल्ली : दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025 के मतदान की प्रक्रिया को सुचारू और निष्पक्ष बनाने के लिए मुख्य निर्वाचन अधिकारी (सीईओ) कार्यालय ने व्यापक तैयारियां की हैं. इन तैयारियों में न केवल ईवीएम और वीवीपैट की सुरक्षा सुनिश्चित की गई है, बल्कि महिला और दिव्यांग कर्मचारियों की सुविधाओं का भी विशेष ध्यान रखा गया है.

चुनावी तैयारियों का खाका तैयार
मुख्य निर्वाचन अधिकारी के आदेशानुसार सभी पोलिंग कर्मचारी मतदान से एक दिन पहले शाम तक अपने-अपने मतदान केंद्रों पर पहुंच जाएंगे. मतदान केंद्र पर पहुंचने के बाद कर्मचारियों को ईवीएम और वीवीपैट की जांच करनी होगी और मतदान के लिए सभी आवश्यक व्यवस्थाएं सुनिश्चित करनी होंगी. इसके तहत कर्मचारियों को मतदान केंद्र पर रात भर रुकने का निर्देश दिया गया है. हालांकि, महिला और दिव्यांग कर्मचारियों को विशेष छूट प्रदान की गई है, ताकि वे अपनी सुविधानुसार निर्णय ले सकें.

महिला कर्मचारियों को मिली सहूलियत
महिला कर्मचारियों को मतदान केंद्र पर रात में रुकने या घर वापस जाने का विकल्प दिया गया है. सीईओ कार्यालय ने स्पष्ट किया है कि यदि महिला कर्मचारी मतदान केंद्र पर नहीं रुकती हैं, तो उन्हें मतदान के दिन सुबह चार बजे तक हर हाल में केंद्र पर पहुंचना होगा. महिला पीठासीन अधिकारियों के लिए यह भी निर्देश दिया गया है कि यदि वे रात में घर लौटना चाहती हैं, तो वे ईवीएम और वीवीपैट का जिम्मा किसी पुरुष सहकर्मी को सौंपकर ही जा सकती हैं. इस कदम का उद्देश्य महिला कर्मचारियों की सुरक्षा और सुविधा को प्राथमिकता देना है.

दिव्यांग कर्मचारियों के लिए विशेष व्यवस्था
दिव्यांग कर्मचारियों को भी मतदान केंद्र पर रात में रुकने या घर लौटने का विकल्प दिया गया है. उनके लिए मतदान केंद्रों पर ठहरने की विशेष व्यवस्था की गई है. यह सुनिश्चित किया गया है कि सभी दिव्यांग कर्मचारियों को गद्दा, कंबल, तकिया और रूम हीटर जैसी बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध हों.

सिर्फ महिला कर्मचारियों द्वारा संचालित केंद्र
दिल्ली में कुछ मतदान केंद्र ऐसे भी हैं, जहां केवल महिला कर्मचारी तैनात की गई हैं. इन केंद्रों पर सेक्टर अधिकारी सुबह ईवीएम और वीवीपैट पहुंचाकर महिला पीठासीन अधिकारियों को सौंपेंगे. यदि किसी विशेष परिस्थिति में महिला कर्मचारी को किसी प्रकार की समस्या होती है, तो निर्वाचन अधिकारी उनकी सहायता के लिए अतिरिक्त कर्मचारियों की नियुक्ति करेंगे.

13,033 मतदान केंद्रों की व्यवस्था
दिल्ली की 70 विधानसभा सीटों के लिए कुल 13,033 मतदान केंद्र बनाए गए हैं. प्रत्येक मतदान केंद्र पर चार कर्मचारियों की पोलिंग पार्टी तैनात की जाएगी. इन पार्टियों को मतदान से एक दिन पहले केंद्र पर पहुंचकर सभी व्यवस्थाओं को सुनिश्चित करना होगा.

शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य का ख्याल
सीईओ कार्यालय ने कर्मचारियों के ठहरने के लिए सभी आवश्यक इंतजाम किए हैं. सभी मतदान केंद्रों पर शौचालय, रजाई, गद्दे और रूम हीटर जैसी सुविधाएं मुहैया कराई गई हैं. इसके अलावा यह सुनिश्चित किया गया है कि सभी कर्मचारियों को ठंड से बचने के लिए पर्याप्त संसाधन उपलब्ध हों.

नई दिल्ली सीट बनी केंद्र बिंदु
नई दिल्ली विधानसभा क्षेत्र जहां मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल चुनाव लड़ रहे हैं, उन पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है. यह सीट चुनावी रण का केंद्र बनी हुई है, जहां से बीजेपी और कांग्रेस ने अपने प्रमुख उम्मीदवार उतारे हैं. ऐसे में यहां मतदान प्रक्रिया की निष्पक्षता और सुरक्षा को लेकर प्रशासन ने विशेष प्रबंध किए हैं.

मतदान प्रक्रिया और सुरक्षा
ईवीएम और वीवीपैट की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए मतदान केंद्रों पर रातभर कर्मचारियों की मौजूदगी जरूरी है. हालांकि, महिला और दिव्यांग कर्मचारियों को दी गई सहूलियतें यह दर्शाती हैं कि प्रशासन ने न केवल प्रक्रिया को प्रभावी बनाने पर जोर दिया है, बल्कि मानवता के पहलू को भी प्राथमिकता दी है.

5 फरवरी को मतदान, 8 फरवरी को नतीजे
दिल्ली चुनाव 2025 में 5 फरवरी को मतदान होगा और 8 फरवरी को नतीजे घोषित किए जाएंगे. चुनाव आयोग के आदेशों का पालन सुनिश्चित करने के लिए कर्मचारियों को सख्त निर्देश दिए गए हैं. इस बार का चुनाव प्रशासनिक व्यवस्था और कर्मचारियों के लिए की गई सुविधाओं के आधार पर भी चर्चा का विषय बना हुआ है. दिल्ली चुनावी रणभूमि में जहां राजनीतिक दल अपने वादों और रणनीतियों के सहारे मतदाताओं को रिझाने में जुटे हैं, वहीं निर्वाचन आयोग ने यह सुनिश्चित किया है कि मतदान प्रक्रिया निष्पक्ष और पारदर्शी हो. इस बार की व्यवस्था यह दिखाती है कि चुनाव आयोग न केवल मतदाताओं की भागीदारी को महत्व देता है, बल्कि चुनाव प्रक्रिया में शामिल हर कर्मचारी की जरूरतों का भी ध्यान रखता है.

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