Haryana के इस शौचालय में क्यों पड़ती है पानी की बोतल और टोर्च की जरूरत, जानें वजह
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Haryana के इस शौचालय में क्यों पड़ती है पानी की बोतल और टोर्च की जरूरत, जानें वजह

जनता द्वारा चुने गए प्रतिनिधि द्वारा विकास कार्यों को लेकर बड़े-बड़े दावे फैल, पानीपत नगर निगम द्वारा 3 रन बसेरों का निर्माण किया गया है. इन रैन बसेरों में पानी पीने व शौचालय की व्यवस्था भी की गई है. मगर...

Haryana के इस शौचालय में क्यों पड़ती है पानी की बोतल और टोर्च की जरूरत, जानें वजह

राकेश भयाना/पानीपतः प्रदेश की जनता जिले में विधायक, सांसद व पार्षदों को अपने शहर के विकास के कार्यों के लिए चुनती है. जनता द्वारा चुने गए प्रतिनिधि अक्सर विकास कार्यों की बड़े-बड़े दावे तो करते हैं, लेकिन धरातल पर तस्वीरें कुछ और बयां करती हैं. पानीपत नगर निगम द्वारा 3 रन बसेरों का निर्माण किया गया है. इन रैन बसेरों में पानी पीने व शौचालय की व्यवस्था भी की गई है.

लेकिन, जमीनी हक्कीत कुछ और ही दिखा रही है. नेशनल हाईवे 44 पुल के नीचे निगम द्वारा दो रैन बसेरों का निर्माण किया गया.  इन रैन बसेरों में मौके पर पीने के पानी व शौचालय की व्यवस्था नहीं थी. शौचालय पर तो ताला लगा हुआ था. रैन बसेरों में रुकने वाले व रहिगिर शौचालय जाना चाहते है तो अपने साथ पानी की बोतल व टोर्च लेकर जाए. क्योंकि दोनों की व्यवस्था नहीं है.

शौचालय की जो हालत है वह बद से बदतर है. पानी व लाइट की व्यवस्था तो है ही नहीं, साथ में टॉयलेट व बाथरूम सीट टूटी हुई है.  शौचालय किसी भूतनाथ से कम नहीं लग रहे थे. मौके पर ड्यूटी दे रही प्रेमो कर्मचारी ने बताया कि पिछले कई महीनों से पैसे भी नहीं मिले हैं, जिसकी वजह से घर चलाने में बड़ी समस्या आ रही है. उन्होंने बताया कि निरंतर अपनी ड्यूटी दे रहे हैं.

कर्मचारी ने आग जानकारी देते हुए बताया कि पिछले 1 महीने से यह शौचालय बंद है. मोटर खराब होने की वजह से पानी की व्यवस्था भी नहीं है. इसी के साथ लाइट की व्यवस्था भी नहीं है. प्रेमो ने बताया कि शौचालय के सभी दरवाजे टूटे हुए हैं उन पर पॉलिथीन लगाया गया है, लेकिन जब शौचालय के अंदर की तस्वीरें देखी तो हालात बता रहे थे कि 1 महीने से नहीं पिछले कई महीनों से शौचालय की हालत बदतर है.

स्वच्छता भारत अभियान की उड़ी धज्जियां

शौचालय जाने के इंतजार में पहुंचे राहगीरों से बातचीत हुई उन्होंने कहा कि शौचालय इतने गंदे हैं कि अंदर जा भी नहीं सकते. पानी व लाइट की व्यवस्था नहीं है. पिछले 1 महीने से शौचालय की हालत बड़ी खराब है. सरकार ने जहां स्वच्छता अभियान चलाकर करोड़ों रुपये खर्च किये. वही शौचालय के बाहर और अंदर की तस्वीरें स्वच्छता का अभियान की खिल्ली उड़ा रही थी.

जनता के प्रतिनिधियो व अधिकारीयो के कार्यों की मुंह बोलती तस्वीरे थी. जबकि सुपरडेंट इंजीनियर रमेश शर्मा दावा कर रहे थे शौचालय ठीक हालत में है और उन्हें ठीक करने का कार्य चल रहा है. मौके पर ऐसा कुछ भी नजर नहीं आ रहा था. उन्होंने यह आश्वासन जरूर दिया कि मौके पर जाकर निरीक्षण कर जल्द ही उन्हें दुरुस्त करने का प्रयास करेंगे.

बता दे कि वार्ड नं. 11 में तीसरे रैन बसेरे को वृद्ध आश्रम में बदल दिया गया. जबकि निगम के सरकारी कागजों में वह रेन बसेरा अंकित किया हुआ है. इन रैन बसेरे में किसी भी बेसहारा व राहगीरों को रुकने की अनुमति नहीं है. रोटरी पानीपत द्वारा उसे संचालित किया जा रहा है.

 

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