इंग्लैंड से आया कैथल का सरपंच, पिता का सपना किया पूरा, अनिल विज ने कहा ये...
Advertisement

इंग्लैंड से आया कैथल का सरपंच, पिता का सपना किया पूरा, अनिल विज ने कहा ये...

हरियाणा में पंचायत चुनाव लड़ने के लिए एक प्रत्याशी इंग्लैंड से आया. इसके बाद चुनाव जीतकर आज उसने गृह मंत्री अनिल विज से मुलाकात की. इतना ही नहीं वोट डलवाने के लिए उसने विदेशों में रह रहे 100 से ज्यादा लोगों को वोट डालने के लिए गांव में बुलाया. 

इंग्लैंड से आया कैथल का सरपंच, पिता का सपना किया पूरा, अनिल विज ने कहा ये...

अमन कपूर/अंबाला: हरियाणा के पंचायत चुनाव में एक अनूठा चुनाव देखने को मिला. जहां पर एक इंग्लैंड के व्यक्ति ने कैथल के गांव प्रेमपुरा में आकर सरपंची का चुनाव लड़ा और जीत भी हासिल की. इसके साथ ही लगभग 100 लोगों ने विदेश से आकर अपने गांव में सरपंची के चुनाव में वोट डाली है. जीत हासिल करने के बाद सरपंच पति अनिल विज से उनके निवास स्थान पर मिलने पहुंचे. इस दौरान सरपंच पति ने अनिल विज को सरोपा पहनाया और अपनी खुशी जाहिर की.

ये भी पढ़ें: शुरू में कांटे की टक्कर, लेकिन धीरे-धीरे कैसे एकतरफा होता गया आदमपुर का उपचुनाव

इस समय हरियाणा में पंचायती चुनावों का माहौल है, जिसकी वजह से हरियाणा पंचायत चुनाव से जुड़ी खबरे बहुत सुनी होगी, लेकिन हरियाणा के जिला कैथल के गांव प्रेमपुरा की खबर हटकर है. यहां का सरपंची चुनाव हटकर इसलिए है, क्योंकि वोटिंग प्रक्रिया के दौरान विदेशों से वोट डालने के लिए लगभग 100 लोग अपने गांव प्रेमपुरा में पहुंचे. सरपंच का चुनाव लड़ने के लिए सरपंच खुद इंग्लैंड से अपने गांव प्रेमपुरा में पहुंचे. उन्होंने चुनाव लड़ा और जीत भी हासिल की. सरपंच बनने के बाद गांव प्रेमपुरा के लोग अनिल विज से मिलने पहुंचे. वहीं ज्यादा जानकारी देते हुए सरपंच प्रतिनिधि ने बताया कि उनके पिता पहले चुनाव लड़ते थे उनकी रोड एक्ससिडेंट में मृत्यु के बाद पिता का संकल्प चुनाव लड़कर पूरा किया है. इंग्लैंड में रहने के बावजूद इंडिया आकर चुनाव लड़ा और जीत भी हासिल की. इस दौरान गांव के जितने भी लोग विदेशों में रहते थे उनसे भी अपील की थी कि वो भी आकर वोट करें. इसके बाद सभी विदेश में रहने वाले निवासियों ने भी आकर वोट डाली और हमने जीत हासिल की.

वहीं अनिल विज ने इस दौरान कहा कि ये हरियाणा का अनूठा चुनाव है. कैथल के गांव प्रेमपुरा में इंग्लैंड के रहने वाले व्यक्ति ने अपने पिता के संकल्प को पूरा किया है. ये अपने देश की माटी की खुशबू है जो इन्हें यहा खींच लाई और जिसके बाद इन्होंने सरपंची का चुनाव लड़ा और जीता भी. इसके साथ ही विदेशों में रहने वाले लगभग 100 लोगों ने भी इस चुनाव प्रक्रिया में हिस्सा लिया और विदेश से आकर सरपंच पद के लिए वोट किया.

Trending news