New Education Policy: नई शिक्षा नीति से बढ़ी अभिभावकों की परेशानी, पहली कक्षा में प्रवेश पर फंसा पेंच
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New Education Policy: नई शिक्षा नीति से बढ़ी अभिभावकों की परेशानी, पहली कक्षा में प्रवेश पर फंसा पेंच

New Education Policy: नई शिक्षा नीति के तहत साढ़े 5 साल के बच्चों को ही पहली क्लास में दाखिला मिल सकता है, जिसकी वजह से बच्चों के एडमिशन में परेशानी हो रही है.

New Education Policy: नई शिक्षा नीति से बढ़ी अभिभावकों की परेशानी, पहली कक्षा में प्रवेश पर फंसा पेंच

New Education Policy: केंद्र सरकार द्वारा घोषित की गई नई शिक्षा नीति बच्चों और उनके अभिभावकों के लिए परेशानी की वजह बन गई है. इस नीति के तहत साढ़े 5 साल के बच्चों को ही पहली क्लास में दाखिला मिल सकता है, जबकि काफी संख्या में ऐसे बच्चे हैं जो 1 अप्रैल की कट ऑफ डेट के मुताबिक साढ़े 5 नहीं हो रहे हैं. ऐसे में बच्चों को दोबारा से यूकेजी में ही पढ़ना पड़ेगा.

नई शिक्षा नीति की वजह से बच्चों के एडमिशन में परेशानी हो रही है, जिसे देखते हुए अभिभावकों का कहना है कि नीति में परिवर्तन किया जाए. राज्य में लाखों की संख्या में ऐसे बच्चे हैं जो 1 अप्रैल की कट ऑफ डेट के मुताबिक साढ़े 5 साल से कम के हैं. ये सभी बच्चे यूकेजी पास कर चुके हैं और उन्हें फर्स्ट क्लास में दाखिला मिलना चाहिए. लेकिन  नई शिक्षा नीति के तहत अगर वो 1 अप्रैल को साढ़े पांच साल के हो गए हैं तभी उन्हें फर्स्ट क्लास में दाखिला मिल पाएगा. साढे़ पांच साल से कम आयु वाले बच्चों को पहली कक्षा में प्रवेश नहीं मिलेगा, जबकि वह फर्स्ट क्लास में दाखिले के हकदार हैं. इसमें से कई बच्चे ऐसे हैं, जो साढ़े पांच साल की आयु में 2 महीने, 1 महीने और 10 दिन कम हैं, लेकिन नई शिक्षा नीति के अनुसार ये सभी पहली क्लास में दाखिले के पात्र नहीं हैं. 

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अभिभावकों का कहना है कि नई शिक्षा नीति की वजह से उन्हें परेशानी उठानी पड़ रही है, बच्चे ने यूकेजी की पढ़ाई पूरी कर ली है और उसमें साल भर यूनिफॉर्म, किताबें, फीस सहित अन्य खर्चे आए. अब अगर फिर से बच्चा उसी क्लास में पढ़ता है तो इससे समय और पैसे दोनो बर्बाद होंगे, इसलिए नीति में परिवर्तन होना चाहिए. 

वहीं जिला शिक्षा अधिकारी विनोद कुमार का कहना है कि केंद्र सरकार द्वारा घोषित नई शिक्षा नीति के तहत साढ़े 5 वर्ष के बच्चे को ही फर्स्ट क्लास में दाखिला दिए जाने का प्रावधान है. अभिभावकों की तरफ से शिकायतें आ रही हैं, जिसकी वजह से मुख्यालय को मार्गदर्शन के लिए लिखा गया है, उम्मीद है इसका अगले कुछ दिनों में समाधान होगा. 

राज्य में हजारों की संख्या में ऐसे बच्चे हैं जो 1 अप्रैल 2023 यूकेजी कक्षा पास कर चुके हैं, लेकिन नई शिक्षा नीति के अनुसार उनकी आयु साढ़े पांच साल से कम है. ऐसे में अब अभिभावक इसमें बदलाव की मांग कर रहे हैं. ऐसा माना जा रहा है कि शिक्षा विभाग की तरफ से जल्द ही इस विषय को लेकर दिशा-निर्देश जारी किए जाएंगे, जिससे अभिभावकों को उनकी परेशानी का समाधान मिलेगा.

Input- Kulwant Singh

 

 

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