Delhi Election 2025: क्या अवध ओझा का एजुकेशन मॉडल बीजेपी को देगा चुनौती?
Advertisement
trendingNow0/india/delhi-ncr-haryana/delhiharyana2608964

Delhi Election 2025: क्या अवध ओझा का एजुकेशन मॉडल बीजेपी को देगा चुनौती?

Delhi Election 2025: दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025 में अवध ओझा ने शिक्षा को अपने अभियान का केंद्र बनाकर राजनीति को एक नई दिशा दी है. उनका यह प्रयास केवल चुनावी जीत तक सीमित नहीं है, बल्कि समाज में शिक्षा के माध्यम से सकारात्मक बदलाव लाने का एक बड़ा प्रयास है.

Delhi Election 2025: क्या अवध ओझा का एजुकेशन मॉडल बीजेपी को देगा चुनौती?

Delhi Election 2025: दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025 में जहां अधिकांश राजनीतिक दल विकास, रोजगार और स्वास्थ्य जैसे मुद्दों पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं, वहीं आम आदमी पार्टी के प्रत्याशी अवध ओझा ने शिक्षा को अपने चुनावी अभियान का मुख्य आधार बनाया है. ओझा जो एक प्रसिद्ध शिक्षक और सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर हैं, राजनीति को सामाजिक बदलाव का माध्यम मानते हैं. उन्होंने हाल ही में दिए गए एक इंटरव्यू में इस बात पर जोर दिया कि उनकी प्राथमिकता सिर्फ चुनावी जीत नहीं बल्कि शिक्षा के क्षेत्र में सुधार करना है.

शिक्षा का क्षेत्र ओझा की प्राथमिकता
अवध ओझा ने अपने अभियान की शुरुआत शिक्षा में सुधार को केंद्र में रखकर की. उन्होंने कहा कि शिक्षा केवल नौकरी का माध्यम नहीं है, बल्कि समाज को सशक्त बनाने का सबसे बड़ा हथियार है. सरकारों को सबसे अधिक निवेश शिक्षा प्रणाली और शिक्षकों के प्रशिक्षण में करना चाहिए. उनका मानना है कि शिक्षा के क्षेत्र में सुधार करके समाज में सकारात्मक बदलाव लाया जा सकता है. ओझा ने उदाहरण देते हुए बताया कि कैसे सरकारी स्कूलों में सुविधाओं को बेहतर बनाने से छात्रों को प्रेरणा मिलती है. उन्होंने अपने इंटरव्यू में बताया कि शिक्षा केवल छात्रों को पढ़ाई तक सीमित रखने का जरिया नहीं है, बल्कि उन्हें जागरूक और जिम्मेदार नागरिक बनाने का माध्यम है.

चुनावी प्रक्रिया में आई दिक्कतें
अवध ओझा ने इंटरव्यू में अपनी चुनावी यात्रा के दौरान आई एक बड़ी समस्या का जिक्र किया. उन्होंने बताया कि दिल्ली में अपने वोटर आईडी को ट्रांसफर कराने में उन्हें काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा. साथ ही हमने 7 तारीख को फॉर्म जमा किया, लेकिन चुनाव आयोग ने 6 तारीख तक का ही नोटिस जारी किया. यह प्रक्रिया में खामी और पारदर्शिता की कमी को दर्शाता है. उन्होंने इस मुद्दे को चुनावी प्रक्रिया में सुधार की आवश्यकता के रूप में उठाया. ओझा का मानना है कि इस तरह की समस्याएं आम जनता को चुनाव प्रक्रिया से दूर करती हैं, जो लोकतंत्र के लिए हानिकारक है.

शिक्षा से राजनीति तक का सफर
अवध ओझा की राजनीति में आने की प्रेरणा शिक्षा के क्षेत्र में बदलाव लाने की उनकी आकांक्षा रही है. उन्होंने बताया कि उनका सपना प्रयागराज से चुनाव लड़ने का था, लेकिन परिस्थितियों ने उन्हें दिल्ली को अपनी कर्मभूमि बनाने का अवसर दिया. ओझा का कहना है कि उनकी महत्वाकांक्षा मंत्री पद पाने की नहीं है. मेरा उद्देश्य राजनीति में आकर शिक्षा के क्षेत्र में सुधार करना है. मैं हर उस अवसर का इस्तेमाल करूंगा जो शिक्षा के विकास में सहायक हो.

वोटरों से अपील
ओझा ने स्थानीय वोटरों से अपील की कि वे अपने वोट का इस्तेमाल जिम्मेदारी से करें. उन्होंने कहा कि चुनाव केवल एक सरकार चुनने का माध्यम नहीं है, बल्कि यह आपके अधिकारों और आपके बच्चों के भविष्य का फैसला करने का अवसर है. इसलिए, अपने वोट का सही उपयोग करें.

ये भी पढ़िए-  मतदान केंद्रों के लिए नए दिशा-निर्देश, महिला कर्मचारियों के लिए विशेष प्रावधान