अस्पताल पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए मृतक बेटे ने बताया कि पिता को 2 दिन से एडमिट थे. पिता को कमरे में बांधा हुआ था. वह कमरे से बाहर बैठा था. रात 1 बजे दवाई देने के लिए कर्मचारी आया और एकदम से धमाका हो गया. इस धमाके के बाद पूरे कमरे में आग लग गई. स्टाफ वाले ऊपर से नीचे आ रहे थे और उसके पिता ऊपर कमरे में चिल्लाते रहे.
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Hisar Hospital Fire: हिसार के परिवर्तन अस्पताल में रात को लगी आग में जलने से एक 46 साल के मरीज अमित की दर्दनाक मौत हो गई है. अमित को डिप्रेशन के चलते 20 अगस्त को अस्पताल में भर्ती कराया गया था, हादसे के बाद सामने तस्वीरें आई है, जिसमें नजर आ रहा है कि मृतक अमित के हाथ पांव बांध रखे थे. परिजनों ने इस पूरे मामले को लेकर अस्पताल के बाहर धरना शुरू कर दिया हैं और न्याय की मांग कर रहे है.
उधर, पुलिस ने इस मामले में अस्पताल के डॉक्टर्स और स्टाफ पर केस दर्ज किया है. हादसे के बाद से अस्पताल के मुख्य डॉक्टर का कोई अता-पता नहीं हैं न ही वो इस मामले पर मीडिया के सामने आए है. मृतक अमित हिसार के सेक्टर- 15 का रहने वाले था और इनकम टैक्स विभाग में कंप्यूटर डाटा आपरेटर के पद पर नियुक्त था. घटना के बाद पुलिस फोर्स को भी अस्पताल के आसपास लगया गया है और इसके बाद फॉरेंसिक टीम ने कमरे का निरीक्षण किया.
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अस्पताल पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए मृतक के परिजन धरने पर बैठ गए हैं. अमित के बेटे ध्रुव का कहना है कि उसके पिता 2 दिन से एडमिट थे. कल शाम को डॉक्टर ने राउंड पर आना था, लेकिन वह नहीं आए. उसके पिता को कमरे में बांधा हुआ था. वह कमरे से बाहर बैठा था. रात 1 बजे दवाई देने के लिए कर्मचारी आया और एकदम से धमाका हो गया. इस धमाके के बाद पूरे कमरे में आग लग गई. स्टाफ वाले ऊपर से नीचे आ रहे थे और उसके पिता ऊपर कमरे में चिल्ला रहे थे.
बेटे ने आगे बताया कि उसने अग्निशमन यंत्र उठाया, लेकिन वह चला नहीं. इसके बाद सीढ़ियों से पाइप उठाई और पानी डालने के लिए भागा, लेकिन तब तक जलने से उनकी मौत हो गई थी. पुलिस ने परिवर्तन अस्पताल में पहुंचकर शव को अपने कब्जे में लेकर सिविल अस्पताल की मोर्चरी में रखवा दिया है. परिजनों का ने अस्पताल संचालक के खिलाफ धारा 302 के तहत कार्रवाई के लिए धरना दिया है.
(इनपुटः रोहित कुमार)