Haryana News: देश के हर माता-पिता का सपना होता है कि उनके बच्चे बड़े होकर उनकी पहचान बनें. इंद्रसेन व सुनीता देवी के सपने को उनके बेटे अंकित चौधरी ने ये साबित कर दिखाया है. पानीपत बिंझौल गांव के रहने वाले अंकित चौधरी लेफ्टिनेंट बनकर सबका हौसला अफजाई किया है.
Trending Photos
Haryana News: हर बच्चे का ये सपना होता है कि जिस स्कूल में वो पढ़ता है या फिर जिस स्कूल से वो पासआउट हुआ है वहां उसे एक स्पेशल ट्रीटमेंट मिले. कई बार फिल्मों में भी इस बात का जिक्र होता है कि जिस स्कूल में बच्चा पढ़ता था वहीं पर वो 'चीफ गेस्ट' बनकर पहुंचा हो. ऐसा ही कुछ कर दिखायाय है पानीपत के लाल अंकित चौधरी ने. अंकित चौधरी लेफ्टिनेंट बनने के बाद पानीपत पहुंचे, जहां किंडर किन सीनियर सेकेंडरी स्कूल में उनका स्वागत किया गया. अंकित ने यहीं से अपनीस्कूलिंग पूरी की थी.
देश के हर माता-पिता का सपना होता है कि उनके बच्चे बड़े होकर उनकी पहचान बनें. इंद्रसेन व सुनीता देवी के सपने को उनके बेटे अंकित चौधरी ने ये साबित कर दिखाया है. पानीपत बिंझौल गांव के रहने वाले अंकित चौधरी बचपन में जो देशभक्ति की भावना के खेल खेलते थे वह अब फौज में लेफ्टिनेंट पद पर नियुक्त होकर असलियत में कर दिखाया है.
अंकित चौधरी को बचपन से ही परिवार में फौज का माहौल मिला. क्योंकि पिता इंद्रसेन फौज में थे तो फौज की वर्दी को देखकर उन्होंने भी आर्मी में जाने का सपना संयोज लिया था. इसके साथ अंकित चौधरी के सपनों को उड़ान और अधिक मिली जब उनकी बहन प्रीति चौधरी लेफ्टिनेंट बनीं और अब फौज में कैप्टन के पद पर कार्य कर रही हैं.
लेफ्टिनेंट अंकित चौधरी ने बताया कि पिताजी की यूनिफॉर्म की देखकर फौज में जाकर देश की सेवा करने का सपना लिया तो बहन प्रीति का आर्मी में कैप्टन पद पर कार्य करने से उन्हें फौज में जाने की प्रेरणा को बल मिला. उन्होंने कहा कि पिताजी और बहन की प्रेरणा से मेहनत रंग लाई और आज देश की सेवा करने का सौभाग्य मिल रहा है. अंकित ने बताया कि आर्मी पब्लिक स्कूल चंडी मंदिर से शिक्षा ग्रहण करने के बाद चितकारा यूनिवर्सिटी से बीटेक पास की और टेक्निकल प्रक्रिया के जरिए फौज में भर्ती हुआ. उन्होंने बताया कि इंडियन मिल्ट्री एकेडमी देहरादून से 11 महीने की ट्रेनिंग के बाद वह लेफ्टिनेंट बना. अंकित ने कहा कि लेफ्टिनेंट बनने से पहले 5 दिन का एसएसबी का प्रोसेस होता है उन 5 में बहन कैप्टन प्रीति से काफी कुछ सीखा था.
बड़ी बहन प्रिया चौधरी ने कहा कि बहन और भाई के फौज में जाने से बड़ी खुशी हो रही है. क्योंकि बचपन में जो माहौल घर में देखा दोनों को कैरियर के साथ-साथ देश की सेवा करने का भी सौभाग्य मिल रहा है. पिता इंद्रसेन ने कहा कि बेटे के लेफ्टिनेंट बनने पर बड़ा गर्व महसूस कर रहा हूं. उन्होंने कहा कि बेटा-बेटी दोनों मेरे पद चिन्हों पर चल रहे हैं. मैं यही कामना करता हूं कि जिस ईमानदारी और मेहनत से हमने फौज में सेवा की है इस तरह से ही दोनों सेवा करते रहे.
ये भी पढ़ें: 5 साल के कार्यकाल में पूरे काम नहीं करवा पाया लेकिन शहर की तस्वीर को जरूर बदला दूंगा
अंकित की माता सुनीता देवी ने कहा कि मन मे खुशी इतनी अधिक हो रही है कि भावनाओं को शब्दों में बयान नहीं कर सकती हूं. माता ने कहा कि बचपन से बेटे का सपना था व काफी उतार-चढ़ाव के बाद लेफ्टिनेंट के लिए चयन होने के साथ मेहनत सफल हुई है. उन्होंने कहा कि देशभक्ति की भावना बचपन में खेल-खेल में देखे थे अब वह असलियत में दिख रहा है. माता सुनीता देवी ने बेटे के भविष्य में सफल होने की कामना करते हुए कहा कि आज इस बात से बड़ा गर्व महसूस हो रहा है कि आज हम अंकित व प्रीति के नाम से पहचाने जाते हैं.
स्कूल की प्रिंसिपल नीलम नारंग ने कहा कि यह हमारे लिए बड़े गर्व की बात है कि अंकित ने हमारे स्कूल से शिक्षा ग्रहण की है. प्रिंसिपल ने कहा कि हमारे स्कूल का उद्देश्य है कि बच्चों को अच्छी शिक्षा व संस्कारों के साथ बच्चों का भविष्य बनाना है. यह सब शिक्षित स्टाफ के वजह से हो रहा है. प्रिंसिपल ने कहा कि हमारे स्कूल से काफी बच्चे विदेश में पढ़ने के साथ डॉक्टर बन रहे हैं. बता दें इंद्रसेन 2014 में लेफ्टिनेंट पद से रिटायर हुए थे.