Delhi Election 2025: दिल्ली की 70 विधानसभा सीटों में से ज्यादातर सीटों पर इस बार आम आदमी पार्टी और बीजेपी के बीच सीधा मुकाबला हो सकता है, लेकिन कुछ सीटों पर कांग्रेस के उम्मीदवार भी पूरी ताकत से चुनावी मैदान में हैं. कांग्रेस के नेताओं का मानना है कि इस बार उनके पुराने समर्थक फिर से पार्टी से जुड़ सकते हैं, जिससे उनका समर्थन बढ़ सकता है.
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नई दिल्ली: दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025 की राजनीति में नया मोड़ आ चुका है. इस बार की चुनावी गहमागहमी ने दिल्ली की सियासत को और भी दिलचस्प बना दिया है. इस बार आम आदमी पार्टी (AAP) के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल ने बीजेपी और कांग्रेस को लेकर एक बड़ा बयान दिया है, जिसने सियासी हलकों में नई बहस छेड़ दी है. केजरीवाल ने कहा है कि इस बार चुनाव में बीजेपी को कांग्रेस का सहारा है, और यही बयान अब चर्चा का विषय बन चुका है.
क्या चुनाव में कांग्रेस का कोई हो सकता है असरदार रोल
दरअसल, दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल से जब यह सवाल पूछा गया कि दिल्ली कांग्रेस नेता और पूर्व सांसद संदीप दीक्षित ने उन्हें बहस की चुनौती दी है, तो उन्होंने जवाब में कहा कि संदीप दीक्षित को आप लोग ज्यादा दिखा रहे हैं. मुझे पता है, आप लोगों को ऊपर से फोन आता है कि संदीप दीक्षित को दिखाओ. इस बयान के बाद केजरीवाल ने यह भी कहा कि बीजेपी इस बार चुनाव में कांग्रेस की मदद से मुकाबला कर रही है. उनका कहना था कि कांग्रेस का समर्थन बीजेपी के लिए मददगार साबित हो सकता है. इस बयान से यह सवाल उठता है कि क्या बीजेपी अपनी ताकत के बल पर आम आदमी पार्टी को चुनौती देने में सक्षम नहीं है, या फिर उसे कांग्रेस का साथ चाहिए. यह भी सवाल है कि क्या दिल्ली चुनाव में कांग्रेस का कोई असरदार रोल हो सकता है, खासकर ऐसे समय में जब आम आदमी पार्टी और बीजेपी के बीच मुख्य मुकाबला है.
कांग्रेस और बीजेपी के बीच क्या होगा कोई गुप्त समझौता : अरविंद
अरविंद केजरीवाल ने मीडिया से बातचीत के दौरान यह भी कहा कि उनको सपनों में जीने दो, सपने में जीने में मुझे कोई हर्ज नहीं है. उनका यह बयान उन नेताओं के खिलाफ था जो उन्हें नई दिल्ली सीट पर हराने का दावा कर रहे हैं. केजरीवाल का कहना था कि यह बातें केवल हवा में हैं और ये नेताओं को जल्द ही वास्तविकता का सामना करना पड़ेगा. दिल्ली की 70 विधानसभा सीटों में से अधिकांश सीटों पर इस बार आम आदमी पार्टी और बीजेपी के बीच सीधा मुकाबला होने की संभावना है, लेकिन कुछ सीटों पर कांग्रेस के उम्मीदवार भी अपनी पूरी ताकत से मैदान में हैं. कांग्रेस के नेताओं का मानना है कि इस चुनाव में उनके पुराने समर्थक फिर से पार्टी के साथ जुड़ सकते हैं, जिससे उनका समर्थन बढ़ सकता है. इस बीच, अरविंद केजरीवाल के बयान ने यह सवाल भी खड़ा किया है कि क्या दिल्ली चुनाव 2025 में कांग्रेस और बीजेपी के बीच कोई गुप्त समझौता है, या यह केवल एक राजनीतिक रणनीति का हिस्सा है? इस मामले में आने वाले दिनों में और भी बड़ा मोड़ आ सकता है, क्योंकि दिल्ली की सियासत अब पूरी तरह से हर बयान के साथ और अधिक पेचीदा होती जा रही है.
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