गुरुग्राम में लागू होने जा रही GRAP, उद्योगपती बोले सरकार ऐसे निर्णय लेने से पहले कोई विकल्प दे
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गुरुग्राम में लागू होने जा रही GRAP, उद्योगपती बोले सरकार ऐसे निर्णय लेने से पहले कोई विकल्प दे

बढ़ते प्रदूषण को लेकर गुरुग्राम में सरकार ग्रेडिड रिस्पोंस एक्शन प्लान लागू करने जा रही है. इसके तहत कल से डीजी सैट के संचालन पर प्रतिबंध लग जाएगा. वहीं उद्योगपती बोले 24 घंटे बिजली मिले तो डीजी सेट का इस्तेमाल करने की जरूरत ही न पड़े.

 

गुरुग्राम में लागू होने जा रही GRAP, उद्योगपती बोले सरकार ऐसे निर्णय लेने से पहले कोई विकल्प दे

देवेंद्र भारद्वाज/गुरुग्राम: गुरुग्राम ग्रैप लागू करने को लेकर बिजली मंत्री रणजीत चौटाला ने गुरुग्राम के उद्योगपतियों से मुलाकात की. इस मौके पर इंडस्ट्री एसोसिएशन की तरफ से यह मांग की गई है कि अभी ग्रैप को लागू न किया जाए. बिजली मंत्री रणजीत चौटाला के साथ हुई इस मीटिंग में किसी तरह का निष्कर्ष नहीं निकल पाया है.

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दिल्ली एनसीआर में दिवाली से पहले ही वायु प्रदूषण कि हालात बिगड़ने लगते हैं. हालात यह हो जाते हैं कि दिन में प्रदूषण का काला गुबार आसमान में छा जाता है. जिसको देखते हुए अब गुरुग्राम जिले में ग्रेडिड रिस्पोंस एक्शन प्लान (ग्रैप) लागू होने जा रहा है. इसके तहत जिले में पहली अक्तुबर यानी कल से डीजी सैट के संचालन पर प्रतिबंध लग जाएगा. जिस वजह से इंडस्ट्रीज नुकसान का सामना करना पड़ सकता है.

उद्योगपतियों की मानें तो जन्म सेट पर प्रतिबंध लगाने से समस्या का समाधान नहीं होगा. इससे इंडस्ट्रियों को केवल नुकसान का सामना करना पड़ेगा. उन्होंने यह भी कहा कि सरकार अगर इंडस्ट्रीज को 24 घंटे बिजली मुहैया करा दे तो उनको डीजी सेट का इस्तेमाल करने की जरूरत ही न पड़े, लेकिन अगर बिजली नहीं होगी तो उपकरण बनाने वाली मशीन कैसे काम करेगी. उन्होंने कहा कि कुछ मशीनें तो ऐसी है, जिनको 24 घंटे बिजली चाहिए होती है तभी वह काम करती हैं वरना भारी नुकसान का सामना करना पड़ सकता है. उद्योगपतियों का यह भी कहना है कि सरकार इस तरह के फैसले लेने से पहले कोई विकल्प दिया करें. इस तरह के फैसले थोपने से इंडस्ट्रीज को बहुत नुकसान होता है.

इस बैठक में किसी तरह का कोई निष्कर्ष नहीं निकला, लेकिन बिजली मंत्री रणजीत चौटाला ने कहा है कि सरकार उद्योगपतियों को पूरी बिजली देने की कोशिश कर रही है. कुछ औद्योगिक क्षेत्रों में 24 घंटे बिजली देने का प्रयास सरकार की तरफ से किया गया है.

वहीं दूसरी तरफ उद्योगपतियों ने इस पूरे मामले को लेकर अब एनजीटी को भी एक पत्र लिखा है कि उद्योगपतियों को कुछ थोड़ा समय दिया जाए. जिससे कि वह पूरी तरह से डीजल जनरेटर को कंपनियों से हटा सके. उद्योगपतियों ने भी साफ कर दिया है कि यदि उनको बिजली 24 घंटे मिलेगी तो जनरेटर कि उनको आवश्यकता ही नहीं है.