Haryana News: HC ने केंद्र सरकार और मुक्केबाजी महासंघ को जारी किया नोटिस, BFI गठित चयन समिति को चुनौती
Advertisement
trendingNow0/india/delhi-ncr-haryana/delhiharyana2058340

Haryana News: HC ने केंद्र सरकार और मुक्केबाजी महासंघ को जारी किया नोटिस, BFI गठित चयन समिति को चुनौती

Haryana High Court: राष्ट्रीय कोचिंग के लिए मुक्केबाजों के चयन के लिए बीएफआई द्वारा गठित चयन समिति को चुनौती देने वाली याचिका को लेकर जारी गया है. यह याचिका मुक्केबाज अमित पंघाल की ओर से लगाई गई थी. चयन समिति पेरिस ओलंपिक 2024 तक सभी आगामी अंतर्राष्ट्रीय चैंपियनशिप/टूर्नामेंट के लिए खिलाड़ियों का चयन करने की नीति बनाने को लेकर गठित की गई है. 

Haryana News: HC ने केंद्र सरकार और मुक्केबाजी महासंघ को जारी किया नोटिस, BFI गठित चयन समिति को चुनौती

Haryana News: पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट ने केंद्र सरकार और भारतीय मुक्केबाजी महासंघ (BFI) को नोटिस जारी किया है. भारतीय मुक्केबाज अमित पंघाल ने चुनौती देते हुए हाईकोर्ट में याचिका दायर की है. 

यह नोटिस राष्ट्रीय कोचिंग के लिए मुक्केबाजों के चयन के लिए बीएफआई द्वारा गठित चयन समिति को चुनौती देने वाली याचिका को लेकर जारी गया है. यह याचिका मुक्केबाज अमित पंघाल की ओर से लगाई गई थी. चयन समिति पेरिस ओलंपिक 2024 (Paris Olympics 2024) तक सभी आगामी अंतर्राष्ट्रीय चैंपियनशिप/टूर्नामेंट के लिए खिलाड़ियों का चयन करने की नीति बनाने को लेकर गठित की गई है. 

कोर्ट में अमित पंघाल के वकील सज्जन सिंह मलिक ने दलील दी कि समिति का गठन केंद्र सरकार द्वारा बनाए गए राष्ट्रीय खेल विकास संहिता (NSDC) 2011 के प्रविधानों का पूरी तरह उल्लंघन  है. मलिक ने कोर्ट को बताया कि बीएफआई ने 10 जनवरी 2023 को समिति का गठन किया था और समिति ने 22 नवंबर 2023 को अपनी बैठक में अन्य बातों के साथ-साथ पेरिस ओलंपिक 2024 तक एलीट मुक्केबाजों के लिए चयन नीति को अंतिम रूप दिया. याचिका में समिति की बैठक द्वारा तय नीति को रद्द करने की मांग की गई क्योंकि उक्त समिति का गठन एनएसडीसी 2011 के परविधान का उल्लंघन कर किया गया है. चयन मानदंड दो से तीन साल पहले सभी संबंधित एथलीटों को प्रसारित और समझाया जाना था, जो खेल संहिता के अनुसार अनिवार्य है.

ये भी पढ़ें: सब्जी की रेहड़ी तो कहीं टॉर्च की लाइट में महिला की डिलवरी, स्वास्थ्य सेवा ठप- AAP

साथ ही कोर्ट को यह भी बताया गया कि पॉलिसी अपूर्ण रूप में अपलोड की गई थी. इसके अलावा बीएफआई के नियमों के अनुसार बीएफआई की जनरल काउंसिल नीतियां तैयार करने के लिए सक्षम है. 28 अक्टूबर 2016 को खेल मंत्रालय के माध्यम से केंद्र सरकार द्वारा बीएफआई को मान्यता प्रदान की गई थी. खेल  मंत्रालय की खेल संहिता व सरकार के निर्देशों का उल्लंघन करने पर  बीएफआई  की मान्यता वापिस ली जा सकती है.
 
हाई कोर्ट  को  बताया गया कि खेल संहिता के खंड 8.5 के अनुसार बीएफआई की विवादित कार्रवाई उसे निलंबन और उसकी मान्यता वापस लेने के लिए उत्तरदायी बनाती है. याचिकाकर्ता, जो अर्जुन अवार्डी-2022 ने भी बीएफआई की मान्यता को निलंबित करने या वापस लेने और भारतीय मुक्केबाजी महासंघ के कार्यों को पूरा करने के लिए तदर्थ समिति का गठन करने या कोई अन्य उचित व्यवस्था करने के निर्देश देने की मांग की है.

मामले में खास बात यह है कि याचिकाकर्ता अमित पंघाल ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर आठ स्वर्ण पदक, तीन रजत पदक और चार कांस्य पदक जीते हैं. वह 51 किलोग्राम भार वर्ग में 2023 का  स्वर्ण पदक विजेता, मुक्केबाजी में राष्ट्रीय चैम्पियन भी हैं.

Input: VIJAY RANA

Trending news