Sanjay Singh Bail: संजय सिंह की जमानत का विरोध करने वाली ED सुप्रीम कोर्ट में क्यों हो गई खामोश, जानिए Inside Story
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Sanjay Singh Bail: संजय सिंह की जमानत का विरोध करने वाली ED सुप्रीम कोर्ट में क्यों हो गई खामोश, जानिए Inside Story

Sanjay Singh Bail News: आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सांसद की जमानत याचिका का अब तक विरोध करती आई ईडी आज मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट में खामोश क्यों हो गई. आखिर ऐसी कौन सी वजह थी, जिसने एजेंसी के वकीलों को अपने पैर खींचने को मजबूर कर दिया. 

 

Sanjay Singh Bail: संजय सिंह की जमानत का विरोध करने वाली ED सुप्रीम कोर्ट में क्यों हो गई खामोश, जानिए Inside Story

Sanjay Singh ED News in Hindi: संजय सिंह को जिस अंदाज में सुप्रीम कोर्ट से जमानत मिली है, वो अप्रत्याशित है. सुनवाई के दौरान इस अंदाज में उन्हें  ज़मानत मिल जाएगी, इसकी उम्मीद संजय सिंह या उनके वकीलों को भी नहीं रही होगी. अमूमन सुप्रीम कोर्ट जमानत अर्जी पर दोनों पक्षों की जिरह सुनने के बाद फैसला सुरक्षित रखता है और  फिर किसी दिन फ़ैसला देता है. लेकिन यहां कोर्ट ने सुनवाई के दौरान ही संजय सिंह को ज़मानत देने का  फैसला लिया और इसके पीछे आधार बना ED की ओर से ASG एसवी राजू का बयान. कोर्ट के पूछे गए सवाल के जवाब ASG राजू ने कहा कि अगर संजय सिंह को जमानत मिलती है तो उन्हें ऐतराज नहीं है.

ED के रुख की वजह बनी SC की टिप्पणी

अब सवाल यह उठता है कि आखिर निचली अदालत से लेकर हाई कोर्ट तक संजय सिंह की ज़मानत अर्जी का विरोध कर रही ED ने अब जमानत पर ऐतराज न करने का फैसला क्यों लिया. दरअसल इसके पीछे वजह बनी- लंच से पहले सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी.

केस की मेरिट पर विचार करना होगा- SC

सुनवाई के दौरान कोर्ट ने ED से कहा था कि अगर ED अभी भी संजय सिंह को हिरासत में रखने की दलील देती है तो ऐसी सूरत में कोर्ट को प्रीवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट (PMLA) के सेक्शन 45 के तहत जमानत अर्जी पर विचार करते हुए केस की मेरिट पर विचार करना होगा. सेक्शन 45 के तहत जमानत अर्जी पर विचार  करते हुए कोर्ट को इस बात के लिए आश्वस्त होना पड़ता है कि आरोपी ने वो अपराध नहीं किया है और भविष्य मे कोई ऐसा अपराध किए जाने की आशंका नहीं है.

ED ने जमानत का विरोध न करना बेहतर समझा

सुप्रीम कोर्ट का कहना था कि PMLA के सेक्शन 45 के तहत इन शर्तो के चलते अगर संजय सिंह की जमानत अर्जी की मेरिट पर कोर्ट विचार करता है तो फिर कोर्ट को ये भी तय करना होगा कि संजय सिंह के खिलाफ पहली नजर में कोई केस बनता है या नहीं. अगर कोर्ट मेरिट पर संजय सिंह को जमानत देने का फैसला लेती है तो फिर उसे संजय सिंह के खिलाफ केस पर भी टिप्पणी करनी होगी और  ऐसी कोई टिप्पणी का असर फिर निचली अदालत में चलने वाले ट्रायल पर भी होगा. ऐसे में ED ने जमानत का विरोध न करने का फ़ैसला लिया और कोर्ट ने भी केस की मेरिट पर टिप्पणी  किए बगैर ही जमानत देने का फैसला ले लिया.

कोर्ट के सवाल और ईडी की चुप्पी

इसके अलावा कोर्ट ने आरोपी से सरकारी गवाह बने दिनेश अरोड़ा के बयानों में विरोधाभास को लेकर भी सवाल किया था. दिनेश अरोड़ा ने अपने शुरुआती बयान में संजय सिंह की भूमिका को लेकर कोई जिक्र नहीं किया था. कोर्ट का सवाल ये भी था कि जिस रिश्वत की रकम की बात हो रही है, उसकी बरामदगी अभी तक क्यों नहीं हो पाई है. इस सवाल का भी ईडी के पास कोई जवाब नहीं था. जिसके चलते संजय सिंह को बेल मिलने का रास्ता साफ हो गया. 

6 महीने से जेल में बंद हैं संजय सिंह

बताते चलें कि कथित दिल्ली शराब घोटाले में ईडी ने पिछले साल 13 अक्टूबर 2023 को संजय सिंह को अरेस्ट किया था. संजय सिंह आम आदमी के वरिष्ठ नेता और राज्यसभा के सांसद हैं. ईडी का आरोप है कि इस कथित घोटाले में संजय सिंह की भी अहम भूमिका रही है, लिहाजा वे भी इस मामले में अहम आरोपी हैं. वहीं संजय सिंह के वकीलों का कहना था कि उन्हें राजनीतिक द्वेष के तहत जानबूझकर अरेस्ट किया गया है. उन्होंने संजय सिंह की जमानत की मांग की थी. संजय सिंह गिरफ्तारी के बाद पिछले 6 महीने से तिहाड़ जेल में बंद थे. अब सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद उनके जेल से बाहर आने का रास्ता साफ हो गया है. 

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