Jind News: मोबाइल वाटर टेस्टिंग वैन करेगी जींद के 300 गांव में पानी की टेस्टिंग, तुरंत पता लगेगी क्वालिटी
Advertisement
trendingNow0/india/delhi-ncr-haryana/delhiharyana2370739

Jind News: मोबाइल वाटर टेस्टिंग वैन करेगी जींद के 300 गांव में पानी की टेस्टिंग, तुरंत पता लगेगी क्वालिटी

Jind News:  हरियाणा सरकार की स्वच्छ जल मुहिम के तहत मोबाइल वाटर टेस्टिंग वैन 12 अगस्त तक जींद के 300 गांव में पानी की क्वालिटी चेक करेगी. एसडीएम ने वैन को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया. 

Jind News: मोबाइल वाटर टेस्टिंग वैन करेगी जींद के 300 गांव में पानी की टेस्टिंग, तुरंत पता लगेगी क्वालिटी

 

Jind News: हरियाणा सरकार की स्वच्छ जल मुहिम के तहत मोबाइल वाटर टेस्टिंग वैन गांव-गांव जाकर पीने के पानी की जांच कर रही है. इसी क्रम में हरियाणा के जींद में एसडीएम ने मोबाईल टेस्टिंग वैन को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया. ये वैन जिले के 300 गांवों में जाकर पीने के पानी की जांच करेगी, जिससे ग्रामीण ये जान सकेंगे वो जिस पानी की इस्तेमाल कर रहे हैं वो सही है या नहीं. 

हरियाणा सरकार द्वारा जनता को स्वच्छ जल उपलब्ध करवाने के लिए मोबाइल वाटर टेस्टिंग वैन की शुरुआत की गई है. ये वैन जींद जिले में 5 अगस्त से 12 अगस्त तक 300 गांवों में पानी का सैंपल एकत्र करके उसकी रिपोर्ट मुख्यालय भेजेगी. जहां पानी की गुणवत्ता को चेक करके बताया जाएगा कि किस गांव के पानी की क्वालिटी कैसी है. 

ये भी पढ़ें- Jind News: स्वतंत्रता दिवस पर सम्मानित होंगी मेधावी बेटियां, करेंगी ध्वजारोहण

जिला सलाहकार जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग जींद रणधीर मदाना ने कहा कि जन स्वास्थ्य विभाग द्वारा जिले के सभी 300 गांव में मोबाइल वाटर टेस्टिंग वैन भेजी जा रही है, जिससे हर गांव में पानी की गुणवत्ता का पता चल सके. ग्रामीण जिस पानी को पी रहे हैं वो स्वच्छ है भी या नहीं इसकी टेस्टिंग वैन द्वारा जांच की जाएगी. हरियाणा सरकार द्वारा शुरू की गई इस योजना में हर जिले में वैन चलाई जा रही है. ये जींद, उचाना, नरवाना, उझाना सहित सभी इलाकों में पानी की गुणवत्ता की जांच करेगी. 

कई बार लोगों को संदेह होता है कि जो पानी वो पी रहे है वो पीने के लायक है या नहीं है.  मोबाइल वैन पानी को मौके पर ही चेक करके बताती है कि वो पानी पीने के लायक ये या नहीं है. पानी के सैंपल देने के बाद ही वैन में उपभोक्ता इसकी जानकारी ले सकते हैं. वहीं जलघर, ट्यूवबेल से लिए गए पानी की रिपोर्ट पंचकूला मुख्यालय भेजी जाती है. जहां पर नरवाना औऱ पंचकूला की रिपोर्ट का मिलान किया जाता है, ताकि पता चल सकें कि दोनों रिपोर्ट एक जैसी हैं.

इनपुट- गुलशन चावला