Delhi Kalkaji Assembly Seat: कालकाजी सीट पर इस बार आम आदमी पार्टी, बीजेपी और कांग्रेस के बीच कड़ा मुकाबला देखने को मिल रहा है. मुख्यमंत्री आतिशी के लिए यह सीट प्रतिष्ठा का सवाल बन गई है. वहीं, बीजेपी के रमेश बिधूड़ी अपने अनुभव और मजबूत जनाधार के सहारे चुनावी मैदान में डटे हुए हैं.
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नई दिल्ली: दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025 की सरगर्मियां जोरों पर हैं और कालकाजी विधानसभा सीट इस चुनाव का केंद्र बिंदु बन चुकी है. इसे राजधानी की सबसे 'हॉट सीट' माना जा रहा है. इस सीट पर मुख्यमंत्री आतिशी आम आदमी पार्टी (AAP) से चुनाव लड़ रही हैं, जबकि भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने अपने अनुभवी नेता रमेश बिधूड़ी को मैदान में उतारा है. कांग्रेस ने भी अपने पत्ते खोलते हुए आम आदमी पार्टी की पूर्व विधायक अलका लांबा को टिकट दिया है. रविवार शाम को कालकाजी में राजनीतिक गतिविधियां तब तेज हो गईं जब आम आदमी पार्टी के 92 कार्यकर्ताओं ने बीजेपी का दामन थाम लिया. इस घटनाक्रम ने चुनावी माहौल को और गर्मा दिया है. भाजपा प्रत्याशी रमेश बिधूड़ी ने इन कार्यकर्ताओं का स्वागत करते हुए उन्हें पार्टी का पटका पहनाकर आधिकारिक रूप से शामिल किया.
'आप' से नाराज कार्यकर्ताओं की BJP में एंट्री
रमेश बिधूड़ी ने इस अवसर पर आम आदमी पार्टी पर तीखा हमला करते हुए कहा कि ये कार्यकर्ता 'आप' की नीतियों और नेतृत्व से बेहद नाराज थे. उन्होंने कहा कि आम आदमी पार्टी में इन कार्यकर्ताओं को सम्मान नहीं मिल रहा था. उनकी आवाज को नजरअंदाज किया जा रहा था. ऐसे में उन्होंने बीजेपी का रुख किया, क्योंकि यहां हर कार्यकर्ता का मान-सम्मान होता है.
BJP की आक्रामक रणनीति और 'आप' पर वार
बिधूड़ी ने दावा किया कि दिल्ली की जनता अब आम आदमी पार्टी की नीतियों और वादों से ऊब चुकी है. उन्होंने कहा कि दिल्ली की जनता बदलाव चाहती है. बीजेपी इस बार दिल्ली की 52 सीटों पर जीत दर्ज करेगी. आम आदमी पार्टी ने जनता को सिर्फ झूठे वादों और गारंटियों का सपना दिखाया है. अब समय आ गया है कि जनता एक ऐसी सरकार चुने जो वास्तव में काम करे.
कालकाजी सीट पर त्रिकोणीय मुकाबला
कालकाजी सीट पर इस बार आम आदमी पार्टी, बीजेपी और कांग्रेस के बीच त्रिकोणीय मुकाबला देखने को मिल रहा है. मुख्यमंत्री आतिशी के लिए यह सीट प्रतिष्ठा का सवाल है. दूसरी ओर भाजपा के रमेश बिधूड़ी अपने मजबूत जनाधार और अनुभव के दम पर चुनावी मैदान में उतर रहे हैं. कांग्रेस की ओर से अलका लांबा भी मजबूती से मैदान में हैं और पुराने वोट बैंक को साधने की कोशिश कर रही हैं.
'आप' के लिए बढ़ी मुश्किलें
आम आदमी पार्टी के 92 कार्यकर्ताओं का भाजपा में शामिल होना, पार्टी के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है. चुनाव से ऐन पहले इस तरह की टूट पार्टी की अंदरूनी परेशानियों को उजागर करती है. इस घटना ने आम आदमी पार्टी के लिए नई चुनौती खड़ी कर दी है, क्योंकि चुनावी लड़ाई अब और कठिन होती नजर आ रही है.
दिल्ली चुनाव का नतीजा तय करने वाली सीट?
विशेषज्ञों का मानना है कि कालकाजी सीट के नतीजे से यह संकेत मिल सकता है कि दिल्ली की जनता का रुख किस ओर है. क्या 'आप' अपनी पकड़ बरकरार रख पाएगी, या फिर बीजेपी और कांग्रेस इस प्रतिष्ठित सीट पर कब्जा जमाने में सफल होंगी. 5 फरवरी को होने वाले मतदान के बाद ही तय होगा कि कालकाजी की जनता ने किसे चुना है, लेकिन फिलहाल, इस सीट पर सियासी पारा अपने चरम पर है.
इनपुट- हरि किशोर साह
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