Delhi Election 2025: इन 14 सीटों पर घटते वोटर संख्या ने बढ़ाई राजनीतिक पार्टियों की चिंताएं
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Delhi Election 2025: इन 14 सीटों पर घटते वोटर संख्या ने बढ़ाई राजनीतिक पार्टियों की चिंताएं

Delhi Election 2025: दिल्ली कैंट क्षेत्र में इस बार वोटरों की संख्या में सबसे बड़ी गिरावट देखी गई है. 2020 में यहां 1,29,338 वोटर थे जो अब घटकर सिर्फ 78,893 रह गए हैं, यानी 50,445 वोटर कम हो गए हैं. इसी तरह, दिल्ली विधानसभा क्षेत्र में भी वोटरों की संख्या में कमी आई है.

Delhi Election 2025: इन 14 सीटों पर घटते वोटर संख्या ने बढ़ाई राजनीतिक पार्टियों की चिंताएं

Delhi Election 2025: दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025 की घड़ी करीब आ रही है और राजनीतिक पार्टियों के बीच आरोप-प्रत्यारोप का सिलसिला तेज हो गया है. आम आदमी पार्टी (AAP) और भारतीय जनता पार्टी (BJP) के बीच तकरार बढ़ चुकी है. AAP ने आरोप लगाया है कि बीजेपी कई विधानसभा क्षेत्रों में वोट कटवा रही है, वहीं बीजेपी का कहना है कि AAP फर्जी वोटर बनवाने की कोशिश कर रही है. हालांकि, चुनाव आयोग ने दोनों दलों के आरोपों को खारिज कर दिया है, लेकिन आंकड़ों से पता चला है कि 2020 विधानसभा चुनाव के मुकाबले इस बार कम से कम 14 विधानसभा क्षेत्रों में मतदाताओं की संख्या में कमी आई है. इन 14 विधानसभा क्षेत्रों में घटते हुए वोटर संख्या ने राजनीतिक समीकरणों को बदल दिया है और इन सीटों पर कम होते वोटर्स के कारण दोनों पार्टियों के लिए चिंताएं बढ़ी हुई हैं.

वोटरों की संख्या में भारी कमी
दिल्ली में विधानसभा चुनाव के लिए मतदाता सूची में बदलाव नजर आया है. कई विधानसभा क्षेत्रों में वोटरों की संख्या में गिरावट आई है. उदाहरण के तौर पर लक्ष्मी नगर विधानसभा क्षेत्र में इस बार 15,213 कम वोटर रजिस्टर हुए हैं. वहीं, रोहिणी विधानसभा में 10,437 वोटरों की कमी आई है. बाबरपुर विधानसभा सीट पर भी 699 वोटर्स कम दर्ज किए गए हैं, जो इन 14 सीटों में सबसे कम है. इस गिरावट ने राजनीतिक विश्लेषकों को यह सोचने पर मजबूर कर दिया है कि क्या इन घटते वोटरों की संख्या किसी विशेष पार्टी के खिलाफ साजिश का हिस्सा हो सकती है या फिर यह सामान्य बदलाव है.

इन क्षेत्रों में मतदाता संख्या में वृद्धि
हालांकि, यह भी देखने को मिला है कि कुछ विधानसभा क्षेत्रों में मतदाताओं की संख्या बढ़ी है. ओखला विधानसभा सीट पर इस बार 44,432 नए वोटर जोड़े गए हैं, जबकि बदरपुर सीट पर 41,229 नए वोटर रजिस्टर्ड हुए हैं. इन क्षेत्रों में मतदाताओं की बढ़ी हुई संख्या राजनीतिक दलों के लिए नई उम्मीद लेकर आई है. यह बढ़ोतरी उन सीटों पर हो रही है, जहां पहले से वोटर्स की संख्या काफी बड़ी थी और अब इन क्षेत्रों में मतदाता संख्या में वृद्धि ने चुनावी मुकाबले को और दिलचस्प बना दिया है.

दिल्ली कैंट और दिल्ली विधानसभा में भारी गिरावट
इस बार दिल्ली कैंट क्षेत्र में सबसे बड़ी गिरावट देखने को मिली है. 2020 में यहां 1,29,338 वोटर थे, जो इस बार घटकर 78,893 रह गए हैं. इसका मतलब है कि यहां पर 50,445 वोटर्स कम हो गए हैं. इसी प्रकार दिल्ली विधानसभा क्षेत्र में भी वोटर्स की संख्या में कमी आई है. यहां 2020 चुनाव में 1,45,901 वोटर थे, जो अब घटकर 1,09,022 रह गए हैं. यह दोनों सीटें अरविंद केजरीवाल और प्रवेश वर्मा जैसे बड़े नामों के लिए चुनौतीपूर्ण हो सकती हैं.

क्या इन घटती और बढ़ती संख्या के पीछे कुछ और छिपा है?
इन आंकड़ों से यह स्पष्ट है कि दिल्ली के चुनावी समीकरण में अब बदलाव आ चुका है. इस बदलाव का असर चुनावी नतीजों पर हो सकता है, क्योंकि वोटरों की संख्या में कमी और वृद्धि दोनों ही पार्टियों के लिए चिंता का कारण बन चुकी है. अब यह देखना दिलचस्प होगा कि पार्टियां इन परिवर्तनों से किस तरह निपटती हैं और चुनावी रणनीतियों में किस प्रकार बदलाव करती हैं.

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