भिवानी जिला में पंचायती चुनाव भले ही खत्म हो गए हो, परन्तु चुनावी रंजिश खत्म नहीं हुई है. मोटरसाइकिल पर सवार तीन हथियारबंद युवकों ने गांव के सरपंच के दो भतीजों को गोलियों से छलनी कर दिया, जिसमें 50 वर्षीय महेंद्र की मौके पर मृत्यु हो गई तथा दूसरा व्यक्ति अजीत जिंदगी व मौत के बीच जूझ रहा है. गोलीकांड को अंजाम देने वाले गांव के ही दूसरे गुट के व्यक्ति बताए जा रहे है.
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नवीन शर्मा/भिवानी: भिवानी जिला में पंचायती चुनाव भले ही खत्म हो गए हो, परन्तु चुनावी रंजिश खत्म नहीं हुई है. भिवानी जिला के गांव बड़ेसरा में मोटरसाइकिल पर सवार तीन हथियारबंद युवकों ने गांव के सरपंच के दो भतीजों को गोलियों से छलनी कर दिया, जिसमें 50 वर्षीय महेंद्र की मौके पर मृत्यु हो गई तथा दूसरा व्यक्ति अजीत जिंदगी व मौत के बीच जूझ रहा है. गोलीकांड को अंजाम देने वाले गांव के ही दूसरे गुट के व्यक्ति बताए जा रहे है.
गोली मारने वाले लोगों द्वारा यह भी धमकी दी गई है कि वे वर्तमान में बने सरपंच को सरपंची नहीं करने देंगे. वही इस घटनाक्रम के बाद वर्तमान सरपंच को सुरक्षा दिए जाने की मांग भी ग्रामीणों ने की है. भिवानी जिला के गांव बड़ेसरा में साल 2017 में हुई चुनावी रंजिश 2022 के चुनाव में भी नजर आई. सरपंच चुनाव के इस चुनावी रंजिश के चलते पिछले 5 सालों के दौरान गांव में यह छठी हत्या हुई है. गांव के बबलू गुट व बलजीत गुट के बीच यह चुनावी रंजिश नई नहीं है.
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बता दें कि बबलू गुट के खिलाफ जब बलजीत ने RTI लगाई तथा उसी RTI के आधार पर बबलू की पत्नी सुदेश की 10वीं की मार्कशीट फर्जी साबित हुई, जिसके बाद यह चुनावी रंजिश पिछले पांच साल के दौरान 6 लोगों को काल का ग्रास बना चुकी है. बलजीत की RTI लगाने के बाद बबलू व उसकी पत्नी व परिवार के सदस्यों को धोखाधड़ी के केस में जेल जाना पड़ा, जिसके बाद से बबलू गुट ने बलजीत के परिवार के तीन सदस्यों की हत्या कर दी, जो अब सोनीपत जेल में है.
बीती सांय बलजीत गुट के महेंद्र व अजीत पर 10 राउंड फायर चले, जिसमें 50 वर्षीय महेंद्र की मौके पर ही मौत हो गई तथा अजीत हिसार के एक निजी अस्पताल में 8 गोलियां लगने के बाद जिंदगी व मौत के बीच जूझ रहा है. इस घटनाक्रम के बाद अब सरपंच पक्ष के लोगों ने सरपंच को सुरक्षा दिए जाने की मांग उठाई है. मृतक के चाचा राजसिंह ने कहा कि चुनावी रंजिश के चलते यह हत्या की गई है तथा उनके भतीजे अजीत को 8 गोलियां लगी है.
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उन्होंने बताया कि वह जीवन व मौत के बीच जूझ रहा है. जब तक सुरक्षा नहीं दी जाएगी, तब तक वे मृतक महेंद्र के शव की अंत्येष्टि नहीं करेंगे. उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि हत्या के 18 घंटे से अधिक बीत जाने के बाद भी आरोपी गिरफ्तार नहीं हुआ. वही एसएचओ संदीप शर्मा ने कहा कि पोस्टमार्टम व परिजनों की शिकायत के आधार पर मामला दर्ज कर कार्रवाई की जा रही है. उन्होंने कहा कि चुनावी रंजिश के चलते इस घटनाक्रम को अंजाम दिए जाने की सूचना उनके पास पहुंची है. विभिन्न पहलुओं से पुलिस मामले की जांच कर रही है.