डेरा सच्चा सौदा सिरसा प्रमुख राम रहीम की धर्मपुत्री व मुख्य शिष्या हनीप्रीत के साथ एक ओर नया विवाद जुड़ गया है. दावा किया जा रहा है कि हनीप्रीत को गुपचुप तरीके से डेरे का वाइस पैटर्न और डेरा सच्चा सौदा मैनेजमेंट का चेयरपर्सन बना दिया गया है. अनुयायियों का दावा है कि गुपचुप तरीके से बदलाव किया गया है और डेरा को हड़पने का आरोप लगा है.
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जय कुमार/सिरसा: डेरा सच्चा सौदा सिरसा प्रमुख राम रहीम की धर्मपुत्री एवं मुख्य शिष्या हनीप्रीत के साथ एक ओर नया विवाद जुड़ गया है. डेरा प्रेमियों के एक धड़े ''फेथ वर्सेज वर्डिक्ट'' ने दावा किया कि हनीप्रीत को गुपचुप तरीके से डेरे का वाइस पैटर्न और डेरा सच्चा सौदा मैनेजमेंट का चेयरपर्सन बना दिया गया है. इससे हनीप्रीत को धीरे- धीरे गद्दी का उत्तराधिकारी बनाया जा रहा है. दावा किया गया है कि गुरुग्राम में डेरा प्रमुख की पैरोल के दौरान इसमें बदलाव किए गए है.
फेथ वर्सेस वर्डिक्ट ग्रुप ने इससे संबंधित कागजात भी वायरल किए हैं. वही इस मामले पर डेरा सच्चा सौदा के प्रवक्ता का कहना है कि हनीप्रीत इंसा 2011 से डेरा की ट्रस्टी है. 2016 में बोर्ड ऑफ ट्रस्टी द्वारा हनीप्रीत को बोर्ड ऑफ ट्रस्टी के चेयरपर्सन नियुक्त किया गया था. आज भी ऐसा ही है. डेरा की एग्जीक्यूटिव कमेटी के चेयरमैन डॉ पी आर नैन है . वो ही डेरा का काम काज देखते है.
हनीप्रीत पर डेरा को हड़पने आरोप
डेरा सच्चा सौदा में हनीप्रीत की भूमिका को लेकर आये दिन नई खबरे सामने आ रही है, अब खबर ये सामने आई है कि हनीप्रीत को डेरे की वाइस पैटर्न और डेरा सच्चा सौदा मैनेजमेंट का चेयरपर्सन बना दिया गया है. ऐसा दावा डेरा सच्चा सौदा से जुड़े एक समर्थक जिसने सोशल मीडिया पर "फेथ वर्सेज वर्डिक्ट" (Faith versus Verdict) नाम से facebook अकाउंट पर पूरी जानकारी और दस्तावेजों के साथ सांझा किया गया है, जिसमे हनीप्रीत पर डेरा को हड़पने का आरोप लगाया गया है.
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सोशल मीडिया पर दी गई जानकारी में फेथ वर्सेस वर्डिक्ट फेसबुक पेज ने इससे संबंधित कागजात भी वायरल किए हैं. दावा किया जा रहा है कि ट्रस्ट के इन कागजात में डेरे के मौजूदा चेयरपर्सन डॉ. पीआर नैन इंसा का नाम नहीं है, जबकि पीआर नैन को डेरा प्रमुख ने अपनी नौंवी चिट्टी में डेरा सच्चा सौदा ट्रस्ट का चेयरपर्सन घोषित किया था. तब डेरा प्रमुख गुरुग्राम में फरलो पर आया था. उससे पहले विपासना इंसा डेरे की चेयरपर्सन थी.
वही सोशल मीडिया अकाउंट पर दावा किया गया है जिसमे विपासना इंसा एक tweet जो 27 मार्च, 2020 का दिखाया गया है जिसमें एक चिट्ठी भी शेयर की गई है जो 26 मार्च, 2020 की है जिसमें विपासना चावला इनसे चैरपर्सन ने लिखा हुआ है. सोशल मीडिया अकाउंट (Faith versus Verdict ) पर इस तरह से दस्तावेज दर्शाकर सवाल उठाये जा रहे है कि जब 2020 में चेयरपर्सन विपासना चावला है तो 2016 में हनी प्रीत डेरा की चेयरपर्सन है.
तो वहीं, सोशल मीडिया पेज पर हनीप्रीत पर डेरा हड़पने का आरोप लगाया जा रहा है. वही दिखाए गए दस्तावेज में बताया जा रहा है कि खून के रिश्ते इस में कोई कलम नहीं कर सकता यानि शाही परिवार का डेरे के ऊपर कोई कलेम नहीं है. दावा ये भी किया जा रहा है कि दस्तावेज 31 अक्टूबर, 2016 का बताया जा रहा है और 25 अगस्त, 2017 तक डेरा में थे.
तो डेरा प्रमुख द्वारा कब हनीप्रीत को डेरे का चेयरपर्सन बनाया गया और उसकी जानकारी सांगत को क्यों नहीं दी गई. इन दस्तावेज पर डेरा प्रमुख के साइन पर सवाल उठाये जा रहे है. इसमें डॉ, मोहित का दावा है कि 25 अगस्त, 2017 को हुए दंगो में विपासना द्वारा दी गई गवाही में भी हनीप्रीत की भूमिका का जिक्र किया गया था. दावा किया जा रहा है कि विपासना की गवाही को कमजोर करने के लिए पिछली तारीख में हनीप्रीत को डेरा का चेयरपर्सन बनाया गया हो.
राम रहीम ने फिर किया पैरोल का आवेदन
आपको बता दें कि राम रहीम ने एक बार फिर से 40 दिनों की पैरोल के लिए आवेदन किया है. जानकारी के मुताबिक, अभी तक राम रहीम को एक साल में 50 दिन की पैरोल मिल चुकी है. इसके बाद एक बार फिर से राम रहीम को 40 दिन की पैरोल ओर मिल सकती है. इतना ही नहीं फरवरी में पंजाब विधानसभा चुनावों में राम रहीम को हरियाणा सरकार ने पैरोल दी थी. इसके बाद जून में 30 दिन की पैरोल मिली थी. एक बार फिर से कयास लगाए जा रहे हैं कि राम रहीम सिरसा डेरे के संगत के साथ दीवाली मनाएंगे.