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Haryana Crime: सोनीपत में युवती द्वारा प्रेम विवाह करने से नाराज भाई और पिता ने गला रेतकर उसकी हत्या कर दी थी. इस मामले में सोमवार को कोर्ट ने फैसला सुनाते हुए युवती के पिता और उसके भाई को फांसी की सजा सुनाई है. दोनों पर आरोप लगा था कि उन्होंने षडयंत्र रचकर युवती की हत्या की है. अदालत ने धारा-302 व 34 में युवती के भाई और पिता को फांसी की सजा सुनाई है.
परिवार वाले शादी से नहीं थे खुश
वहीं, अदालत ने मामले में चार आरोपितों को सबूतों के अभाव में बरी कर दिया है. सोनीपत के गांव गढ़ी हकीकत निवासी अर्जुन ने 7 सिंतबर 2019 को पुलिस से शिकायत की थी कि करीब सवा साल पहले गांव खंदराई की रितु उम्र 23 वर्ष से उसने प्रेम विवाह किया था. अर्जुन का ननिहाल खंदराई गांव में पड़ता है. दोनों के विवाह से अर्जुन के परिजन तो खुश थे, लेकिन रितु के परिजन खुश नहीं थे.
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बेटी की हत्या में शामिल मां
शादी के बाद धीरे-धीरे रितु की बातचीत उसकी बहन से और मां से होने लगी. इसी बीच जब रितु की तबियत खराब हुई तो उसके घर वालों ने सलाह दी कि वो गोहाना के एक निजी क्लिनिक में आकर उपचार कराए. इसके साथ ही इसी बहाने परिवार ने उससे मुलाकात करने की भी बात कही. रितु ने उनकी बातों पर विश्वास कर लिया और अर्जुन के साथ गोहना के लिए रवाना हो गई, लेकिन उसे कहां पता था वहां मौत उसका इंतजार कर रही है. रितु वहां पहुंचती इससे पहले रितु की मां, उसकी बहन व उसका भाई संदीप अपने साथियों के साथ मिलकर जाल बिछा चुका था. जब वो दोनों वहां पहुंचे तो परिजनों ने बहाने से रितु व अर्जुन को अलग-अलग कर दिया. रितु की बहन अंजू व उसकी मां रितु को गोल-गप्पे खाने के बहाने अस्पताल से बाहर ले गईं. इसके बाद वहां संदीप ने अपने साथियों के साथ मिलकर रितु का अपहरण कर लिया और उसे सीधे उसे अपने गांव ले आया.
तेज हथियार से गला रेत दिया
घर लाकर संदीप ने तेजधार हथियार से रितु का गला रेतकर उसको मौत के घाट उतार दिया. वहीं, अंजू और उसकी मां अस्पताल में अर्जुन को अकेले छोड़कर गायब हो गईं. बहन की हत्या करने के बाद संदीप अपने साथियों के साथ दोबारा अस्पताल पहुंचा और वहां मौजूद अर्जुन पर तेजधार हथियार से हमला करने का प्रयास किया, लेकिन वह बच गया और जान बचाकर अर्जुन वहां से भाग निकला, लेकिन संदीप ने साथियों के साथ मोटरसाइकिल पर उसका पीछा किया. अर्जुन कई मकानों की छतों पर चढ़कर और दीवारों को फांदकर एक व्यक्ति के मकान में जा छुपा.
भागकर बचाई जान
इसके बाद अर्जुन ने इस संबंध में शहर थाना में सूचना दी, जिसके बाद एसएचओ महिपाल सिंह अपनी टीम के साथ गांव खंदराई पहुंचे तो रितु अपने घर में मृत मिली. पुलिस के पहुंचने से पहले रितु के परिजन वहां से फरार हो चुके थे. पुलिस ने शव का पोस्टमार्टम करवाकर परिजनों को सुपुर्द कर दिया. इस मामले में सोमवार को एएसजे शैलेंद्र सिंह की अदालत ने युवती के पिता उमेद सिंह व भाई संदीप उर्फ लाला को दोषी मानते हुए फांसी की सजा सुना दी. अदालत ने वारदात में नामजद किए गए चार अन्य आरोपितों को सबूतों के अभाव में बरी कर दिया.
इनपुट- सुनिल कुमार