पंजाब में किसानों ने सोमवार को कई स्थानों पर सड़कों धरना दे रखा है, जिससे यातायात प्रभावित हुआ. यह पंजाब बंद का आह्वान सम्युक्त किसान मोर्चा (गैर-राजनीतिक) और किसान मजदूर मोर्चा द्वारा किया गया था. किसानों का यह आंदोलन केंद्र सरकार द्वारा उनकी मांगों को न मानने के कारण किया गया.
किसानों ने धरैरी जट्टान टोल प्लाजा पर धरना दिया, जिससे पटियाला-चंडीगढ़ राष्ट्रीय राजमार्ग पर वाहनों की आवाजाही प्रभावित हुई. अमृतसर के गोल्डन गेट पर किसान शहर के प्रवेश बिंदु के पास इकट्ठा होना शुरू हो गए, जबकि बठिंडा के रामपुरा फूल में किसानों ने सड़कों को अवरुद्ध कर दिया. किसान नेता सरवन सिंह पांधेर ने कहा कि हालाँकि यह बंद पूर्ण होगा, लेकिन आपातकालीन सेवाओं को काम करने की अनुमति दी जाएगी.
इस बीच, 70 वर्षीय किसान नेता जगजीत सिंह दल्लेवाल की भूख हड़ताल सोमवार को 35वें दिन में प्रवेश कर गई. दल्लेवाल ने अब तक चिकित्सा उपचार से इनकार कर दिया है. सैकड़ों किसान पंजाब-हरियाणा सीमा पर न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) की कानूनी गारंटी की मांग कर रहे हैं. दल्लेवाल ने पहले कहा था कि वह तब तक अपना उपवास नहीं तोड़ेंगे जब तक सरकार किसानों की मांगों को स्वीकार नहीं करती.
सुप्रीम कोर्ट ने पंजाब सरकार को दल्लेवाल को अस्पताल में भर्ती कराने के लिए 31 दिसंबर तक का समय दिया है. सरकार को आवश्यकतानुसार केंद्र से लॉजिस्टिक समर्थन मांगने की स्वतंत्रता दी गई है. किसान, SKM (गैर-राजनीतिक) और किसान मजदूर मोर्चा के बैनर तले, 13 फरवरी से पंजाब-हरियाणा सीमा पर डेरा डाले हुए हैं. किसानों की अन्य मांगों में ऋण माफी, पेंशन, बिजली दरों में वृद्धि न करना, पुलिस मामलों की वापसी और 2021 लखीमपुर खीरी हिंसा के पीड़ितों के लिए न्याय शामिल है.